- डाइटरी सप्लीमेंट का विवरण
- अडेप्टोजेन
- एपोएक्वारिन
- अश्वगंधा
- एस्ट्रैग्लस
- ब्राह्मी
- ब्लैक कोहोश
- कैनाबिडिओल (CBD)
- कैमोमाइल
- कोंड्रोआइटिन सल्फ़ेट
- क्रोमियम
- कोएंज़ाइम Q10 (CoQ10)
- क्रैनबेरी
- क्रिएटिन
- डीहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन (DHEA)
- एकिनेशिया
- फीवरफ़्यू
- फ़िश ऑइल (मछली का तेल)
- लहसुन
- अदरक
- जिन्क्गो
- जिनसेंग
- ग्लुकोसामाइन
- गोल्डनसील
- ग्रीन टी
- तुलसी
- इंट्रावीनस विटामिन थेरेपी (मायर्स कॉकटेल)
- कावा
- मुलेठी
- मेलेटोनिन
- मिल्क थिस्ल
- मल्टीविटामिन और मेगाविटामिन
- रीशी
- रोडियोला
- एस-एडेनोसाइल-एल-मीथियोनीन (SAMe)
- सॉ पाल्मेटो
- सेंट जॉन्स वोर्ट
- वेलेरियन
- ज़िंक सप्लीमेंट
ब्राह्मी का विज्ञानीय नाम बकोपा मोनिएरा है।
ब्राह्मी एक छोटा पौधा है, जो पूरे एशिया के साथ-साथ दक्षिण अमेरिका, हवाई और फ्लोरिडा में दलदल वाले क्षेत्रों में उगता है।
इस पौधे को बकोपा, इंडियन पेनीवॉर्ट, वाटर हिसप और हर्ब ऑफ़ ग्रेस के नाम से भी जाना जाता है।
इसके सामान्य नाम ब्राह्मी को एक पूरी तरह से अलग पौधे गोटू कोला (सेंटेला एशिएटिका) से भी जोड़ा जा सकता है, जिसमें ब्राह्मी के समान औषधीय गुण होते हैं। दोनों पौधों को अडेप्टोजेन्स माना जाता है।
सदियों से भारत में, इसके पूरे पौधे को एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
ब्राह्मी के सक्रिय संघटकों में "बेकोसाइड्स" का एक मिश्रण होता है, यह माना जाता है कि वे तंत्रिका की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और समझ को बेहतर बनाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस पौधे के संघटकों में एंटीऑक्सिडेंट और सूजन मिटाने वाली खूबियां होती हैं। एंटीऑक्सिडेंट, कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, जो कोशिका की सामान्य गतिविधि के सक्रिय बाय-प्रोडक्ट हैं।
पौधे का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है:
जड़ी-बूटी के रूप में खाया जाता है
सुखाकर पाउडर बनाया जाता है, जिसे मक्खन के साथ मिलाया जा सकता है
डाइटरी सप्लीमेंट (आहार पूरक) में गोली और कैप्सूल के रूप में, ब्राह्मी को अकेले या अन्य जड़ी बूटियों के साथ मिलाया जाता है
(डाइटरी सप्लीमेंट का विवरण भी देखें।)
ब्राह्मी के लिए दावे
इस जड़ी-बूटी से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के दावे की लंबी सूची में शामिल हैं:
याददाश्त और समझ को बेहतर बनाती है
न्यूरोसिस, हाईपरटेंशन, चिंता, मिर्गी, अस्थमा, लेप्रसी, ट्यूबरक्लोसिस और त्वचा रोगों का इलाज करता है
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करती है
सांप के काटने का इलाज करती है
अल्जाइमर रोग और अटेंशन डेफ़िसिट-हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) के लक्षणों से राहत देता है या लक्षणों में देरी लाता है
पाचन में सुधार करती है
ब्राह्मी के लिए प्रमाण
ब्राह्मी या किसी भी अन्य यौगिक (कंपाउंड) से इतने सारे स्वास्थ्य लाभ होने की संभावना बहुत कम है। इसलिए, ऐसे अनगिनत लाभों की पुष्टि करने वाले प्रमाण बहुत कम हैं। लोगों पर ऐसा कोई उच्च-स्तरीय अध्ययन नहीं है, जो बताता हो कि ब्राह्मी याददाश्त या संज्ञानात्मक कार्य में सुधार के लिए या किसी विकार के उपचार में असरदार है।
कोशिकाओं और जानवरों के अध्ययन से पता चलता है कि स्वास्थ्य पर ब्राह्मी से नीचे बताए गए प्रभाव हो सकते हैं, लेकिन लोगों में हुए अध्ययन में इन निष्कर्षों की पुष्टि नहीं की गई है:
जब सूजन कई स्वास्थ्य स्थितियों में उच्च स्तर पर होती है (जैसे कैंसर, हृदय रोग और डायबिटीज में), तो उसके स्तर को कम करती है
घबराहट और तनाव से बचाती है
ब्लड प्रेशर को कम करती है
कैंसर की कोशिकाओं को मारती है
