हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने से त्वचा में जलन हो सकती है या अन्य चोटें लग सकती हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन-सा हिस्सा इसके संपर्क में आया था।
चोटें आमतौर पर तब लगती हैं, जब हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड त्वचा के संपर्क में आता है।
लक्षण इस आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं कि शरीर का कौन-सा हिस्सा संपर्क में आया है और इन लक्षणों में संपर्क में आई जगह पर दर्द होने (जिसे कभी-कभी जलन भी कहा जाता है) जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड त्वचा के संपर्क में आता है, निगला जाता है या सूँघा जाता है, तो यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने से लगी चोट का निदान करने के लिए, डॉक्टर एसिड के संपर्क में आने के बारे में सवाल पूछते हैं, शारीरिक जांच करते हैं और एक्स-रे ले सकते हैं या इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ़ी या एंडोस्कोपी कर सकते हैं।
इसके इलाज में, हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने पर त्वचा या आँखों को कीटाणुरहित (डीकंटैमिनेट) करना, अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड निगल लिया हो, तो पेट को खाली करना, कैल्शियम ग्लूकोनेट और कभी-कभी अन्य दवाएँ देना शामिल है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड, आमतौर पर कई इंडस्ट्रियल प्रक्रियाओं में उपयोग किया जाता है, जिनमें ऑइल रिफ़ाइनिंग, सिलिकॉन और कांच की नक़्क़ाशी, रेफ़्रिजरेंट का उत्पादन और एल्यूमीनियम मैटल का उत्पादन शामिल है। हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड का उपयोग ईंट और पत्थर को साफ़ करने वाले क्लीनर, जंग हटाने वाले रस्ट रिमूवर और पहियों को साफ़ करने वाले व्हील क्लीनर के रूप में भी किया जाता है। हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने का सबसे अधिक जोखिम कार्यस्थलों पर होता है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड एक कमज़ोर एसिड है जो त्वचा में प्रवेश कर सकता है और अंदर मौजूद ऊतकों में पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।
आमतौर पर, इसके संपर्क में आने से चोट तब लगती है, जब हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड त्वचा के संपर्क में आता है। चोट तब भी लग सकती है, जब एसिड आँखों के संपर्क में आता है, निगला जाता है या सूंघा जाता है। अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को बिना मार्क लगाए कंटेनरों में रखा जाता है जैसे पानी की बोतलों में रखा जाता है, तो वर्कर गलती से इसे निगल सकते हैं। एसिड के संपर्क में इस प्रकार से आना आम नहीं है। कार्यस्थलों के अतिरिक्त एसिड के शरीर में जाने की संभावना तब होती है, जब कोई व्यक्ति खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए इसका गलत इस्तेमाल करता है या अगर कोई छोटा बच्चा उत्सुकता के साथ इसे निगल लेता है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने के लक्षण
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर का कौन-सा हिस्सा एसिड के संपर्क में आया था और घोल में एसिड का कंसन्ट्रेशन (सांद्रता) कितना है (चाहे पतला हो या गाढ़ा)। दर्द तुरंत शुरू हो सकता है या कई घंटों के बाद।
जब त्वचा एसिड के संपर्क में आता है, तो आमतौर पर दर्द पहला लक्षण होता है और यह त्वचा पर लालिमा, सूजन, फफोले या भूरे सफेद धब्बे (केमिकल से जलने के लक्षण) होने से पहले हो सकता है। त्वचा के प्रभावित होने की मात्रा के आधार पर दर्द प्राय: उम्मीद से ज़्यादा गंभीर होता है। अगर उंगलियां और नाखून के नर्म भाग (नेल बैड) जल जाते हैं, तो नाखून बचे रह सकते हैं, लेकिन नाखून और त्वचा सामान्य या लगभग सामान्य दिखने के बावजूद, उनमें बहुत असहनीय दर्द हो सकता है।
अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को सूंघा जाता है, तो ऊपरी वायुमार्ग में दर्द, सीने में दर्द (जिसे जलन भी कहा जाता है), खांसी और सांस की तकलीफ होना सबसे आम लक्षण हैं। लोग जी मिचलाने, उल्टी और सिरदर्द होने के साथ-साथ उस जगह पर जलन होने की शिकायत भी कर सकते हैं जहां पर त्वचा का एसिड से संपर्क हुआ है। गला लाल और सूजा हुआ हो सकता है, और सांस लेते समय लोगों के गले में घरघराहट या कड़कने जैसी आवाज़ हो सकती है। वायुमार्ग की दीवारों में छोटी मांसपेशियाँ अनचाहे तौर पर कस (संकुचित हो) सकती हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है (ब्रोंकोस्पाज़्म कहा जाता है)। जब त्वचा का ज़्यादा एसिड से संपर्क होता है, तो फेफड़े तरल पदार्थ से भर सकते हैं, और लोगों को खांसी में खून आ सकता है या एक्यूट हाइपोक्सेमिक रेस्पिरेटरी फेलियर (एडल्ट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम) हो सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड का पतला घोल निगलने से मुंह और गला लाल हो सकता है और सूज सकता है। हो सकता है कि थोड़ी मात्रा में हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड निगलने से कोई लक्षण न हो। अगर एक गाढ़ा घोल निगला जाता है, तो पेट में जलन होती है और खून बहने लगता है, तथा हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड सूंघने से फेफड़ों पर भी असर पड़ सकता है।
आँखों से एसिड का संपर्क तब हो सकता है, जब आँखों में हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड की बूंदे छिटक कर गिर जाती हैं। अगर एसिड पतला है, तो आँखों में दर्द हो सकता है और आँखें लाल हो सकती हैं, और कंजेक्टिवा (एक झिल्ली जो पलकों के अंदरूनी और आँखों की पुतली के सफेद भाग को ढकती है) फूल सकता है। हो सकता है कि एसिड के संपर्क में आने के कई घंटों बाद तक लक्षण न दिखें। अगर एसिड ज़्यादा गाढ़ा है, तो लक्षण ज़्यादा जल्दी सामने आते हैं। कॉर्निया ख़राब हो सकता है, और आईबॉल (नेत्रगोलक) फट सकती है।
जब हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड त्वचा के संपर्क में आता है, निगला जाता है या सूंघा जाता है, तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ सकता है, जिससे शरीर में फ़्लोराइड की अधिकता (फ़्लोराइड टॉक्सिसिटी या विषाक्तता) हो जाती है। जब एसिड आँखों के संपर्क में आता है, तब इस तरह का असर नहीं होता। एसिड निगलने का असर पूरे शरीर में तेज़ी से होता है। फ़्लोराइड टॉक्सिसिटी या विषाक्तता के कारण, शरीर में कैल्शियम की कमी होने, मैग्नीशियम की कमी होने, दिल की धड़कन असामान्य होने और ब्लड प्रेशर कम होने जैसी स्थितियां बन सकती हैं।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने का निदान
एक डॉक्टर का मूल्यांकन
रक्त की जाँच
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने के कारण चोट लगने का निदान करने के लिए, डॉक्टर पिछले 24 घंटों के दौरान एसिड के संपर्क में आने के बारे में सवाल पूछते हैं और शारीरिक जांच करते हैं। वे ये सवाल पूछते हैं:
एसिड शरीर के संपर्क में कैसे आया
एसिड कितनी देर तक शरीर के संपर्क में रहा
एसिड का कंसन्ट्रेशन पतला था या गाढ़ा
क्या कोई और केमिकल भी मौजूद था
क्या व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का इस्तेमाल किया जा रहा था
डॉक्टर उन दवाओं और विकारों के बारे में भी पूछते हैं जिनके कारण कैल्शियम या मैग्नीशियम का स्तर घटने का जोखिम बढ़ सकता है।
फ़्लोराइड टॉक्सिसिटी या ज़हरीलेपन का पता लगाने के लिए कोई विशिष्ट जांच नहीं है, लेकिन डॉक्टर कैल्शियम, मैग्नीशियम और फ़्लोराइड के स्तर को मापने के लिए खून की जांच करते हैं।
अगर डॉक्टर को इस बात का शक है कि फेफड़ों में तरल पदार्थ है या अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड सूंघा गया था या निगला गया था, तो छाती का एक्स-रे और अन्य ज़रूरी जांचें (जैसे पल्स ऑक्सीमेट्री) की जाती हैं। डॉक्टर फेफड़े की कार्यक्षमता की भी जांच कर सकते हैं, हालांकि यह जांच अक्सर व्यक्ति के ठीक हो जाने के बाद की जाती है।
