बच्चों में अतिसार

इनके द्वाराDeborah M. Consolini, MD, Thomas Jefferson University Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया नव॰ २०२२ | संशोधित मार्च २०२३

बच्चों में अतिसार बहुत ही आम समस्या है (वयस्कों में भी डायरिया देखें)। अतिसार बार-बार होने वाला, ढीला या पानी से भरा मल त्याग (BM) होता है, जो बच्चे के सामान्य पैटर्न से अलग होता है। कभी-कभी अतिसार में रक्त या म्युकस भी शामिल होता है। हलके अतिसार की पहचान करना मुश्किल होता है क्योंकि स्वस्थ बच्चों में, आयु और आहार के साथ BM की संख्या और स्थिरता बदलती रहती है। उदाहरण के लिए, स्तनपान करने वाले बच्चे जिनके लिए अभी ठोस आहार की शुरुआत नहीं की गई है, उनको अक्सर बार-बार, ढीले मल होते हैं, जिनको सामान्य माना जाता है। इन बच्चों में अचानक संख्या तथा ढ़ीलेपन में वृद्धि को अतिसार माना जाता है। लेकिन, 24 घंटे से अधिक समय के लिए पानीदार मल को कभी भी सामान्य नहीं माना जाता है।

ऐसे बच्चे जिनको अतिसार है, उनको भूख नहीं लगती है, उल्टी करते हैं, वजन कम हो जाता है, या उनको बुखार होता है। अगर डायरिया गंभीर हो, या यह लंबे समय तक चलता है, तो बच्चों को काफ़ी अधिक मात्रा में शरीर के फ़्लूड के निकल जाने की संभावना होती है (डिहाइड्रेशन)। शिशु और छोटे बच्चे बहुत जल्दी डिहाईड्रेटेड हो सकते हैं, कभी-कभी ऐसा 1 दिन से कम समय में हो सकता है। गंभीर डिहाइड्रेशन से सीज़र्स हो सकते हैं, मस्तिष्क को क्षति पहुंच सकती है और मौत भी हो सकती है।

दुनिया भर में, डायरिया की वजह से 1.5 से लेकर 2.5 मिलियन मौतें हर वर्ष होती हैं। संयुक्त राज्य में, 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में से अतिसार के कारण लगभग 9% बच्चों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है।

बच्चों में अतिसार के कारण

अतिसार के संभावित कारण इस बात पर निर्भर करते हैं, कि क्या अतिसार 2 सप्ताह (एक्यूट) से कम समय तक रहता है अथवा 2 सप्ताह से अधिक समय (क्रोनिक) तक रहता है। अतिसार के अधिकांश कारण एक्यूट होते हैं।

सामान्य कारण

आमतौर पर एक्यूट अतिसार निम्नलिखित वजहों से होता है

गैस्ट्रोएन्टेराइटिस आमतौर पर वायरस के कारण होता है, लेकिन ऐसा बैक्टीरिया या परजीवी के कारण भी हो सकता है।

खाद्य विषाक्तता का आश्य अतिसार, उल्टी करना या दोनो से होता है जो कतिपय बैक्टीरिया जैसे स्टेफिलोकोकी या क्लॉस्ट्रीडिया द्वारा उत्पादित विषाक्तताओं द्वारा संदूषित खाद्य पदार्थ के सेवन से होता है।

कतिपय एंटीबायोटिक्स पेट में बैक्टीरिया के प्रकार और संख्या को बदल सकते हैं। परिणामस्वरूप अतिसार हो सकता है। कभी-कभी एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से खासतौर पर खतरनाक बैक्टीरिया क्लोस्ट्रिडायोइड्स डिफ़िसाइल (पूर्व में क्लॉस्ट्रीडियम डिफ़िसाइल) बहुत तेजी से बढ़ने में समर्थ हो जाता है। क्लोस्ट्रिडायोइड्स डिफ़िसाइल ऐसे विषाक्त तत्वों को रिलीज़ करता है जो बड़ी आंत की परत पर सूजन पैदा करते हैं (कोलाइटिस— देखें क्लोस्ट्रिडायोइड्स (पूर्व में क्लोस्ट्रीडियम) डिफ़िसाइल–प्रेरित कोलाइटिस)।

क्रोनिक डायरिया आमतौर पर निम्नलिखित कारणों से होता है

कम सामान्य कारण

एक्यूट अतिसार अधिक गंभीर विकारों जैसे एपेंडिसाइटिस, इन्टससेप्शन और हीमोलिटिक-यूरिमिक सिंड्रोम (कतिपय प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली जटिलता) के कारण हो सकता है। ये गंभीर विकार आमतौर पर अतिसार के अलावा अन्य चिंताजनक लक्षणों से सम्बद्ध होते हैं, जैसे पेट में बहुत तेज दर्द या सूजन, रक्तयुक्त मल, बुखार या बीमार दिखाई देना।

