कैनाबिडिओल (CBD), कैनाबिस सैटिवा पौधे में मौजूद एक केमिकल है।
कैनेबिनॉइड कहे जाने वाले, 80 से अधिक केमिकल्स वाले इस पौधे को मेरुआना या हेम्प भी कहा जाता है।
कैनाबिस में दो प्रमुख संघटक हैं: टेट्राहाइड्रोकैनेबिनॉल (THC) और CBD।
कैनाबिस (भांग का पौधा) का नशीला प्रभाव THC की वजह से होता है और यही पौधे के स्वास्थ्य-संबंधी लाभों में भी योगदान दे सकता है।
THC के विपरीत, CBD विषैला नहीं होता।
वैज्ञानिकों का मानना है कि कीड़ों, बैक्टीरिया, फ़ंगस और पर्यावरण के तनाव से कैनाबिस (भांग के पौधे) का बचाव कैनेबिनॉइड खुद ही करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि CBD, दर्द, मनोदशा और मानसिक कार्यशीलता को नियंत्रित करने में मदद करने वाले, मस्तिष्क में मौजूद केमिकल को टूटने से रोकता है।
CBD, सॉफ़्टजैल, टैबलेट, कैप्सूल, तेल, गम, लिक्विड एक्सट्रैक्ट (तरल अर्क) और वेप जूस (जिन इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में भरा जा सकता हो उनके लिए) के रूप में उपलब्ध होता है।
इनमें से कुछ प्रॉडक्ट में केवल CBD होता है और अन्य में अन्य संघटकों के साथ में CBD होता है।
कई प्रॉडक्ट जिनमें CBD मौजूद होता है वे अपने लेबलों में CBD की मात्रा के बारे में गलत दावे करते हैं और एक ही प्रॉडक्ट में CBD का कंसन्ट्रेशन कभी-कभी अलग-अलग होता है। उदाहरण के लिए, एक अध्ययन में पाया गया कि केवल 31% CBD प्रॉडक्ट को सटीक रूप से लेबल किया गया था; 43% में लेबल पर लिखी मात्रा की तुलना में ज़्यादा CBD था और 26% में लेबल पर लिखी मात्रा की तुलना में कम था। इसके अलावा, THC (या मेरुआना) 21% प्रॉडक्ट में मौजूद पाया गया।
(डाइटरी सप्लीमेंट का विवरण भी देखें।)
कैनाबिडिओल के लिए दावे
आम तौर पर, सुरक्षित और असरदार दवा के रूप में CBD का एकमात्र इस्तेमाल, कुछ खास दौरे पड़ने के विकारों (सीज़र डिसऑर्डर) के इलाज में किया जाता है।हालांकि, कुछ लोग CBD का इस्तेमाल कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए करते हैं, जिनमें शामिल हैं:
बाइपोलर विकार
दर्द
चिंता
क्रोह्न रोग
मधुमेह
नींद की समस्या
मल्टीपल स्क्लेरोसिस
हेरोइन, मॉर्फ़ीन और अन्य ओपिओइड ड्रग्स (अफ़ीम वाली दवाओं) से दूर रहने (विथड्रॉल) के दौरान
कैनाबिडिओल के लिए प्रमाण
तीन अध्ययनों से पता चला है कि एक शुद्ध CBD प्रॉडक्ट, केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही उपलब्ध होता है, जो कि वयस्कों और बच्चों में मिर्गी के 2 बहुत कम मिलने वाले प्रकार के दौरों को कम करता है। इन अध्ययनों में, जब लोग अन्य एंटीसीज़र दवाएँ भी ले रहे थे, इसके साथ-साथ उन्हें CBD उत्पाद देकर 14 सप्ताह तक उनका इलाज किया गया। CBD इलाज से दौरे पड़ने की संख्या में कमी आई, साथ ही, दौरे कम बार होने लगे और दौरे पड़ने की गंभीरता भी कम हुई।
CBD से संबंधित अन्य स्वास्थ्य दावों पर किए गए शोध में लोगों पर किए ऐसे अध्ययन शामिल हैं जो या तो छोटे पैमाने पर किए गए और/या खराब गुणवत्ता वाले हैं।
एक छोटे पैमाने पर किए अध्ययन में पाया गया कि CBD, हेरोइन यूज़ डिसऑर्डर वाले संयमी लोगों में घबराहट और तलब के लक्षणों को कम कर सकता है।
