डेस्टिनेशन (गंतव्य) पर पहुंचने पर होने वाली समस्याएं

इनके द्वाराChristopher Sanford, MD, MPH, DTM&H, University of Washington
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया सित॰ २०२४

डेस्टिनेशन पर पहुंचने पर होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी रखना, अंतरराष्ट्रीय जगहों पर रोकथाम और बचाव के लिए तैयार रहने के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ जगहों पर यात्रा करते समय कुछ संक्रमण होना आम बात है और बहुत से लोग विदेश यात्रा के लिए प्लान करते समय संक्रमण होने को लेकर सबसे ज़्यादा चिंतित होते हैं। हालांकि, मोटर वाहन दुर्घटनाएं और हृदय रोग अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की मौत का सबसे आम कारण हैं। यात्रा न करने वालों में भी मृत्यु का सबसे आम कारण हृदय रोग ही है, इससे यही समझ आता है कि घर से निकलने से पहले स्वास्थ्य पर ध्यान देना बीमारी से दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका है।

यात्रा के दौरान चोट लगना और मौत

युवा और मध्यम आयु वर्ग के यात्रियों में मृत्यु का सबसे आम कारण है, मोटर वाहन दुर्घटनाओं के कारण लगने वाली चोटें। डूबना भी यात्रा के दौरान मृत्यु होने का एक अन्य आम कारण है। अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल करके, आप ऐसी कई चोटों से बचाव कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, किसी अनजाने ट्रैफ़िक पैटर्न (जैसे इंग्लैंड में सड़क के बाईं ओर ड्राइव करना बनाम अमेरिका में दाईं ओर ड्राइविंग करना) से असहज लोग सार्वजनिक परिवहन ले सकते हैं या उस जगह की सड़कों और ट्रैफ़िक के कानूनों से परिचित ड्राइवरों की सेवाएं किराए पर ले सकते हैं। यात्रियों को भीड़भाड़ वाली टैक्सी, फेरी या ऐसे अन्य परिवहन के साधनों से बचना चाहिए और रात के समय ड्राइविंग करने और खराब रोशनी वाली जगहों में तैरने से बचना चाहिए। लोगों को न केवल गाड़ी चलाते समय, बल्कि एक यात्री के रूप में भी सीट बेल्ट लगानी चाहिए और साइकिल चलाते समय हेलमेट का इस्तेमाल करना चाहिए। यात्रियों को मोटरसाइकल और मोपेड चलाने से बचना चाहिए और बस की छत या खुले ट्रक बेड की सवारी करने से बचना चाहिए। साथ ही, गाड़ी चलाने या तैराकी करने से पहले कभी भी अल्कोहल नहीं लेना चाहिए, भले ही कानून ऐसी चीज़ों को औपचारिक तौर पर प्रतिबंधित नहीं करते हैं या जहां कानून मौजूद तो हैं लेकिन उन्हें लागू नहीं किया गया है। लोगों को अशांत लहरों वाले समुद्र तटों से भी बचना चाहिए, खासकर जब लाइफ़गार्ड मौजूद न हों।

कई शहर अंधेरे के बाद असुरक्षित हो जाते हैं और कुछ तो दिन के दौरान भी असुरक्षित होते हैं। यात्री को ऐसे शहरों में खराब रोशनी वाली या सुनसान सड़कों पर अकेले चलने से बचना चाहिए, खासकर उन देशों में जहां यात्री पूरी तरह से अजनबी है।

गोरी त्वचा वाले यात्रियों को उष्णकटिबंधीय अक्षांशों और बहुत ऊंचाई पर धूप से झुलसने का अधिक खतरा होता है। ज़्यादा-SPF (30 या अधिक का सन प्रोटेक्शन फैक्टर) वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। जब सनस्क्रीन और इन्सेक्ट रिपेलेंट दोनों का इस्तेमाल किया जाता है, तो पहले सनस्क्रीन लगाई जानी चाहिए और इसके कम से कम पंद्रह मिनट के बाद इन्सेक्ट रिपेलेंट।

क्या आप जानते हैं...