लोगों में किए गए अध्ययनों से यह पता चलता है कि ब्राह्मी से स्वास्थ्य लाभ मिलने के दावों के ज़्यादा प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। इनमें से ज़्यादातर या सभी अध्ययन छोटे पैमाने पर किए गए हैं (100 प्रतिभागियों से कम) और खराब गुणवत्ता वाले हैं। इन अध्ययनों से पता चलता है कि स्वास्थ्य पर ब्राह्मी से नीचे बताए गए प्रभाव भी हो सकते हैं:
ध्यान देने की क्षमता और याददाश्त को बेहतर बनाती है
दिखने वाली सूचना को तेज़ी से प्रोसेस करने में मदद करती है
बच्चों में अटेंशन डेफ़िसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर के लक्षणों को कम करता है
दौरे पड़ने से रोकने में मदद करती है
घबराहट को घटाती है
ब्राह्मी के दुष्प्रभाव
ब्राह्मी के सामान्य दुष्प्रभावों में पेट खराब होना, मतली, दस्त, और/या थकान शामिल हैं। कुछ प्रमाण यह भी बताते हैं कि शायद ब्राह्मी
दिल की धड़कन की रफ़्तार को धीमा कर सकती है, जो उन लोगों में समस्या हो सकती है जिनकी दिल की धड़कन पहले से ही धीमी है
आंतों से चीज़ों के होकर जाने को धीमा कर सकती है, यह उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है जिनकी आंतों में कोई रुकावट है और इस वजह से आंतों से भोजन या तरल पदार्थ का होकर जाने में समस्या आ सकती है
अल्सर को बिगाड़ सकती है, क्योंकि ब्राह्मी से पेट और आंतों में खून का रिसाव बढ़ सकता है
फेफड़ों में तरल पदार्थ के रिसाव को बढ़ा सकती है और ऐसा होने पर, अस्थमा और फेफड़ों की अन्य स्वास्थ्य स्थिति खराब हो जाती है
थायरॉइड हार्मोन के स्तर को बढ़ाती है जो थायरॉइड विकार वाले लोगों के लिए असुरक्षित हो सकता है
मूत्र-मार्ग में रुकावट (यूरिनरी ऑब्सट्रक्शन) को बढ़ा सकती है, क्योंकि ब्राह्मी से मूत्र मार्ग में खून का रिसाव बढ़ सकता है
ब्राह्मी के साथ दवा का इंटरैक्शन
ब्राह्मी और अन्य दवाओं के बीच इंटरैक्शन के बारे में बहुत कम प्रमाण उपलब्ध हैं।
चूंकि ब्राह्मी के सेवन से थायरॉइड हार्मोन के स्तर बढ़ सकते हैं, इसलिए थायरॉइड हार्मोन की दवाएँ लेने वाले लोगों को ब्राह्मी नहीं लेनी चाहिए।
ब्राह्मी और फ़्लोक्सेटीन जो कि एक एंटीडिप्रेसेंट है, उसे साथ में लेने से भ्रम, उत्तेजना और ब्लड प्रेशर या तापमान में परिवर्तन जैसे लक्षण हो सकते हैं।
ब्राह्मी से मस्तिष्क, दिल और शरीर के अन्य भागों में कुछ केमिकल्स के स्तर भी बढ़ सकते हैं। कुछ दवाएँ, जैसे कि अल्जाइमर रोग और ग्लूकोमा का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ जिनमें पाइलोकार्पिन, डोनेपेज़िल और टैक्रिन शामिल हैं, इन केमिकल्स को प्रभावित कर सकती हैं।
ब्राह्मी अन्य दवाओं के स्तर को भी बढ़ा सकती है, जैसे कि ब्लड थिनर वारफ़ेरिन, डायबिटीज की दवाएँ जैसे ग्लिपीज़ाइड, ब्लड प्रेशर कम करने वाली कुछ दवाएँ जैसे कि डिल्टियाज़ेम या लोसार्टन या कुछ कीमोथेरेपी दवाएँ जैसे कि एटोपोसाइड, विनब्लास्टिन या विंक्रिस्टाइन।
ब्राह्मी के लिए सुझाव
लोगों में किए गए उच्च-स्तरीय अध्ययनों में ब्राह्मी के किसी भी लाभकारी स्वास्थ्य प्रभाव की पुष्टि नहीं की गई है।
ब्राह्मी का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है (किसी आयुर्वेदाचार्य से सलाह लिए बिना), क्योंकि ऐसे कोई पक्के लाभ मालूम नहीं चले हैं जो नुकसानदेह बुरे असर होने की संभावना को दूर कर सकें।
ब्राह्मी शायद ज़्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है। हालांकि,
गर्भवती महिलाओं और पेट के अल्सर, थायरॉइड रोग, आंतों में समस्या, मूत्र-मार्ग में समस्या (यूरिनरी ऑब्सट्रक्शन), धीमी हृदय गति या फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों को ब्राह्मी नहीं लेना चाहिए।
जो लोग कुछ खास दवाएँ लेते हैं (फ़्लोक्सेटीन, थायरॉइड हार्मोन और अल्जाइमर रोग, ग्लूकोमा, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के इलाज के लिए दवाएँ सहित), उन्हें ब्राह्मी लेने से पहले, अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।