लहसुन एक जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग कई वर्षों से खाना पकाने और दवा में किया जाता रहा है। जब लहसुन की गाँठ को काटा या कुचला जाता है, तो ऐलिसिन नाम का एक एमिनो एसिड उप-उत्पाद निकलता है। लहसुन में तेज़ गंध और औषधीय गुण ऐलिसिन ही ज़िम्मेदार है।
चूँकि लहसुन को कुचलने पर इसके सक्रिय संघटक नष्ट हो जाते हैं, इसलिए लहसुन के अलग-अलग रूपों में सक्रिय संघटक की मात्रा बहुत अलग-अलग होती है। एज्ड गार्लिक एक्सट्रैक्ट (AGE) यानी पुराने लहसुन का अर्क, जो कम से कम 20 महीनों तक के पुराने लहसुन से बनता है, इसमें लहसुन के ज़्यादातर रूपों की तुलना में ज़्यादा स्थिर सक्रिय यौगिक होते हैं। लहसुन सप्लीमेंट का इस रूप में सेवन करने से सबसे ज़्यादा स्वास्थ्य लाभ होता है और प्रतिकूल प्रभाव कम होते हैं।
(डाइटरी सप्लीमेंट का विवरण भी देखें।)
लहसुन के लिए दावे
लहसुन प्लेटलेट्स (खून में मौजूद कण, जो खून के रिसाव को रोकने में मदद करते हैं) की क्लॉटिंग बनने की सामान्य प्रवृत्ति को कम करता है। चूँकि लहसुन सूक्ष्मजीवों (जैसे बैक्टीरिया) को प्रजनन करने से रोकता है, इसलिए इसमें कुछ एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल प्रभाव भी होते हैं। इसके लाभों का समर्थन करने वाले यह भी दावा करते हैं कि लहसुन
खून में लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) के कोलेस्ट्रोल के स्तरों को कम करता है
कैंसर के जोखिम को कम करता है, विशेष रूप से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के जोखिम को
ब्लड शुगर का स्तर कम करता है
यह भी कहा जाता है कि लहसुन सामान्य सर्दी को रोकने और नॉन-अल्कोहल फ़ैटी लिवर से जुड़े रोग (NAFLD) का इलाज करने में मदद करता है।
लहसुन के लिए प्रमाण
लहसुन के सप्लीमेंट के लिए, खास तौर पर AGE के लिए सबसे पुख्ता प्रमाण उपलब्ध है, यह ब्लड प्रेशर को कम करता है। बड़ी खुराक में लहसुन से सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर थोड़ा कम हो सकता है।
लहसुन के कोलेस्ट्रोल कम करने के प्रभाव को लेकर अलग-अलग प्रमाण हैं, लेकिन अध्ययन यह बताते हैं कि यह कुल कोलेस्ट्रोल और लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL)—खराब—कोलेस्ट्रोल का स्तर घटाता है, जो शायद दिल का दौरा जैसी दिल की समस्याओं के जोखिम को अर्थपूर्ण ढंग से कम करने के लिए काफ़ी है।
वैज्ञानिक प्रमाण दिखाते हैं कि लहसुन खाने से और लहसुन को सप्लीमेंट के तौर पर उपयोग करने से कैंसर से सीमित बचाव हो भी सकता है और हो सकता है कि ऐसा न हो।
7 अध्ययनों का मेटा-एनालिसिस बताता है कि लहसुन से फ़ास्टिंग ब्लड शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है।
ज़्यादातर अध्ययनों में एज्ड गार्लिक एक्सट्रैक्ट यानी पुराने लहसुन के अर्क का उपयोग किया गया है। लहसुन की गंध को कम करके या हटाकर बनाए गए फॉर्मुलेशन बेअसर हो सकते हैं, इसीलिए उनका अध्ययन करने की आवश्यकता है।
लहसुन के दुष्प्रभाव
आमतौर पर सांस, शरीर और स्तन के दूध में लहसुन जैसी गंध आने के अलावा लहसुन से कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता। हालांकि, ज़्यादा लहसुन खाने से जी मिचलाने और मुंह, इसोफ़ेगस और पेट में जलन होने जैसी समस्याएं हो सकती है।
लहसुन के साथ दवा का इंटरैक्शन
लहसुन को थोड़ी मात्रा में भोजन के साथ खाया जा सकता है और इससे कोई दवा का इंटरैक्शन नहीं होता। हालांकि, लहसुन, बड़ी मात्रा में सप्लीमेंट के रूप में लेने पर, यह रक्त के क्लॉट को बनने से रोकने वाली दवाओं (जैसे कि वारफ़ेरिन) के संपर्क में आने पर इंटरैक्ट कर सकता है, जिससे खून के रिसाव का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, लहसुन को सर्जरी से 2 सप्ताह पहले या दाँतों की प्रक्रिया करवाने से पहले सप्लीमेंट के रूप में नहीं खाना चाहिए या नहीं लेना चाहिए।
लहसुन, ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं (जैसे सैक्विनावीर) के संपर्क में आने पर इंटरैक्ट कर सकता है, जिससे उनका असर कम हो जाता है, और लहसुन का रक्त शर्करा के स्तर को कम करने वाली दवाओं के साथ संपर्क में आने पर भी इंटरैक्ट कर सकता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाता है।
लहसुन ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवाओं के असर को भी बढ़ा सकता है, और इस तरह ब्लड प्रेशर बहुत कम होने का जोखिम हो सकता है। लहसुन, टेक्रोलिमस (ट्रांसप्लांट किए गए अंग की अस्वीकृति को रोकने के लिए एक दवा) के साथ संपर्क में आने पर इंटरैक्ट भी कर सकता है, जिसकी वजह से टेक्रोलिमस का स्तर बढ़ जाता है और लिवर को नुकसान पहुँच सकता है। पशुओं में अध्ययनों से पता चला है कि लहसुन आइसोनियाज़िड के स्तर को कम करता है।
लहसुन के लिए सुझाव
लहसुन ब्लड प्रेशर, कुल कोलेस्ट्रोल और LDL कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करता है और फ़ास्टिंग वाली रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। इस तरह, लहसुन कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। लहसुन वैसे तो सुरक्षित है, लेकिन लोगों को लहसुन लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए, अगर वे
उन्हें डायबिटीज या HIV है
वे एंटीकोग्युलेन्ट ले रहे हैं
वे एंटी-हाइपरटेंसिव ले रहे हैं (हाई ब्लड प्रेशर के लिए)
अंग ट्रांसप्लांट की अस्वीकृति को रोकने के लिए दवाएँ लें
ट्यूबरक्लोसिस जैसी बीमारियों के इलाज के लिए दवाएँ लें
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ नेशनल सेंटर फ़ॉर कॉम्प्लीमेंटरी एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ: लहसुन