अगर उंगलियां जल जाती हैं, तो हड्डी को हुए नुकसान की जांच के लिए एक्स-रे लिए जाते हैं।
अगर डॉक्टरों को यह शक है कि पूरे शरीर पर असर पड़ा है, तो दिल की सामान्य असामान्य धड़कन की जांच के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ़ी की जाती है।
अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को निगला गया था, तो एंडोस्कोपी की जा सकती है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने का पूर्वानुमान
पूर्वानुमान या निदान इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन-सा हिस्सा हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आया था।
अगर त्वचा एसिड के संपर्क में आती है, तो जोखिम कम होता है और निदान और उपचार जल्दी हो पाते हैं, इसलिए रोग का पूर्वानुमान अच्छा होता है। गंभीरता के आधार पर जलन कुछ दिनों से लेकर हफ़्तों में ठीक हो जाती है।
अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को सूंघा गया है, तो पूर्वानुमान इस बात पर निर्भर करता है कि एसिड कितना गाढ़ा था और कितने समय तक संपर्क में रहा। अगर संपर्क में आने का जोखिम निम्न से मध्यम दर्जे का था, तो लक्षण कुछ घंटों से लेकर दिनों में अपने आप ठीक हो सकते हैं। अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने का जोखिम बहुत ज़्यादा था, तो ऊपरी वायुमार्ग और/या फेफड़े कई महीनों से लेकर कई वर्षों तक प्रभावित रह सकते हैं।
पतला हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड निगलने से कोई लक्षण नहीं भी हो सकता है या फिर पाचन तंत्र में जलन हो सकती है। हालांकि, इस जलन को ठीक किया जा सकता है। गाढ़ा हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड निगलने से पाचन तंत्र में खून का रिसाव हो सकता है या फ़्लोराइड विषाक्तता हो सकती है। दोनों ही जानलेवा हो सकते हैं।
अगर आँखों से एसिड का संपर्क निम्न दर्ज़े का है, तो लक्षण कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं, अगर एसिड से संपर्क बहुत ज़्यादा हुआ है, तो कॉर्निया में खराबी हो सकती है, और क्रोनिक कंजंक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ), कॉर्निया का धुंधलापन, ग्लूकोमा या केराटोकंजंक्टिवाइटिस सिक्का (कॉर्निया का खुश्क होना) हो सकता है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने से बचाव/रोकथाम
विभिन्न संगठन (जैसे ऑक्यूपेशनल सेफ़्टी एंड हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन [OSHA] और नेशनल इंस्टिट्यूट फ़ॉर ऑक्यूपेशनल सेफ़्टी एंड हेल्थ [NIOSH]), हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क के जोखिम को कम करने के लिए सुझाव/सलाहें देते हैं। उनमें शामिल हैं
वर्कर्स को, हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को इस्तेमाल करने से पहले, इसके खतरों के बारे में जानकारी देना
वर्कर जितनी देर तक हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आते हैं, उस समय को कम से कम रखना
वर्कर्स को ठीक से काम करने वाले फ्यूम हुड और तैयार व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) पहनना ज़रूरी करना, जैसे कि गॉगल्स, डिस्पोज़ेबल ग्लव्स और एक एसिड-रेजिस्टेंट (एसिड से बचाने वाला) एप्रन
वर्कर्स को लंबी पैंट, लंबी आस्तीन वाले कपड़े और पैर को पूरा ढकने वाले जूते पहनना ज़रूरी करना
जिस जगह पर लोग काम करते हैं वहां एक सेफ़्टी शॉवर और एक आई वॉश स्टेशन उपलब्ध कराना
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने वाली त्वचा के इलाज के लिए कैल्शियम ग्लूकोनेट उपलब्ध होना
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड का स्टोरेज सही तरीके से होना
वे सभी जगहें जहां पर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड का उपयोग किया जाता है वहां पर स्पिल-रेस्पॉन्स इक्विपमेंट (जैसे कि स्पिल कंट्रोल पैड) रखना
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आने का उपचार
