कोकेन

(क्रैक)

इनके द्वाराGerald F. O’Malley, DO, Grand Strand Regional Medical Center;
Rika O’Malley, MD, Grand Strand Medical Center
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया दिस॰ २०२२

कोकीन एक नशे की लत लगाने वाली उत्तेजक ड्रग है जो कोका पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है।

  • कोकीन एक तेज़ उत्तेजक पदार्थ है जो जागरूकता को बढ़ाता है, इसे लेने से उत्साहित होने और ताकतवर होने जैसा अहसास होता है।

  • इसकी ज़्यादा डोज़ लेने से दिल का दौरा या आघात जैसे गंभीर, जानलेवा विकार हो सकते हैं।

  • पेशाब की जांच करके इसके निदान की पुष्टि की जा सकती है।

  • सिडेटिव, जैसे कि लोरेज़ेपैम को इंट्रावीनस रूप से देने से कई लक्षणों से राहत मिल सकती है।

  • जो लोग दवाई लेना बंद कर देते हैं, उन पर कड़ी नज़र रखी जानी चाहिए क्योंकि वे अवसादग्रस्त हो सकते हैं और उन्हें दवाई से दूर रहने के लिए बहुत मदद की आवश्यकता हो सकती है।

(ड्रग्स का इस्तेमाल और दुरुपयोग भी देखें।)

कोकीन का असर भी एम्फ़ैटेमिन जैसा ही होता है। इसे नाक से खींचकर लिया जा सकता है, सीधे शिरा में इंजेक्ट किया जा सकता है, या गर्म करके और सूँघकर लिया जा सकता है। सोडियम बाइकार्बोनेट के साथ उबाले जाने पर, कोकीन एक फ्रीबेस फ़ॉर्म में परिवर्तित हो जाता है जिसे क्रैक कोकीन कहा जाता है। क्रैक कोकीन को गर्म करने से कोकीन की भाप निकलती है जिसे सूंघा जा सकता है। वाष्प को सूंघने को आमतौर पर धूम्रपान कहा जाता है, लेकिन असल में क्रैक को जलाया नहीं जाता है। क्रैक कोकीन लगभग उतनी ही तेज़ी से काम करती है जितनी तेज़ी से नसों में इंजेक्शन से दी जाने वाली कोकीन।

इसका बहुत ज़्यादा नियमित सेवन करने वाले और वे लोग जो ड्रग्स को इंट्रावीनस रूप से इंजेक्शन से लेते हैं या इसका धूम्रपान करते हैं, उनके इस पर निर्भर होने की संभावना सबसे ज़्यादा होती है। कभी-कभी सेवन करने वाले और नाक या मुंह से ड्रग्स लेने वाले लोगों के इस पर निर्भर होने की संभावना कम होती है।

कोकीन इन्टाक्सकेशन के लक्षण

कोकीन के उपयोग से, तुरंत होने वाले और लंबे समय में होने वाले, दोनों तरह के लक्षण होते हैं।

तत्काल प्रभाव

जब कोकीन को नसों में इंजेक्शन द्वारा (इंट्रावीनस रूप से) या सूँघकर लिया जाता है तब इससे बहुत ज़्यादा जागरूक होने, मदमस्त होने और बाहुबली होने का अहसास होता है। अगर कोकीन को नाक से खींचकर लिया जाए, तब ये भावनाएं कम गहरी होती हैं। चूंकि कोकीन का असर बस थोड़े समय के लिए ही रहता है, इसलिए इसे लेने वाला व्यक्ति हर 15 से 30 मिनट में इसे इंजेक्ट कर सकता है, इसका धूम्रपान कर सकता है या इसे नाक से खींचकर ले सकता है। बेहिसाब और अक्सर कई दिनों तक कोकीन लेने से थकावट महसूस होती है और नींद आती रहती है।