छोटे पैमाने पर किए गए एक और अध्ययन में पाया गया कि सीज़ोफ़्रेनिया के लिए, एंटीसाइकोटिक दवाओं से इलाज करने वाले लोगों में CBD ने साइकॉसिस के लक्षणों को कम किया।
कई पहले किए गए और अवलोकन संबंधी अध्ययनों से पता चलता है कि दर्द, घबराहट, नींद की समस्या और कोलाइटिस सहित कुछ स्थितियों में CBD के लाभकारी प्रभाव हो सकते हैं। हालांकि, जो अन्य प्रमाण उपलब्ध हैं वे बताते हैं कि ये लाभ मामूली हैं और इन अध्ययनों की महत्वपूर्ण सीमाएं हैं (उदाहरण के लिए, अलग-अलग अध्ययनों के अलग तरह के नतीजे आना, प्लेसिबो के साथ कोई तुलना न हो पाना)।
कैनाबिडिओल के दुष्प्रभाव
CBD शायद मुंह से लेने या जीभ के नीचे स्प्रे करने के लिए सुरक्षित है। हालांकि, CBD के बुरे असर हो सकते हैं, जैसे मुंह सूखना, ब्लड प्रेशर कम होना, दस्त लगना, भूख में कमी होना, मनोदशा में बदलाव होना, सिर चकराना और नींद आना।
CBD से लिवर को नुकसान पहुँच सकता है, खासकर अगर इसका इस्तेमाल डॉक्टर की निगरानी में नहीं किया जाता है।
कुछ CBD प्रॉडक्ट में मौजूद संदूषक भ्रूण या शिशुओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए हो सकता है कि CBD गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित न हो।
लिवर की बीमारी से प्रभावित जो लोग CBD का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें स्वस्थ लोगों की तुलना में इसकी कम खुराक लेनी चाहिए।
CBD की ज़्यादा खुराक, पार्किंसन रोग से प्रभावित लोगों में कंपकंपी और अन्य अनचाही हलचलों को बदतर बना सकती है।
पशुओं में किए अध्ययन के अनुसार, CBD से शुक्राणु वृद्धि और उनका विकास कम हो जाता है और अंडकोष का आकार भी घट जाता है, इसलिए यह पुरुषों में प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
कुछ CBD प्रॉडक्ट सॉल्वेंट्स से दूषित होते हैं, जिनमें से कुछ सॉल्वेंट्स से कैंसर भी हो सकता है, साथ ही, इन संदूषकों में कीटनाशक, हैवी मैटल, बैक्टीरिया और फ़ंगस भी हो सकते हैं। इनमें से कुछ संदूषक भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
यूटा में बेचे जाने वाले एक सिंथेटिक प्रॉडक्ट के कारण कुछ बहुत ज़्यादा ज़हरीलेपन देखे गए।
कैनाबिडिओल के साथ दवा का इंटरैक्शन
CBD शरीर में कुछ दवाओं के टूटने की प्रक्रिया को तेज़ या धीमा कर सकता है और इस तरह शरीर में इन दवाओं का लेवल कम हो सकता है या बढ़ सकता है।
रक्त में CBD के स्तर को बढ़ाने वाली दवाओं के उदाहरणों में ये शामिल हैं:
मिर्गी का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाएँ (जिनमें ब्रिवारासेटम, कार्बेमाज़ेपाइन, क्लोबेज़ेम और टोपिरामेट शामिल हैं)
एवरोलिमस और टेक्रोलिमस ऐसी दवाएँ हैं, जिनका इस्तेमाल, उदाहरण के लिए, अंग ट्रांसप्लांटेशन के बाद त्यागने को रोकने के लिए किया जाता है
मेथाडोन (ओपिओइड की लत का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है)
