वंशानुगत मेटाबोलिक विकार, ऐसी आनुवंशिक समस्याएँ होती हैं, जो मेटाबोलिक मार्ग में गड़बड़ियाँ उत्पन्न करती हैं, जिनके कारण अंग क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
मेटाबोलिक विकार सैकड़ों प्रकार के होते हैं और उनमें से अधिकांश बहुत ही दुर्लभ होते हैं।
आनुवंशिकी
आनुवंशिकी का मतलब है, जीन्स का एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरण होना। बच्चों में जीन उनके माता-पिता से ट्रांसफ़र होते हैं।
मेटाबोलिज़्म से जुड़ी आनुवंशिक बीमारियाँ तब होते हैं, जब बच्चों में उनके माता-पिता से मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करने वाले जीन आते हैं। आनुवंशिक बीमारियों के कई प्रकार होते हैं। अधिकांश वंशानुगत मेटाबोलिक विकारों में पीड़ित बच्चे के माता और पिता दोनों के शरीर में असामान्य जीन की 1 प्रति पाई जाती है। क्योंकि इस विकार के विकसित होने के लिए, असामान्य (रिसेसिव) जीन की 2 प्रतियाँ ज़रूरी होती हैं, इसलिए आम तौर पर माता और पिता दोनों में से किसी को यह विकार नहीं होता है। कुछ वंशानुगत मेटाबोलिक विकार X-लिंक्ड होते हैं, जिसका मतलब है कि असामान्य जीन की 1 ही प्रति, लड़कों में यह विकार उत्पन्न कर सकती है।
मेटाबोलिज़्म
लोगों के खाए और पीये जाने वाली ज़्यादातर चीज़ें इतनी जटिल होती हैं कि शरीर को उन्हें छोटे टुकड़ों में तोड़ना पड़ता है। इस प्रक्रिया के कई चरण हो सकते हैं। इन छोटे हिस्सों को बिल्डिंग ब्लॉक की तरह इस्तेमाल किया जाता है, जिनसे मिलकर ऐसा मैटीरियल बनता है जिसकी हमें ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरत होती है। इन मैटीरियल को बनाने की प्रक्रिया के भी कई चरण हो सकते हैं। मुख्य बिल्डिंग ब्लॉक ये हैं
मेटाबोलिज़्म हमारे निगले गए पदार्थों को तोड़ने और उनका रूपांतरण करने की एक जटिल प्रक्रिया है।
मेटाबोलिज़्म की प्रक्रिया रासायनिक पदार्थों द्वारा की जाती है जिन्हें एंज़ाइम कहते हैं, जो शरीर में पाए जाने वाले सेल से बनते हैं। अगर एक आनुवंशिक असामान्यता एक एंज़ाइम के काम पर असर पड़ता है या इसकी कमी या ये पूरी तरह खत्म हो जाते हैं, तो मेटाबॉलिज़्म से जुड़ी कई बीमारियाँ हो सकती हैं। ये बीमारियाँ आमतौर पर इनमें से एक या दोनों की वजह से हो सकती हैं:
किसी पदार्थ को तोड़ नहीं पाना जिसे तोड़ा जाना चाहिए, जिसकी वजह से एक ज़हरीला पदार्थ बनता है
कुछ ज़रूरी पदार्थ को नहीं बना पाना
मेटाबॉलिज़्म से जुड़ी बीमारियों को उस बिल्डिंग ब्लॉक के हिसाब से वर्गीकृत किया जाता है जिस पर असर पड़ा है।
मेटाबॉलिज़्म से जुड़ी आनुवंशिक बीमारियों का निदान
प्रीनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट
नवजात शिशु स्क्रीनिंग जांच
जन्म से पहले, भ्रूण में मेटाबोलिज़्म से जुड़ी कुछ आनुवंशिक बीमारियों (फ़िनाइलकीटोनयूरिया और लिपिडोसेस) का निदान किया जा सकता है, जिसके लिए एम्नियोसेंटेसिस या कोरियोनिक विलस सैंपलिंग जैसी प्रीनेटल स्क्रीनिंग की जाती है। आमतौर पर, मेटाबॉलिज़्म से जुड़ी आनुवंशिक विकार का निदान ब्लड टेस्ट या ऊतक के नमूने की जांच करके यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि एक विशिष्ट एंज़ाइम की कमी है या वह मौजूद नहीं है। कभी-कभी आनुवंशिकी जांच भी की जाती है।
जन्म के बाद, इन बीमारियों का पता लगाने के लिए नियमित नवजात शिशु स्क्रीनिंग टेस्ट किए जाते हैं। देखें कि अमेरिका में सरकार किन स्थितियों में स्क्रीनिंग करती है और इसमें आपको नवजात शिशुओं के सभी स्क्रीनिंग परीक्षणों की सूची मिल जाएगी। हालांकि, नवजात शिशुओं की मैटाबॉलिज़्म से जुड़ी ऐसी आनुवंशिक बीमारियों के लिए जांच नहीं की जाती है, जो आम तौर पर नहीं होती हैं और जब डॉक्टर को इस बीमारी का संदेह हो, तभी वे इसकी जांच करते हैं।
शारीरिक जांच के दौरान, डॉक्टर को मेटाबोलिज़्म की कोई आनुवंशिक बीमारी होने का शक हो सकता है। लक्षणों से भी संकेत मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए, जिन बच्चों के यूरिन में मीठी महक होती है उन्हें मेपल सिरप यूरिन डिजीज हो सकती है या जिन बच्चों के पैरों से पसीने की बदबू आती है उन्हें आइसोवेलेरिक एसिडेमिया हो सकता है। आँखों की समस्या, बढ़ा हुआ लिवर या स्प्लीन, दिल की समस्याएँ (जैसे कार्डियोमायोपैथी), या मांसपेशियों की कमजोरी जैसे लक्षण मेटाबॉलिज़्म की आनुवंशिक बीमारियों का लक्षण हो सकती हैं।
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेजी भाषा के संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इन संसाधनों की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
Conditions Screened by State: इस संसाधन से अमरीकी उपयोगकर्ताओं को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि उनके राज्य में नवजात शिशुओं की किन दशाओं के लिए जांच की जाती है।
National Organization for Rare Disorders (NORD): इस संसाधन से माता-पिता और परिवार को दुर्लभ बीमारियों के बारे में जानकारी मिलती है, जिसमें दुर्लभ बीमारियों की एक सूची, सहायता समूह और क्लिनिकल ट्रायल रिसोर्स शामिल हैं।
जेनेटिक एंड रेयर डिजीज इंफ़ॉर्मेशन सेंटर (GARD): इस संसाधन से आनुवंशिक और दुर्लभ बीमारियों के बारे में आसानी से समझ आने वाली जानकारी मिलती है।