उपचार इस आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं कि शरीर का कौन-सा हिस्सा संपर्क में आया था
जल्द से जल्द कीटाणुरहित (डीकंटैमिनेट) करना, अगर लागू हो तो
कैल्शियम और मैग्नीशियम सॉल्ट्स से उपचार करना
त्वचा का हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आना
जब त्वचा हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आती है, तो डॉक्टर दूषित कपड़ों या वर्क गियर को तुरंत हटा देते हैं और प्रभावित हिस्सों को 15 मिनट तक पानी से धोते हैं (कीटाणुरहित या डीकंटैमिनेशन करना)। डीकंटैमिनेशन के बाद, प्रभावित हिस्से पर कैल्शियम ग्लूकोनेट या कैल्शियम कार्बोनेट जैल लगाया जाता है और उसे एक ड्रेसिंग के साथ ढंका जाता है। यह जैल शरीर से हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को हटाने में मदद करता है। इसे तब तक लगाए रखा जाता है, जब तक दर्द से राहत नहीं मिल जाती।
अगर कैल्शियम जैल से दर्द में राहत नहीं मिलती है या अगर त्वचा गाढ़े हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आती है, तो कैल्शियम ग्लूकोनेट को त्वचा के नीचे (सबक्यूटेनियस रूट से) या धमनी में इंजेक्ट किया जा सकता है।
अगर त्वचा का एसिड से संपर्क मध्यम या गंभीर दर्ज़े का था, तो सर्जरी करनी पड़ सकती है जिसके लिए रोगी व्यक्ति को बर्न सेंटर में भेज दिया जाता है, इस सर्जरी में, स्किन ग्राफ्ट, मृत ऊतक को हटाना और एम्प्युटेशन (सर्जरी के द्वारा किसी अंग को काटना) शामिल है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को निगलना
अगर हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड निगला गया है, तो कभी-कभी मुंह या नाक के रास्ते से पेट में डाली गई ट्यूब की मदद से, पेट को जल्द से जल्द खाली कर देना ज़रूरी होता है। अगर एक घंटे के अंदर पेट को खाली नहीं किया जाता, तो बाद में पेट खाली करने से कोई फ़ायदा नहीं होता और इसलिए देरी करने से बचा जाता है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को सूँघना
जिन लोगों ने हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड को सूँघा है, उनका इलाज नेबुलाइज़र में कैल्शियम ग्लूकोनेट देकर किया जा सकता है। जिन लोगों को घरघराहट और ब्रोंकोस्पाज़्म की समस्या है उन्हें मुंह या नसों (इंट्रावीनस रूट) के द्वारा एक नेबुलाइज्ड बीटा एगोनिस्ट (जैसे अल्ब्यूटेरॉल), नेबुलाइज्ड आइप्राट्रोपियम और कॉर्टिकोस्टेरॉइड भी दिए जा सकते हैं।
अगर एडल्ट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) जैसे लक्षण दिखते हैं, तो ARDS का उपचार दिया जा सकता है। उपचार में मैकेनिकल वेंटिलेशन और प्रोनिंग (किसी व्यक्ति को पेट के बल लिटाना) शामिल हैं।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड का पूरे शरीर के संपर्क में आना
जिन लोगों को फ़्लोराइड टॉक्सिसिटी या ज़हरीलापन हुआ है, उन्हें जांच और उपचार के लिए इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कराया जाता है।
चूंकि कैल्शियम और मैग्नीशियम के स्तर कम हो जाते हैं, इसलिए फ़्लोराइड टॉक्सिसिटी या ज़हरीलेपन का इलाज करने के लिए, नसों के द्वारा कैल्शियम और मैग्नीशियम सॉल्ट्स दिए जाते हैं। फ़्लोराइड टॉक्सिसिटी या ज़हरीलेपन के कारण कम हुए ब्लड प्रेशर को बढ़ाने के लिए तरल पदार्थ को नसों के द्वारा दिया जाता है, और ज़रूरत पड़ने पर दवाएँ दी जाती हैं।
अगर रोगी की हालत स्थिर है, तो उनका हीमोडाइलिसिस किया जा सकता है। ऐसा करके खून के बहाव से फ़्लोराइड को हटाया जा सकता है।
हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड का आँखों के संपर्क में आना
अगर आँखें हाइड्रोफ़्लोरिक एसिड के संपर्क में आती हैं, तो डॉक्टर बहुत सारे पानी के साथ आँखों को फ़्लश (इरिगेट) करते हैं। कार्यस्थल के आईवॉश स्टेशन पर आँखों को धोना शुरू किया जाता है और यह प्रक्रिया अस्पताल पहुँच जाने तक जारी रहती है।
नेत्र रोग विशेषज्ञों (ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट) से परामर्श लेने की ज़रूरत पड़ सकती है।