  • युवा और मध्यम आयु वर्ग के यात्रियों में मृत्यु का सबसे आम कारण चोट लगना है।

ट्रैवलर्स डायरिया

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के बीच सबसे आम स्वास्थ्य समस्या है ट्रैवलर्स डायरिया (टूरिस्टा)। यह ऐसे दूषित भोजन या पानी से होता है जिसे बैक्टीरिया या वायरस ने खराब किया होता है।

नीचे दिए उपायों से ट्रैवलर्स डायरिया के जोखिम को कम किया जा सकता है:

  • पीने के लिए और दांत मांजने के लिए बोतलबंद, फ़िल्टर किया गया, उबला हुआ, UV-ट्रीटेड या क्लोरीन वाले पानी का इस्तेमाल करें

  • बर्फ के इस्तेमाल से बचें

  • ताज़ा बना खाना केवल तभी खाएं, जब उन्हें गर्माहट देने वाले तापमान पर गर्म किया गया हो

  • केवल वही फल और सब्जियां खाएं जिन्हें आपने खुद छीला है

  • गली या नुक्कड़ के खाने से परहेज़ करें

  • बार-बार हाथ धोएं

  • ऐसा कुछ भी न खाएं जिस पर मक्खी बैठी होने का संदेह हो

कुछ एंटीबायोटिक्स लेने से भी ट्रैवलर्स डायरिया को रोका जा सकता है। हालांकि, इस तरह के इस्तेमाल से साइड इफ़ेक्ट का खतरा होता है और बैक्टीरिया द्वारा एंटीबायोटिक्स दवाओं के लिए प्रतिरोधात्मक क्षमता विकसित करने की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए, डॉक्टर केवल उन लोगों के लिए निवारक एंटीबायोटिक्स दवाओं की सलाह देते हैं जिनमें प्रतिरक्षा की कमी (इम्यून डेफिशियेंसी) का विकार है।

ज़्यादातर मामलों में, ट्रैवलर्स डायरिया लगभग 3 से 5 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है और डिहाइड्रेशन को दूर करने के लिए केवल तरल पदार्थों के लगातार सेवन की आवश्यकता होती है। अधिकांश लोगों के लिए, आम साफ तरल पदार्थ (कैफ़ीन या शराब के बिना) इस कमी को दूर करने के लिए बहुत है। छोटे बच्चों और बुज़ुर्गों को पाउडर वाले रिहाइड्रेशन मिक्स या ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्युशन से आराम मिल सकता है।

जिन लोगों में मध्यम से गंभीर लक्षण होते हैं (ऐसे लक्षण जो गतिविधियों को बाधित करने के लिए काफी गंभीर होते हैं), खासकर अगर उन्हें उल्टी, बुखार, पेट में ऐंठन या मल में खून आता है, तो उन्हें एंटीबायोटिक लेने पर विचार करना चाहिए। अधिकांश देशों में एज़िथ्रोमाइसिन का इस्तेमाल असरकारक होता है और बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए भी इसे लेने की सलाह दी जाती है। यात्रा से पहले एंटीबायोटिक प्रिस्क्रिप्शन के लिए, लोगों को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जो लोग 6 साल या उससे अधिक उम्र के हैं और उनमें मल में खून आना, बुखार या पेट में दर्द जैसे लक्षण नहीं हैं, तो उनका इलाज एंटी-डायरियल दवा लोपेरामाइड (जो बिना प्रिस्क्रिप्शन के उपलब्ध है) से भी किया जा सकता है।

बड़े वयस्कों और छोटे बच्चों के लिए यात्रा के लिए पाउडर वाले रिहाइड्रेशन मिक्स उपलब्ध हैं। अगर ये मिक्स उपलब्ध न हों, तो 1 लीटर पानी में 6 चम्मच चीनी और 1 आधा चम्मच नमक मिलाकर, रिहाइड्रेशन सॉल्युशन बनाया जा सकता है। हालांकि, ये सॉल्युशन सावधानी से तैयार किए जाने चाहिए, क्योंकि गलत तरीके से मिलाए गए सॉल्युशन को ज़्यादा मात्रा में पीने से छोटे बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं या मर सकते हैं (उदाहरण के लिए, अगर रिहाइड्रेशन मिक्स को पूरी तरह से पतला न किया गया हो)।

यात्रियों में मलेरिया होना

उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मलेरिया होना आम बात है। मच्छरों के काटने से बचकर और मलेरिया-रोधी दवा लेकर मलेरिया से बचा जाता है।

मच्छर के काटने से बचने के लिए ये उपाय किए जाते हैं:

  • लंबी बाज़ू वाली कमीज़ और लंबी पैंट पहनें (खासकर सुबह और शाम के वक्त, जब मच्छर सबसे ज़्यादा सक्रिय होते हैं)

  • मच्छरदानी में सोएं

  • कपड़ों पर कीटनाशक परमेथ्रिन लगाएं या ऐसे कपड़े खरीदें जिन पर परमेथ्रिन डाला गया हो

  • ऐसे इन्सेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल करें जिसमें डायथाइलटोलुअमाइड (DEET) या पिकारिडिन हो