एमीट्रिप्टाइलिन (एक ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट है, जिसे कभी-कभी क्रोनिक दर्द के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है), वारफ़ेरिन (खून पतला करने वाली दवा), ओमेप्रेज़ोल (एक प्रकार की दवा जिसे प्रोटोन पंप इन्हिबिटर कहा जाता है और पेट में एसिड बनने को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है [दस्त लग सकते हैं]), निकोटीन, लिथियम (मूड स्टेबलाइज़र), और कीटामाइन (कभी-कभी डिप्रेशन का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एनेस्थेटिक) सहित अन्य दवाएँ
CBD अन्य तरीकों से दूसरी दवाओं के इंटरैक्ट कर सकता है, जैसे कि
सिडेटिव, जैसे बेंज़ोडाइज़ेपाइन, फ़ेनोबार्बिटल, और मॉर्फ़ीन, साथ ही शराब भी: CBD से नींद आने और आलस जैसे अनुभव हो सकते हैं, इसलिए CBD और सिडेटिव को साथ में लेने की वजह से, लोग बहुत ज़्यादा नींद आने जैसा महसूस कर सकते हैं।
फ़ेनिटॉइन और रिफ़ैम्पिन: CBD के स्तर को कम कर सकते हैं।
लेवोथायरोक्सिन, वारफ़ेरिन और कुछ एंटीसीज़र दवाएँ: CBD इन दवाओं के रक्त के लेवल को बढ़ा सकता है, जिससे उनका प्रभाव तेज़ी से और बढ़ सकता है।
वैल्प्रॉइक एसिड: वैल्प्रॉइक एसिड और CBD दोनों ही लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए CBD और वैल्प्रॉइक एसिड इन दोनों को साथ में देने से लिवर को नुकसान पहुँचने की संभावना बढ़ सकती है।
कैनाबिडिओल के लिए सुझाव
एक शुद्ध CBD उत्पाद, जो केवल प्रिस्क्रिप्शन पर ही उपलब्ध होता है, दूसरी एंटीसीज़र दवाएँ ले रहे वयस्कों और बच्चों में मिर्गी के 2 बहुत कम होने वाले प्रकार के सीज़र्स को कम करता है, उनकी संख्या में कमी लाता है और इसकी गंभीरता तथा बारंबारता भी कम होती है।
लोगों में किए गए उच्च-स्तरीय अध्ययनों में CBD के किसी भी लाभकारी स्वास्थ्य प्रभाव की पुष्टि नहीं की गई है।
CBD के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे मुंह सूखना, ब्लड प्रेशर कम होना, दस्त लगना, भूख में कमी होना, मनोदशा में बदलाव होना, सिर चकराना, और नींद आना। हालांकि, CBD के गंभीर दुष्प्रभाव कम ही होते हैं, पर संभवतः ज़्यादातर लोगों के लिए यह सुरक्षित है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और लिवर की बीमारी, पार्किंसन रोग से प्रभावित लोग, और जो पुरुष बाप बनना चाहते हैं, उन्हें CBD नहीं लेना चाहिए।
नींद लाने वाली अन्य दवाएँ लेते समय या शराब पीते समय CBD लेने से बहुत ज़्यादा नींद आ सकती है, जो खतरनाक हो सकता है।
जो लोग दवाएँ लेते हैं (जिसमें सिडेटिव, एंटीसीज़र दवाएँ, कुछ एंटीडिप्रेसेंट, वैल्प्रॉइक एसिड और ट्रांसप्लांट किए गए अंग को त्यागने से रोकने के लिए ली जाने वाली दवाएँ शामिल हैं) उन्हें CBD लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
CBD से संबंधित नियम जटिल और भ्रमित करने वाले हैं। अगर कोई व्यक्ति CBD लेने का विकल्प चुनता है, तो उसे ऐसी मेडिकल डिस्पेंसरी से उत्पाद खरीदना चाहिए, जिसके पास "सर्टिफ़िकेट ऑफ़ ऑथेंटिसिटी" हो।
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ नेशनल सेंटर फ़ॉर कॉम्प्लीमेंटरी एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ: कैनेबिस (भांग) और कैनेबिनॉइड: आपको क्या पता होना चाहिए