नशीली ड्रग्स की जांच में उन लोगों में पदार्थ के इस्तेमाल की जांच करना शामिल है जिनमें इन्टाक्सकेशन या पदार्थ से संबंधित विकार के कोई लक्षण नहीं हैं। यह जांच व्यवस्थित रूप से या किसी और तरीके से, इन लोगों में की जा सकती है
लोगों के कुछ समूह, जैसे स्टूडेंट, एथलीट और कैदी
जो लोग नौकरियों के लिए आवेदन कर रहे हैं या जो पहले से ही किसी तरह की नौकरियां (जैसे पायलट या कमर्शियल ट्रक ड्राइवर) कर रहे हैं
जो लोग मोटर व्हीकल या नाव की दुर्घटनाओं या काम के दौरान दुर्घटनाओं में शामिल रहे हैं
जिन लोगों ने अस्पष्ट तरीकों से आत्महत्या का प्रयास किया है
जो लोग नशीली ड्रग्स के दुरुपयोग के लिए या संयम बरतने की ज़रूरतों के साथ प्रोबेशन या पैरोल की शर्तों पर रहते हुए न्यायालय द्वारा आदेशित इलाज कार्यक्रम में हैं—कंप्लायंस की निगरानी के उद्देश्य से
जो लोग नशीले पदार्थों के दुरुपयोग के इलाज कार्यक्रम में हैं—लगातार नशीले पदार्थों के दुरूपयोग का पता लगाने के लिए और बेहतर इलाज का प्लान बनाने के लिए
जिन लोगों को हिरासत में या माता-पिता के अधिकारों की सुनवाई के भाग के रूप में ड्रग्स की जांच से गुज़रना पड़ता है
सेना के सदस्य
आमतौर पर, लोगों को ड्रग्स की जांच के लिए सहमति देनी पड़ती है, कार से या जहां लोग काम करते हों वहां पर होने वाली दुर्घटनाओं जैसी कुछ परिस्थितियों को छोड़कर। ड्रग्स की जांच से यह पता नहीं लग सकता है कि किसी नशीले पदार्थ का कितनी बार इस्तेमाल किया गया और इसलिए कभी-कभार इस्तेमाल करने वालों और नियमित तौर पर नशा करने वालों में फर्क नहीं किया जा सकता है। साथ ही, नशीली दवाओं की जांच से कुछ ही नशीले पदार्थों का पता लगता है, दूसरे कई पदार्थों का नहीं। सबसे ज़्यादा जांच किए जाने वाले नशीले पदार्थों में शामिल हैं
पेशाब, रक्त, सांस, लार, पसीने या बालों के सैंपल की जांच की जा सकती है। पेशाब की जांच सबसे आम है, क्योंकि इसमें कोई चीर-फाड़ नहीं करनी पड़ती, यह तुरंत की जा सकती है और इससे कई ड्रग्स का पता लग सकता है। इस जांच के द्वारा, इस्तेमाल की गई ड्रग के आधार पर, 1 से 4 दिनों के अंदर, कभी-कभी अधिक समय तक भी, इस्तेमाल की गई ड्रग्स का पता लगा सकता है। रक्त की जांच कभी-कभार ही की जाती है, क्योंकि इसमें सुई चुभानी पड़ती है और ड्रग्स के इस्तेमाल के बाद के कुछ घंटों तक ही उनका पता लगाया जा सकता है। बालों की जांच उतने बड़े पैमाने पर उपलब्ध नहीं है, हालांकि अगर ड्रग्स को पिछले 100 दिनों में इस्तेमाल किया गया हो, तो इससे कुछ ड्रग्स का पता लगाया जा सकता है। हेल्थ केयर प्रैक्टिशनर, लिए गए सैंपल की सीधे जांच कर सकते हैं और इसे सील कर सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सैंपल के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है।
ड्रग्स की जांच हमेशा सटीक नहीं होती। सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली पेशाब की जांच अधूरी और कभी-कभी गलत परिणाम देती है। कभी-कभी, जांचों से उस दवा का पता नहीं लगाता है जो व्यक्ति वास्तव में इस्तेमाल कर रहा होता है (गलत-नकारात्मक परिणाम)। ऐसा हो सकता है अगर आगे दी गई चीज़ें हों:
परीक्षण को किसी खास नशीली दवाई या नशीली दवाई के घटक का पता लगाने के लिए डिज़ाइन न किया गया हो या उसमें उसके प्रति सीमित संवेदनशीलता हो।
पेशाब बहुत पतला हो जिससे पेशाब में नशीली दवाई की मात्रा परीक्षण में पता किए जा सकने से कम हो।
व्यक्ति किसी और का सैंपल सबमिट कर दे या सैंपल को बदलने के लिए पेशाब में कोई मादक पदार्थ मिला दे।
वहीं दूसरी ओर, ये जांचें कभी-कभी सकारात्मक परिणाम भी दिखाती हैं, जब व्यक्ति सच में ड्रग्स का इस्तेमाल नहीं कर रहा होता है (फॉल्स पॉजिटिव रिज़ल्ट)। उदाहरण के लिए, पॉपी सीड्स ओपिओइड्स के लिए गलत-सकारात्मक नतीजा दिखा सकता है (हेरोइन पॉपी प्लांट से प्राप्त होती है)।
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेजी भाषा के संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इन संसाधनों की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज़ (NIDA): संघीय एजेंसी जो नशीली दवाओं के इस्तेमाल और उसके नतीजों में वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करती है और आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली नशीली दवाओं, शोध की प्राथमिकताओं और प्रगति, क्लिनिकल रिसोर्सेस और ग्रांट तथा फ़ंडिंग के मौकों के बारे में जानकारी मुहैया कराती है।
मादक पदार्थ दुरुपयोग तथा मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रशासन (SAMHSA): अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग की एजेंसी जो व्यवहारिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों का नेतृत्व करता है और संसाधन मुहैया कराती है, जिसमें ट्रीटमेंट लोकेटर, टोल-फ़्री हेल्पलाइन, कारोबारी प्रशिक्षण उपकरण, आंकड़ों और तरह-तरह के मादक-पदार्थ संबंधी विषयों पर पब्लिकेशन शामिल हैं।