इन्सेक्ट रिपेलेंट, अन्य मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, ज़ीका और पीत ज्वर (येलो फीवर) को रोकने में भी मदद कर सकते हैं।

मलेरिया रोधी दवाएं

भले ही लोग मच्छरों के काटने से बचने के उपाय करते हों, तब भी दुनिया की अलग-अलग जगहों पर यात्रा करते समय मलेरिया से बचने के लिए दवा लेना (जैसे मेफ्लोक्वीन, क्लोरोक्विन, डॉक्सीसाइक्लिन या अटोवाक्योन/प्रोगुआनिल) ज़रूरी है। विशिष्ट जगहों के बारे में जानकारी, सेंटर्स फ़ॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC: मलेरिया की रोकथाम के लिए दवा का चयन) पर मिलेगी।

गर्भवती महिलाओं को उन क्षेत्रों में यात्रा करने से बचना चाहिए जहां मलेरिया आम है, क्योंकि मलेरिया गर्भवती महिलाओं में गैर गर्भवती महिलाओं की तुलना में अधिक गंभीर और जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाला होता है, भले ही निवारक दवाओं का उपयोग किया गया हो। जो गर्भवती महिलाएं यात्रा को टाल नहीं सकती हैं, उन्हें पर्याप्त सुरक्षा के बिना यात्रा करने का जोख़िम नहीं उठाना चाहिए, इसलिए उन्हें ऐसी सुरक्षात्मक दवाएं लेने के जोख़िम का आकलन करना चाहिए, जिनके गर्भावस्था पर प्रभाव के बारे में अच्छी तरह से जानकारी नहीं है।

हालांकि, RTS,S/AS01 (RTS,S) मलेरिया वैक्सीन उन बच्चों को देने की सलाह दी जाती है जो मध्यम से उच्च प्लाज़्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया संचरण वाले क्षेत्रों में रहते हैं, लेकिन यह वैक्सीन उन क्षेत्रों में यात्रा करने वाले लोगों को नहीं देनी चाहिए।

यौन रूप से संक्रामित संक्रमण

यौन संचारित संक्रमण, ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) संक्रमण, प्रमेह, सिफलिस, ट्राइकोमोनिएसिस के साथ-साथ हैपेटाइटिस B, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में आम हैं। इन सभी संक्रमणों को या तो संयम के माध्यम से या लेटेक्स कंडोम के सही, लगातार इस्तेमाल से रोका जा सकता है (यौन संचारित संक्रमणों की रोकथाम देखें)। चूंकि HIV और हैपेटाइटिस B भी खून और इंजेक्शन की सुई से फैलते होते हैं, इसलिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय यात्री को, संक्रमण के लिए खून की जांच किए बिना ब्लड ट्रांसफ़्यूजन नहीं कराना चाहिए। इसके अलावा, इंजेक्शन केवल वन-टाइम-ऑनली डिस्पोजेबल सुई के माध्यम से ही लिया जाना चाहिए।

कोविड-19

यात्रियों को सलाह दी जानी चाहिए कि वे कोविड-19 से संबंधित संभावित स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए, अपने देश की स्वास्थ्य एजेंसी (संयुक्त राज्य अमेरिका में CDC) के साथ-साथ गंतव्य देशों की स्वास्थ्य एजेंसियों की वेबसाइट की जांच करें।

डेंगू

डेंगू मच्छर के काटने से फैलने वाला एक वायरल संक्रमण है, जिसके कारण बुखार, शरीर में आम दर्द के लक्षण होते हैं और गंभीर होने पर, बाहरी और आंतरिक खून का रिसाव (जिसे डेंगू हैमोरेजिक फीवर कहा जाता है) होता है। डेंगू दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आम है तथा दुनिया भर में इसके मामले बढ़ रहे हैं। डेंगू दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे ज़्यादा होता है लेकिन मध्य और दक्षिण अमेरिका तथा अन्य देशों में ज़्यादा आम हो गया है। यह कैरेबियन (प्यूर्टो रिको और यू.एस. वर्जिन आइलैंड्स सहित), ओशिनिया और भारतीय उपमहाद्वीप में भी फैला है।

अमेरिका में, डेंगू वैक्सीन CYD-TDV को 9 से 16 वर्ष की आयु के उन बच्चों और किशोरों में उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है, जिन्हें प्रयोगशाला में पहले डेंगू वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और जो ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं जहां डेंगू स्थानिक है, लेकिन यह यात्रियों के लिए अनुशंसित या उपलब्ध नहीं है। वैक्सीन मेक्सिको, ब्राजील, थाईलैंड और कुछ अन्य देशों में भी उपलब्ध है। संयुक्त राज्य अमेरिका में डेंगू के एक और टीके (TAK-003) का मूल्यांकन चल रहा है और इसे इंडोनेशिया, यूरोपीय संघ और युनाइटेड किंगडम में पहले ही अनुमोदित हो चुका है। इस टीके का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जा सकता है जिन्हें पहले डेंगू का संक्रमण नहीं हुआ है और उनके लिए भी जिन्हें संक्रमण हुआ है। डेंगू के कई अन्य टीकों का अध्ययन किया जा रहा है।

