फीवरफ़्यू एक झाड़ीदार बारहमासी जड़ी बूटी है। इसके सूखे पत्तों का उपयोग कैप्सूल, टैबलेट और तरल अर्क के रूप में किया जाता है। पार्थेनोलाइड्स और ग्लाइकोसाइड्स इसके सक्रिय संघटक माने जाते हैं।
(डाइटरी सप्लीमेंट का विवरण भी देखें।)
फ़ीवरफ़्यू के लिए दावे
लोग अक्सर माइग्रेन के सिरदर्द को रोकने और सूजन का इलाज करने के लिए फीवरफ़्यू लेते हैं। इसका उपयोग मनोदशा में सुधार और अस्थमा, मासिक धर्म के दर्द, रोज़ेशिया, और अर्थराइटिस के इलाज के लिए भी किया जाता है और कहा जाता है कि इसमें एंटीकैंसर गुण होते हैं।
फ़ीवरफ़्यू के लिए प्रमाण
6 अलग-अलग अध्ययनों ने यह प्रमाणित किया है कि माइग्रेन को रोकने में फीवरफ़्यू की प्रभावशीलता के नतीजे काफ़ी अलग-अलग हैं, लेकिन हाल ही में एक बड़ा अध्ययन किया गया था, जिसमें हर महीने होने वाले माइग्रेन की संख्या में थोड़ी कमी देखी गई। उपयोग किए गए फीवरफ़्यू की खुराक और इसके अलग-अलग फॉर्मूलेशन की वजह से अध्ययन के निष्कर्षों में यह अंतर हो सकता है।
अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के अध्ययन में पाया गया कि फीवरफ़्यू से इन लक्षणों में आराम नहीं पहुँचता है। कोई भी मज़बूत वैज्ञानिक अध्ययन इससे होने वाले अन्य स्वास्थ्य लाभों के दावे का समर्थन नहीं करता है।
फ़ीवरफ़्यू के दुष्प्रभाव
फीवरफ़्यू लेने वाले लोगों में मुंह के छाले, त्वचा में जलन (डर्माटाईटिस) और हल्का पाचन बिगड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। फीवरफ़्यू के कारण स्वाद बदल सकता है और दिल की धड़कन की गति बढ़ सकती है। बच्चों या गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए फीवरफ़्यू न देने की सलाह दी जाती है। गर्भवती महिलाओं में, फीवरफ़्यू देने से गर्भाशय सिकुड़ सकता है और गर्भपात हो सकता है। इसके अलावा, फीवरफ़्यू से एलर्जिक दाने पड़ सकते हैं।
अचानक फीवरफ़्यू सप्लीमेंट लेना बंद करने से माइग्रेन बिगड़ सकता है और घबराहट और अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
रैगवीड (हे फीवर) या अन्य संबंधित पौधों (जैसे डेज़ी, गेंदा, और क्राइसेंथेमम) से एलर्जी वाले लोगों को फीवरफ़्यू से भी एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है।
संभावित रक्तस्राव के कारण फ़ीवरफ़्यू को सर्जरी से 2 सप्ताह पहले बंद कर देना चाहिए।
फ़ीवरफ़्यू के साथ दवा का इंटरैक्शन
फ़ीवरफ़्यू, रक्त के क्लॉट बनने से रोकने वाली दवाओं (एंटीकोग्युलेन्ट), माइग्रेन वाले सिरदर्द से निपटने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं और बिना स्टेरॉइड वाली एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAID) के संपर्क में आने पर प्रतिक्रिया दे सकता है। यह प्लेटलेट्स (खून में मौजूद कण, जो खून के रिसाव को रोकने में मदद करते हैं) की क्लॉटिंग बनने की सामान्य प्रवृत्ति को कम कर सकता है।
फ़ीवरफ़्यू के लिए सुझाव
हो सकता है कि फीवरफ़्यू मासिक माइग्रेन की आवृत्ति को कम करता हो, लेकिन ऐसा कोई भी असर बहुत कम अवधि का होता है।
जिन लोगों को हे फ़ीवर है या कुछ पौधों से एलर्जी है या जो एंटीकोग्युलेन्ट, माइग्रेन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य दवाएँ या बिना स्टेरॉइड वाली एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAID) लेते हैं, उन्हें फ़ीवरफ़्यू लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को फीवरफ़्यू नहीं लेना चाहिए।
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ नेशनल सेंटर फ़ॉर कॉम्प्लीमेंटरी एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ: फीवरफ़्यू