ओवरडोज़

ज़्यादा खुराक से निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ सकता है और कंपकंपी छूटने, बहुत डर लगने, सीज़र्स, मतिभ्रम, अनिद्रा, पैरानॉयड मतिभ्रम होने, डेलिरियम (उन्माद) और हिंसक व्यवहार की स्थिति बन सकती है। लोगों को बहुत पसीना आता है, और उनकी आँखों की पुतलियां फैल जाती हैं। बहुत ज़्यादा खुराक लेने से शरीर का तापमान जानलेवा तौर पर बढ़ जाता है (हाइपरथर्मिया)।

कोकीन का ओवरडोज़ जानलेवा हो सकता है। कोकीन ब्लड प्रेशर और हृदय गति को बढ़ाता है, और इससे हृदय की लय बिगड़ सकती है (जिसे एरिदमिया कहा जाता है)। कोकीन रक्त वाहिकाओं को संकरा कर देता है। अगर यह हृदय में रक्त वाहिकाओं को संकरा कर देता है, तो लोगों को सीने में दर्द हो सकता है, दिल का दौरा (स्वस्थ युवा एथलीटों में भी) पड़ सकता है या अचानक मृत्यु हो सकती है। कोकीन से किडनी फेल होने, आघात होने और फेफड़ों की समस्याएं भी हो सकती हैं, जिनमें सांस लेने में कठिनाई और खांसने पर खून आना ("क्रैक लंग") शामिल हैं।

दीर्घकालिक प्रभाव

लंबे समय तक इसे इस्तेमाल करने वाले लोगों में इसके लिए सहनशक्ति उत्पन्न हो सकती है, जिससे उन्हें कोकीन का वैसा ही प्रभाव हासिल करने के लिए, ज़्यादा कोकीन का उपयोग करना पड़ता है। इसका लंबे समय तक उपयोग करने से, नाक के दो हिस्सों (सेप्टम) को अलग करने वाले ऊतक को नुकसान पहुंच सकता है, जिसके कारण घाव (अल्सरेशन) हो सकता है और उसे ठीक करने के लिए सर्जरी करने की ज़रूरत पड़ सकती है। बहुत ज़्यादा कोकीन लेने से मानसिक कार्यशीलता पर खराब असर पड़ सकता है, जिससे किसी काम में ध्यान देने की क्षमता और याददाश्त भी प्रभावित होती है। बहुत लंबे समय तक कोकीन लेने से हृदय को भी नुकसान पहुंच सकता है, जिससे हृदय की मांसपेशियों में घाव का निशान पड़ना और मोटापन हो सकता है और आख़िरकार हार्ट फेलियर हो सकता है। कोकीन में कई फिलर्स, मिलावटी पदार्थ और संदूषक मौजूद हो सकते हैं जिनकी वजह से, इंजेक्शन लगाने पर संक्रमण जैसी जटिलताएं हो सकती हैं।

अगर गर्भावस्था के दौरान महिलाएं कोकीन लेती हैं, तो भ्रूण को समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है और गर्भपात हो सकता है।

विथड्रॉल के लक्षण

नशे से दूर रहने पर जो प्रतिक्रियाएं होती हैं (कोकीन वाशआउट सिंड्रोम) उनमें दवा के प्रभावों के विपरीत, बहुत थकान, नींद आना और डिप्रेशन शामिल हैं। भूख बढ़ जाती है और लोगों को ध्यान केन्द्रित करने में मुश्किल होती है। दवा लेना बंद करने पर आत्महत्या की इच्छा होने लगती है।

क्या आप जानते हैं...

