वेपिंग का मतलब है बैटरी से चलने वाले डिवाइस से उत्पन्न हुई भाप (वाष्पशील तरल) का कश खींचना। भाप में निकोटीन, टेट्राहाइड्रोकैनेबिनॉल (THC) और कैनाबिनॉइड (CBD) ऑइल्स, और अन्य पदार्थ, फ्लेवर्स और एडिटिव्स मौजूद हो सकते हैं। हालांकि तरल संघटक गर्म होने से भाप बन जाते हैं, लेकिन इसमें सिगरेट सुलगाने जैसा कोई काम नहीं होता; जो "धुआं" दिखता है, वह पानी से बनी भाप के कारण होता है।
संघटक
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) में सक्रिय पदार्थ है लिक्विड निकोटीन; इसमें तंबाकू का कोई अन्य उत्पाद मौजूद नहीं होता है। शुरूआत में तम्बाकू की लत छोड़ने में लोगों की मदद करने वाले एक डिवाइस के रूप में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और वेपोराइज़र की मार्केटिंग की गई थी, लेकिन ई-सिगरेट पीने वाले निकोटीन की लत नहीं छोड़ पाते। ई-सिगरेट्स को धूम्रपान की आदत छुड़ाने वाले डिवाइस के रूप में यू.एस. फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की मंज़ूरी नहीं मिली है।
कुछ लोग निकोटीन के अलावा अन्य सक्रिय संघटकों को सांस में लेने के लिए वेपोराइज़र का उपयोग करते हैं, इनमें भांग, हशीश का तेल, सिंथेटिक भांग (सभी तीनों के लिए THC), और एम्फ़ैटेमिन के सक्रिय संघटक शामिल हैं।
व्यावसायिक तौर पर बनाए गए वेपिंग लिक्विड्स में, पानी और सक्रिय संघटक के अलावा, आमतौर पर प्रोपाइलीन ग्लाइकोल या वेजिटेबल ग्लिसरीन-आधारित लिक्विड के साथ-साथ फ्लेवर देने वाले और अन्य केमिकल्स के साथ-साथ थोड़ी मात्रा में मैटल भी मौजूद होते हैं। अवैध रूप से बनाए गए वेपिंग एजेंटों में अनचाहे निष्क्रिय संघटक होने की संभावना होती है, जिनमें से कुछ संघटक, जैसे कि विटामिन ई एसीटेट, वेपिंग से फेफड़ों को होने वाले नुकसान की वजह बन सकते हैं।
वेपिंग की जटिलताएं
वेपिंग से ये जटिलताएं हो सकती हैं
धूम्रपान न करने वालों में निकोटीन का उपयोग होना, जिससे निकोटीन की लत लग सकती है
फेफड़ों को गंभीर नुकसान होना
एक चिंताजनक बात यह भी है कि जो लोग धूम्रपान नहीं करते, खासतौर से किशोर, वे सांसों के ज़रिए निकोटीन शरीर में पहुँचने से इसके आदी हो जाते हैं।
भाप में मौजूद कुछ पदार्थ फेफड़ों को गहरे ज़ख्म पंहुचा सकते हैं और कभी-कभी मौत का कारण भी बनते हैं। सेंटर्स फ़ॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC), FDA और अन्य क्लिनिकल और पब्लिक हेल्थ पार्टनर्स राष्ट्रीय स्तर पर वेपिंग प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से फेफड़ों को होने वाली क्षति की जांच की जा रही है। (CDC: ई-सिगरेट या वैपिंग प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से जुड़े फेफड़ों के ज़ख्म का नुकसान देखें।)
THC वाले वैपिंग उत्पाद और वे भी जिनमें विटामिन ई एसीटेट होता है, वेपिंग से फेफड़ों को गंभीर नुकसान होने के मामलों से जुड़े पाए गए हैं। CDC और FDA सलाह देते हैं कि लोग THC वाली ई-सिगरेट या वेपिंग प्रोडक्ट्स इस्तेमाल न करें, खासतौर पर अनौपचारिक स्रोतों जैसे, दोस्त, परिवार, या व्यक्तिगत रूप से या किसी ऑनलाइन डीलर से खरीदकर। किसी भी ई-सिगरेट या वेपिंग, प्रोडक्ट्स में विटामिन ई एसीटेट को नहीं मिलाना चाहिए।
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेजी भाषा के संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इन संसाधनों की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
Centers for Disease Control and Prevention (CDC): ई-सिगरेट या वैपिंग प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से फेफड़ों को होने वाली क्षति: स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और स्वास्थ्य विभागों के लिए ई-सिगरेट, या वेपिंग प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से फेफड़ों को होने वाली क्षति (EVALI) की निगरानी पर आधारित सूचना संसाधन।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज़ (NIDA): संघीय एजेंसी से वेपिंग-विशिष्ट जानकारी, जो दवाई के उपयोग और उसके परिणामों में वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित है।