नेल गन इंजरी आमतौर पर हाथों और उंगलियों पर पंचर जैसा घाव होने को कहते हैं, लेकिन कभी-कभी इनसे गहरी चोट भी पहुँच सकती है।
कंस्ट्रक्शन वर्कर्स में नेल गन इंजरी होना आम बात है। लकड़ी का फ़्रेम बनाने के लिए आजकल हथौड़ों के बजाय, नेल गन्स का इस्तेमाल किया जाता है, इन नेल गन्स के कारण, इमरजेंसी विभाग में हर साल लगभग 37,000 मामले आते हैं। इनमें से लगभग 60% मामले काम की वजह से होते हैं।
नेल गन्स को, बहुत ज़्यादा दबाव के साथ कीलें ठोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ज़्यादातर नेल गन इंजरी में उंगलियां और हाथ को चोट लगती है। हालांकि, पैर, धड़, आँख और सिर में भी चोट लग सकती है। आँखों को चोट पहुँचने पर आँखों की रोशनी भी जा सकती है।
नेल गन इंजरी के दौरान, घाव के अंदर कील के अलावा, कोई और चीज़ (बाहरी वस्तुएं जैसे तार, कपड़ा, कागज़ और गोंद) भी जा सकती है और संक्रमण कर सकती है।
कीलें और बाहरी चीज़ें नरम ऊतकों में, नसों, कंडरा (टेंडन), रक्त वाहिकाओं या जोड़ों या हड्डी में जाकर फंस सकती हैं।
नेल गन को झटके के साथ इस्तेमाल करने से या इसके अपने-आप चल जाने पर अचानक से कील बाहर निकल सकती है। नेल गन को सिंगल शॉट या फुल सीक्वेंशियल ट्रिगर के साथ इस्तेमाल करने से, चोट लगने का खतरा कम हो जाता है। नेल गन को सही तरह से इस्तेमाल करना सीखकर, नेल गन इंजरी के खतरों और होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इससे बचाव/रोकथाम के लिए, कंपनियों को अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग देनी चाहिए।
नेल गन इंजरी का मूल्यांकन
अगर किसी व्यक्ति को नेल गन से चोट लगी है, तो प्राथमिक उपचार किया जाना चाहिए और चोट मामूली लगने पर भी तुरंत चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए। अगर घाव से खून बह रहा हो, तो घाव पर साफ कपड़े से दबाव डालकर और घायल अंग को दिल के स्तर से ऊपर उठाकर प्राथमिक उपचार किया जाता है। व्यक्ति को शरीर में फंसी कील को बाहर निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
डॉक्टर नेल गन की चोटों का मूल्यांकन इस तरह करते हैं:
गंभीर चोटों की पहचान करके (और इलाज करके)
ज़रूरत पड़ने पर खून के रिसाव को नियंत्रित करके
नेल गन से हुए घाव के नीचे के हिस्सों में हुए नुकसान की जांच करके
आमतौर पर लोग इमरजेंसी विभाग या डॉक्टर के ऑफ़िस में तब आते हैं, जब कील उनके घाव में फंसी होती है।
अगर घाव से खून बह रहा हो, तो पहले खून बहना बंद करना चाहिए और उसके बाद ही मूल्यांकन करना चाहिए। डॉक्टर घाव पर सीधा दबाव डालते हैं और प्रभावित हिस्से को ऊपर उठाते हैं, ऐसा तभी किया जाता है, जब उठाना संभव हो। ऐसे एनेस्थेटिक्स जिनमें एपीनेफ़्रिन होता है वे भी घाव पर लगाए जाने पर, खून के रिसाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। घाव के ऊपर एक टूर्निकेट लगाया जा सकता है। ऐसा करके, हाथ और अंगुलियों के घावों की जांच करने में आसानी हो सकती है।
डॉक्टर चोट के नीचे के हिस्सों में हुए नुकसान की अच्छी तरह से जांच करते हैं, इनमें नसों, कंडरा (टेंडन), रक्त वाहिकाओं, जोड़ों और हड्डियों की भी जांच की जाती है। हड्डी में हुए नुकसान की जांच के लिए और कील किस तरह की है और कहाँ पर फंसी है, यह पता लगाने के लिए वे एक्स-रे भी लेते हैं। कील को कैसे हटाया जाना चाहिए, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कील किस तरह की है। उदाहरण के लिए, कंटीली कील को निकालना ज़्यादा मुश्किल होता है और इसे ऑपरेशन करके निकाला जाता है।
किसी बाहरी वस्तु की उपस्थिति का पता लगाने में भी एक्स-रे डॉक्टर की मदद कर सकते हैं।
किसी विशेषज्ञ द्वारा मूल्यांकन किया जाना ज़रूरी हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आँख में चोट लग जाए, तो जल्द से जल्द किसी ऑप्थेल्मोलॉजिस्ट को दिखाने की सलाह दी जाती है।
नेल गन इंजरी का इलाज
नेल गन इंजरी के उपचार में शामिल हैं
कील निकालना
घाव की देखभाल करना
अगर कील नरम ऊतक में फंसी हुई है और उसके किसी हिस्से को नुकसान नहीं पहुंचा है, तो डॉक्टर प्रभावित जगह पर एनेस्थेटिक लगाते हैं और कील को खींचकर वहां से हटा देते हैं। इसके बाद, घाव को साफ किया जाता है और पानी या खारे घोल से फ़्लश (इरिगेट) किया जाता है, और स्टेराइल ड्रेसिंग लगाई जाती है।
नेल गन से होने वाली सभी अन्य तरह की चोटों के लिए, चोट की जांच करने के लिए सर्जरी की जाती है और ऑपरेशन करके कील को निकाल लिया जाता है।
नेल गन की चोटें आमतौर पर, गहरी पंचर जैसी चोटें होती हैं और इसलिए, इन्हें बिना टांका लगाए ठीक होने दिया जाता है।
अधिक जानकारी
नेशनल इंस्टिट्यूट फ़ॉर ऑक्यूपेशनल सेफ़्टी एंड हेल्थ (NIOSH): नेल गन से सुरक्षा: यह वेबसाइट नेल गन इंजरी के कारणों की समीक्षा करती है और उन्हें रोकने के तरीकों पर चर्चा करती है। इस वेबसाइट पर नेल गन से सुरक्षा के बारे में जानकारी देने के लिए, अन्य स्रोतों के लिंक भी दिए गए हैं।