  • कोकीन लेने से अचानक मौत हो सकती है।

कोकीन इन्टाक्सकेशन का निदान

  • एक डॉक्टर का मूल्यांकन

  • मूत्र परीक्षण

डॉक्टर कोकीन लेने वाले लोगों में लक्षणों के आधार पर निदान करते हैं। पेशाब की जांच करके दवा होने की पुष्टि की जा सकती है।

कोकीन इन्टाक्सकेशन का इलाज

  • व्यक्ति के शांत होने तक ध्यान रखना और निगरानी करना

  • उत्तेजना होने, हाई ब्लड प्रेशर या दौरा पड़ने पर कभी-कभी सिडेटिव

  • मनोचिकित्सा (लत छुड़ाने के लिए)

इमरजेंसी इलाज

कोकीन एक बहुत ही कम समय तक काम करने वाली ड्रग है, इसलिए इससे होने वाली असुविधाजनक प्रतिक्रियाओं का इलाज करने की ज़रूरत नहीं पड़ती। जो लोग बहुत उत्तेजित हैं या जिनकी सोचने समझने की क्षमता पर असर (डेलिरियम) पड़ा हो या जिन्हें सीज़र्स हैं या ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, उन्हें बेंज़ोडाइज़ेपाइन (सिडेटिव), जैसे कि नसों में इंजेक्शन द्वारा लोरेज़ेपैम दिया जाता है। अगर सिडेटिव से ब्लड प्रेशर नियंत्रण में नहीं आता है, तो डॉक्टर नसों में इंजेक्शन द्वारा नाइट्रेट या अन्य एंटीहाइपरटेंसिव दवाएँ दे सकते हैं। डॉक्टर बीटा-ब्लॉकर्स कही जाने वाली एंटीहाइपरटेंसिव दवाएँ देने से बचते हैं, क्योंकि इन दवाओं से कोकीन ब्लड प्रेशर को और बिगाड़ सकता है। हाइपरथर्मिया का उपचार ठंडा रखने के उपायों के साथ भी किया जाना चाहिए, जैसे कि रोगी को गीला करना और उसकी त्वचा पर हवा करना या स्पेशल कूलिंग ब्लैंकेट का उपयोग करना।

डिटॉक्सिफिकेशन एंड रिहैबिलिटेशन

लंबे समय से कोकीन का सेवन करते आने के बाद इसे बंद करने से लोगों में निराशा और आत्महत्या की भावनाएं पैदा हो सकती हैं, इसलिए उन पर क़रीब से निगरानी रखने की ज़रूरत पड़ सकती है। किसी अस्पताल या दवा उपचार केंद्र में जाकर मिलना आवश्यक हो सकता है। कोकीन उपयोग विकार के इलाज का सबसे प्रभावी तरीका मनोचिकित्सा है। लोगों को नशीली दवाओं से मुक्त रहने में मदद करने के लिए कई सेल्फ-हेल्प ग्रुप और कोकीन हॉटलाइन मौजूद हैं।

कभी-कभी कोकीन उपयोग से संबंधित विकार से ग्रसित लोगों में आमतौर पर होने वाले मानसिक स्वास्थ्य विकार, जैसे डिप्रेशन, का इलाज उन विकारों के लिए उपयुक्त दवाओं से किया जाता है।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी भाषा के संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इन संसाधनों की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है। 

  • कोकीन एनोनिमस वर्ल्ड सर्विसेज़: कोकीन की लत से ठीक होने वालों के लिए 12-चरण की फ़ेलोशिप।

  • Dual Diagnosis.org: उन लोगों के लिए संसाधन, जिनको एक साथ होने वाली मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां और मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकार हैं, जिसमें एकीकृत उपचार प्रदान करने वाले फाउंडेशन रिकवरी नेटवर्क प्रोग्राम तक पहुंच शामिल है।

  • Inpatient.org: दवाओं और/या अल्‍कोहल की लत के लिए रोगी पुनर्वास कार्यक्रमों तक पहुंच।

  • National Alliance on Mental Illness (NAMI): एक राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य संगठन जो हिमायत, शिक्षा, समर्थन, तथा सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम और सेवाएँ प्रदान करता है।

  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज़ (NIDA): संघीय एजेंसी से कोकीन-विशिष्ट जानकारी, जो दवाओं के उपयोग और उसके परिणामों में वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित है और आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं, अनुसंधान प्राथमिकताओं और प्रगति, नैदानिक ​​संसाधनों और अनुदान और फंडिंग के अवसरों पर प्रकाश डालती है।