जिन क्षेत्रों में डेंगू ज़्यादा होता है, वहां जाने वाले लोगों के लिए मच्छर के काटने से बचाव करना आवश्यक है।

  • ऐसे कपड़े पहनें जिनसे शरीर ज़्यादा ढका रहे

  • ऐसे कपड़े पहनें जिन पर इन्सेक्टिसाइड परमेथ्रिन लगाया गया हो और अगर सोने के कमरे में एयर-कंडीशनर नहीं है, तो ऐसी मच्छरदानी के अंदर सोएं जिसमें परमेथ्रिन लगाया गया हो

  • इन्सेक्ट रिपेलेंट का इस्तेमाल करें, जैसे DEET (डायथाइलटोलुअमाइड) या पिकारिडिन

  • जितना हो सके मच्छरों और चिचड़ी के संपर्क में आने से बचें

ये उपाय ज़ीका और चिकनगुनिया सहित अन्य कीट-संचारित बीमारियों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं। (CDC: मच्छरों के काटने से बचाव करें देखें।)

इंफ्लुएंजा

इन्फ़्लूएंज़ा (फ़्लू), किसी एक इन्फ़्लूएंज़ा वायरस के साथ फेफड़ों और वायुमार्ग का एक वायरल संक्रमण है। यह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में ज़्यादा होता है। इन्फ़्लूएंज़ा को रोकने के लिए, हर साल इन्फ़्लूएंज़ा वैक्सीनेशन कराना सबसे अच्छा उपाय है।

सिस्टोसोमियासिस

सिस्टोसोमियासिस, अफ़्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया, चीन और पूर्वी दक्षिण अमेरिका में मीठे पानी के परजीवी कीड़ों के संक्रमण से होने वाली एक आम और बहुत गंभीर बीमारी है। जिन क्षेत्रों में सिस्टोसोमियासिस ज़्यादा होता है, वहां मीठे पानी की गतिविधियों से परहेज़ करके सिस्टोसोमियासिस के जोखिम को कम किया जा सकता है। जिन क्षेत्रों में सिस्टोसोमियासिस ज़्यादा होता है, वहां मीठे पानी के संपर्क में आने वाले यात्रियों को ऐसे क्षेत्रों से लौटने के बाद, पैरासाइट (परजीवी) की मौजूदगी के लिए जांच करानी चाहिए।

जूं और स्कैबीज़

जूं और स्कैबीज़ की समस्या भीड़-भाड़ वाली रिहाइशों, अविकसित क्षेत्रों और खराब साफ़-सफ़ाई वाली जगहों पर ज़्यादा होती है। उनका इलाज परमेथ्रिन, मैलाथियोन या लिंडेन लोशन के साथ किया जा सकता है। हालांकि, इन लोशनों को बचाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

ज़ीका वाइरस

ज़ीका वायरस का संक्रमण वयस्कों में कुछ या केवल हल्के लक्षणों का कारण बनता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान ज़ीका संक्रमण से बच्चे में गंभीर जन्मजात बीमारियां हो सकती हैं।

ज़ीका वायरस का संक्रमण मच्छरों से फैलता है और साथ ही, संक्रमित व्यक्ति के यौन संपर्क में आने और ब्लड ट्रांसफ़्यूजन से भी फैलता है। यह रोग बड़े पैमाने पर दक्षिण और मध्य अमेरिका, कैरिबियन, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीपों में फैल गया है। CDC यह सलाह देता है कि गर्भवती महिलाएं, उन क्षेत्रों की यात्रा टालने पर विचार करें जहां ज़ीका वायरस संक्रमण ज़्यादा होता है (CDC ज़ीका यात्रा सूचना देखें)।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी भाषा के संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इन संसाधनों की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. Centers for Disease Control and Prevention: यात्रियों का स्वास्थ्य

  2. Centers for Disease Control and Prevention: विदेश यात्रा से लौटने वाले रोगियों की मदद करने के लिए सहायता और जानकारी

  3. इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ़ ट्रैवल मेडिसिन की ग्लोबल क्लिनिक निर्देशिका: दुनिया भर के ट्रैवल क्लीनिकों का डेटाबेस

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