स्क्रैपिंग (एक मेनिपुलेटिव और शरीर आधारित अभ्यास) में, जिसे गुआ शा भी कहा जाता है, त्वचा पर, आमतौर पर पीठ, गर्दन या हाथ-पैरों पर, सिक्का या चम्मच जैसी गैर-नुकसानदेह चीज़ों को रगड़ना शामिल है। स्क्रेपिंग, एथलेटिक्स में और खास तौर पर भारोत्तोलन में काफ़ी लोकप्रिय है। यह माना जाता है कि स्क्रैपिंग शरीर के एक भाग में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और इससे मेटाबोलिज़्म बढ़ाने और जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। इस्तेमाल किए गए टूल के आधार पर, स्क्रैपिंग को कॉइनिंग या स्पूनिंग भी कहा जा सकता है।
इन थेरेपी से महिलाओं को रजोनिवृत्ति के लक्षणों और लोगों को मस्कुलोस्केलेटल विकारों व दर्द में लाभ मिला है।
स्क्रैपिंग से आमतौर पर त्वचा पर खरोंच या चोट लग सकती है।
(इंटीग्रेटिव, कॉम्प्लीमेंटरी और अल्टरनेटिव मेडिसिन का विवरण भी देखें।)
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