तीसरी क्रेनियल तंत्रिका की पाल्सी से आँखों की गतिविधियां, रोशनी में पुतलियों की प्रतिक्रिया या दोनों में खराबी आ सकती है।
ये पाल्सी तब होती हैं, जब तंत्रिका पर दबाव पड़ता है या तंत्रिका को पर्याप्त ब्लड नहीं मिल पाता।
व्यक्ति को दोहरा दिखता है, जब वह किसी खास दिशा में देखता है, पलकें झुक जाती हैं और पुतलियां फैल जाती हैं (डाइलेट हो जाती हैं)।
डॉक्टर न्यूरोलॉजिक जांच और दिमाग की मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग (MRI) या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) करते हैं।
उपचार कारण पर निर्भर करता है।
(क्रेनियल तंत्रिकाओं का विवरण भी देखें।)
पाल्सी का मतलब है लकवा, जिसमें थोड़ी बहुत से लेकर गंभीर समस्या तक हो सकती है।
तीसरी क्रेनियल तंत्रिका की पाल्सी की सबसे आम वजहें ये हैं
तंत्रिका पर दबाव (कंप्रेशन)
तंत्रिका में अपर्याप्त ब्लड फ़्लो
कंप्रेशन गंभीर बीमारियों की वजह से होता है, जैसे कि
दिमाग को खून पहुँचाने वाली धमनी में उभार (एन्यूरिज्म)
दिमाग में हर्निएशन पैदा करने वाली बीमारी
हर्निएशन तब होता है, जब दिमाग को ऊतक की परतों में एक छोटी सी प्राकृतिक खुली जगह के ज़रिए, नीचे की ओर धकेला जाता है और दिमाग अलग-अलग हिस्सों में बंट जाता है। दिमाग में ब्लीडिंग (कभी-कभी सिर में चोट लगने की वजह से), ट्यूमर या किसी अन्य पदार्थ के जमा होने से हर्निएशन हो सकता है।
तंत्रिका या मस्तिष्क स्तंभ की बड़ी तंत्रिकाओं में रक्त की आपूर्ति करने वाली बहुत छोटी रक्त वाहिकाओं में रक्त का अपर्याप्त प्रवाह। यह आमतौर पर इन वजहों से होता है
हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन)
रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाले अन्य विकार, जैसे कि आघात, ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक, वैस्कुलाइटिस (रक्त वाहिकाओं का शोथ) या मस्तिष्क में रक्त ले जाने वाली धमनी का किसी जगह पर फूल जाना (एन्युरिज़्म)
तीसरी क्रेनियल तंत्रिका पाल्सी में दिखने वाले लक्षण
जब अप्रभावित आँख सामने की ओर देख रही हो, तब वह बाहर और नीचे की ओर घूम जाती है, जिससे दोहरा दिखता है। प्रभावित आँख नीचे की ओर बहुत धीरे से जाती है और अंदर की ओर देखते वक्त सिर्फ़ बीच तक ही आ पाती है। यह ऊपर और नीचे की ओर नहीं देख पाती। तीसरी क्रेनियल तंत्रिका भी पलक को उठाती और पुतलियों को नियंत्रित करती है, इसलिए पलकें झुक जाती हैं। पुतलियां सामान्य या फैली हुई (डाइलेटेड) हो सकती हैं और हो सकता है कि रोशनी के सामने आने पर संकरी न हों (सिकुड़ें नहीं), जैसा कि सामान्य तौर पर होता है। अक्सर पुतलियों पर तब प्रभाव पड़ता है, जब तीसरी क्रेनियल तंत्रिका पर दबाव पड़ने की वजह से ऐसा हुआ हो। जब पुतलियों पर प्रभाव नहीं पड़ा होता, तो ऐसा अक्सर तंत्रिका में अपर्याप्त ब्लड फ़्लो की वजह से होता है।
पाल्सी उत्पन्न करने वाले कुछ गंभीर विकारों में स्थिति और खराब हो सकती है, जिसके कारण गंभीर और घातक स्थिति बन सकती है। उदाहरण के लिए, अचानक गंभीर सिरदर्द हो सकता है या हो सकता है कि व्यक्ति बहुत ज़्यादा नींद महसूस करे या सामान्य महसूस न करे। ऐसे मामलों में, इसका कारण एन्युरिज़्म का फटना हो सकता है, जिसमें फिर ब्लीडिंग होती है या यह मस्तिष्क के हर्निएशन के कारण हो सकता है। व्यक्ति कोमा में जा सकता है। ऐसे लोगों में, दोनों पुतलियों का फैलना और रोशनी में कम प्रतिक्रिया करना, यह दर्शाता है कि व्यक्ति कोमा में है और दिमाग काम करना बंद कर सकता है।
तीसरी क्रेनियल तंत्रिका पाल्सी का निदान
न्यूरोलॉजिक जांच
मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी
कभी-कभी अन्य परीक्षण
तीसरी क्रेनियल तंत्रिका पाल्सी का निदान न्यूरोलॉजिक जांच के नतीजों के आधार पर किया जाता है।
इसकी वजह का पता लगाने के लिए दिमाग की मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग (MRI) या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) की जाती है।
अगर प्यूपिल पर असर पड़ता है या लक्षणों से यह लगता है कि किसी अन्य बीमारी का पता चलता है, तो तुरंत दिमाग की MRI या CT की जाती है।
एन्युरिज़्म के फटने का संदेह होने पर CT या उपलब्ध होने पर MRI तुरंत की जाती है। अगर CT या MRI में रक्त का पता न चले, तो स्पाइनल टैप (लम्बर पंक्चर), मैग्नेटिक रीसोनेंस एंजियोग्राफ़ी, CT एंजियोग्राफ़ी या सेरेब्रल एंजियोग्राफ़ी की जाती है।
तीसरी क्रेनियल तंत्रिका पाल्सी का इलाज
कारण का इलाज
तीसरी क्रेनियल तंत्रिका पाल्सी का इलाज, इसकी वजह पर निर्भर करता है। अगर इसकी वजह कोई जानलेवा बीमारी हो, तो इमरजेंसी इलाज की ज़रूरत होती है।