नाइट्राइट्स (एमाइल, ब्यूटाइल, या आइसोब्यूटाइल नाइट्राइट) ''पॉपर्स'', ''लॉकर रूम'', और ''रश'' जैसे सड़कछाप नामों से बेचे जाते हैं।
लोग इन दवाओं का उपयोग यह मानकर करते हैं, कि ये उत्तेजना और उत्साह की भावना पैदा करके यौन आनंद को बढ़ाती हैं। ये ड्रग्स लेने से थोड़ा-सा ब्लड प्रेशर कम कर देते हैं, चक्कर आते हैं, और तमतमाहट होती है, जिसके बाद दिल की धड़कन तेज हो जाती है। जब सिल्डेनाफ़िल (इरेक्टाइल डिस्फ़ंक्शन के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है) साथ लिया जाता है, तो ये नाइट्राइट ड्रग्स ब्लड प्रेशर को बहुत कम कर सकती हैं, जिससे बेहोशी, दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकते हैं। नाइट्राइट लेने से मेथेमोग्लोबिनेमिया नामक एक रक्त विकार भी हो सकता है, इससे ऑक्सीजन ले जाने की रक्त की क्षमता में रुकावट आती है।
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नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज़ (NIDA): संघीय एजेंसी जो नशीली दवाओं के इस्तेमाल और उसके नतीजों में वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करती है और आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली नशीली दवाओं, शोध की प्राथमिकताओं और प्रगति, क्लिनिकल रिसोर्सेस और ग्रांट तथा फ़ंडिंग के मौकों के बारे में जानकारी मुहैया कराती है।
मादक पदार्थ दुरुपयोग तथा मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रशासन (SAMHSA): अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग की एजेंसी जो व्यवहारिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों का नेतृत्व करता है और संसाधन मुहैया कराती है, जिसमें ट्रीटमेंट लोकेटर, टोल-फ़्री हेल्पलाइन, कारोबारी प्रशिक्षण उपकरण, आंकड़ों और तरह-तरह के मादक-पदार्थ संबंधी विषयों पर पब्लिकेशन शामिल हैं।