देश या राज्य की सीमाओं या अन्य सुरक्षा चौकियों के पार ड्रग्स की तस्करी करने के लिए, लोग स्वेच्छा से ड्रग्स से भरे पैकेट निगल सकते हैं या उन पैकेटों को शरीर की कैविटी (खुले हिस्सों) में छिपा सकते हैं।
पैकेट फटने पर, ड्रग का ओवरडोज़ हो सकता है जिससे कभी-कभी गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं।
ड्रग ओवरडोज़ के जोखिम और भावी परिणाम, कितनी ड्रग ली गई, ड्रग किस तरह की है और इसे कैसे पैक किया गया है, इसके आधार पर अलग-अलग होते हैं।
बॉडी पैकिंग
बॉडी पैकिंग में अक्सर मुंह मांगी कीमत पर बिकने वाले (हाई स्ट्रीट वैल्यू) ड्रग्स शामिल होते हैं (मुख्य रूप से हेरोइन या कोकीन)। ये ड्रग्स बाहर के देशों से आती हैं और इन्हें सरहद पार से लाने के लिए कंडोम या प्लास्टिक रैप या लेटेक्स की कई परतों में लिपटे पैकेटों में रखा जा सकता है और कभी-कभी मोम की बाहरी परत से ढका जाता है। जब बॉडी पैकर्स दवाएँ के कई पैकेट निगल लेते हैं, तो उसके बाद वे आमतौर पर पाचन तंत्र से इन नशीली दवाओं के बाहर निकाले जाने की गति को धीमा करने के लिए दवाएँ लेते हैं, जब तक कि पैकेट को वापस बाहर नहीं निकाल लिया जाता। कुछ बॉडी पैकर्स एक ही ट्रिप में सैकड़ों पैकेट निगल करके उनकी तस्करी कर सकते हैं।
पैकेट फटने पर, ड्रग का ओवरडोज़ हो सकता है जिससे कभी-कभी गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं। पैकेट आंत में रुकावट कर सकते हैं या आंतों को चोट पहुंचा सकते हैं। अगर आंत फट जाती है, तो पैकेट का सामान पेट की कैविटी में लीक हो सकता है और इससे संक्रमण—पेरिटोनाइटिस नामक एक विकार हो सकता है। फटे पैकेट से ड्रग ओवरडोज़ होने के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि दवा किस तरह की है और इनमें बार-बार दौरे पड़ना, हाई ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान बहुत अधिक होना, सांस लेने में कठिनाई और कोमा आदि लक्षण हो सकते हैं।
बॉडी स्टफिंग
बॉडी स्टफिंग, बॉडी पैकिंग की तरह ही होती है। बॉडी स्टफिंग में, लोग पुलिस द्वारा पकड़े जाने से बचने के लिए ड्रग्स के पैकेट निगल लेते हैं, लेकिन कभी-कभी वे ये पैकेट मलाशय या योनि में भी छिपा लेते हैं। बॉडी पैकिंग की तुलना में ड्रग्स की मात्रा कम होती है। लेकिन दवाएँ आमतौर पर कम सुरक्षित तरीके से लपेटी जाती हैं, इसलिए ओवरडोज़ होने का खतरा बना रहता है।
बॉडी पैकिंग और स्टफ़िंग का निदान
डॉक्टर को शक होना
बॉडी कैविटी के अंदर देखना
कभी-कभी सादा एक्स-रे या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT स्कैन) करना
संदिग्ध बॉडी पैकर्स और स्टफर्स को आमतौर पर पुलिस द्वारा डॉक्टर की जानकारी में लाया जाता है, हालांकि अगर नए यात्री और जेल में बंद हुए नए लोग कोमा या बिना किसी ज्ञात कारण के सीज़र्स के लक्षणों के साथ मौजूद हों, तो डॉक्टर को बॉडी पैकिंग का शक करना चाहिए। पैल्विक और रेक्टल जांच (बॉडी कैविटी सर्च) की जानी चाहिए, ताकि ड्रग्स के पैकेट के लिए उन जगहों पर होने की जांच की जा सके। कभी-कभी साधारण एक्स-रे करने से पाचन तंत्र में पैकेट की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है, लेकिन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में ड्रग्स के पैकेट का पता लगाने के लिए कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी सबसे संवेदनशील जांच है।
बॉडी पैकिंग और स्टफ़िंग का इलाज
ड्रग ओवरडोज़ से होने वाली मुश्किलों के लिए इलाज करना
ड्रग्स के पैकेट हटाना
कभी-कभी खास तरह की एंटीडोट देना
ओवरडोज़ (और पैकेट फट जाने की संभावना) के लक्षणों वाले लोगों के इलाज के लिए, डॉक्टर लक्षण के आधार पर सहायक देखभाल उपलब्ध कराते हैं, जिसमें सांस लेने और ब्लड प्रेशर सामान्य रखने में मदद करना और एंटीसीज़र दवाएँ देना शामिल है। कभी-कभी, कुछ नशीली दवाओं के लिए खास एंटीडोट्स का इस्तेमाल किया जाता है, अगर उपलब्ध हों।
आमतौर पर, पाचन तंत्र में बिना फटे हुए पैकेट को होल-बाउल इरीगेशन नामक एक प्रक्रिया द्वारा हटाया जा सकता है, जिसमें बहुत सारे इलेक्ट्रोलाइट सॉल्युशन के साथ पाचन तंत्र को धोया जाता है।
हालांकि, अगर पैकेट फट जाता है, तो डॉक्टर सर्जरी या एंडोस्कोप (एक नॉनसर्जिकल प्रक्रिया जिसमें कैमरे के साथ एक आसानी से अंदर जाने वाली ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है) की मदद से सभी पैकेटों को तुरंत हटाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, सर्जिकल या एंडोस्कोपिक रिमूवल में समय लग सकता है। अगर पैकेट से बहुत ज़्यादा ड्रग्स बाहर आ गई हो, तो बॉडी पैकर्स में ड्रग्स का पैकेट फटने से मौत भी हो सकती है, चूंकि ड्रग शुद्ध होती है, इसलिए इसकी डोज़ भी बहुत ज़्यादा होती है। जिन लोगों की आंतों में ब्लॉकेज (रुकावट) होता है या फट (परफ़ोरेशन) जाती हैं, तो उन्हें भी तुरंत सर्जरी की आवश्यकता होती है। एक्टिवेटिड चारकोल मुंह से दिया जाने वाला एक पदार्थ है जो ग़ैर-कानूनी ड्रग्स को सोखने के लिए मददगार हो सकता है, हालांकि, यह उन लोगों के लिए खतरनाक होता है, जिनकी आंतों में रुकावट है या फट गई हैं।
डॉक्टर आम तौर पर वजाइनल और रेक्टल पैकेट को हाथ में दस्ताने पहनकर निकाल सकते हैं।
बॉडी पैकर्स या स्टफर्स जिनमें कोई लक्षण नज़र नहीं आते, उन पर तब तक नज़र रखनी चाहिए, जब तक कि वे ड्रग्स के सभी पैकेट और कई बार बिना पैकेट के मल नहीं निकाल देते। पैकेटों को तुरंत बाहर निकालने के लिए कुछ डॉक्टर, होल-बाउल इरीगेशन का इस्तेमाल करते हैं। अगर किसी व्यक्ति में नशीली दवाई के ज़हर या ओवरडोज़ के संभावित लक्षण हों, तो डॉक्टर को पैकेट निकालने के लिए एक एंडोस्कोपी प्रोसिजर करने की ज़रूरत पड़ सकती है।