क्रोनिक अतिसार ऐसे विकारों के कारण भी हो सकता है जो खाद्य पदार्थों के अवशोषण मे बाधा बनते हैं (अपावशोषण विकार), जैसे सिस्टिक फ़ाइब्रोसिस तथा कमज़ोर हो चुकी प्रतिरक्षा प्रणाली (एड्स या कुछ निश्चित दवाओं के प्रयोग के कारण होने वाला विकार)।

कभी-कभी कब्ज के कारण अतिसार हो जाता है। जब कठोर मल मलाशय में एकत्रित हो जाता है, तो नरम मल का आसपास की जगह से बच्चे के अंडरवियर में रिसाव हो सकता है।

बच्चों में अतिसार का मूल्यांकन

चेतावनी के संकेत

कुछ लक्षण चिंता का कारण होते हैं। उनमें शामिल हैं

  • डिहाइड्रेशन के संकेत, जैसे कम पेशाब करना, सुस्ती या निष्क्रियता, आँसुओं के बिना रोना, बहुत अधिक प्यास तथा शुष्क मुंह

  • बीमार दिखाई देना

  • तेज़ बुखार

  • मल में रक्त

  • पेट में दर्द, और छूए जाने पर बहुत अधिक दर्द

  • त्वचा मे रक्त (छोटे लालिमायुक्त और बैंगनी रंग के बिंदु [पेटेकिया] या स्प्लोचेस [परप्यूरा] के रूप में दिखाई देते हैं)

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

ऐसे बच्चे जिनमें कोई चेतावनी संकेत नहीं हैं, उनका तत्काल डॉक्टर द्वारा मूल्यांकन किया जाना चाहिए, और ऐसे बच्चों का भी जिनमें अतिसार की 3 से 4 घटनाएँ हो चुकी हैं तथा वे पेय पदार्थों नहीं ले रहे हैं या बहुत कम पेय पदार्थ ले रहे हैं।

यदि बच्चों में कोई चेतावनी संकेत नहीं हैं तथा सामान्य रूप से पेय पदार्थों का सेवन और पेशाब करते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श किया जाना चाहिए यदि अतिसार 2 दिन या अधिक समय के लिए बना रहता है तथा दिन में अतिसार के 6 से 8 बार से अधिक घटनाएँ होती हैं। यदि अतिसार हल्का है, तो डॉक्टर के पास जाना अनावश्यक होगा। 14 दिन या अधिक दिनों से अतिसार के पीड़ित बच्चों का मूल्यांकन डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए।

डॉक्टर क्या करते हैं

डॉक्टर सबसे पहले लक्षणों और चिकित्सा इतिहास के बारे में प्रश्न पूछते हैं। उसके बाद डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण करते हैं। जो कुछ उनको चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षा में जानकारी मिलती है, अक्सर उससे कारण का पता लग जाता है तथा उन जांचों को निर्धारित किया जा सकता है जिनको करवाने की ज़रूरत होती है ( टेबल देखें: अतिसार के कुछ कारण और विशेषताएं)।

डॉक्टर यह पूछते हैं कि BM कैसे लग रहा था, मल त्याग कितना अक्सर था, कितने समय तक बने रहे, तथा क्या बच्चे को दूसरे लक्षण भी थे, जैसे बुखार, उल्टी करना या पेट में दर्द।

डॉक्टर संभावित कारणों जैसे आहार, एंटीबायोटिक्स का प्रयोग, संभवतः संदूषित आहार का सेवन, पशुओं के साथ हालिया संपर्क, और हाल में यात्रा आदि के बारे में पूछताछ करते हैं।

शारीरिक परीक्षा की जाती है, जिसमें डिहाइड्रेशन के लक्षणों को देखा जाता है और उन विकारों की पहचान की जाती है जिसके कारण अतिसार हो सकता है। सूजन और दर्द के लिए पेट की जांच की जाती है। डॉक्टर बच्चे के विकास का भी मूल्यांकन करते हैं।

टेबल
टेबल

परीक्षण

यदि अतिसार 2 सप्ताह से कम समय तक बना रहता है तथा चेतावनी संकेत मौजूद नहीं हैं, तो वायरस के कारण संभवतः गैस्ट्रोएन्टेराइटिस हो सकता है, तथा आमतौर पर परीक्षण करना अनावश्यक होता है। लेकिन, यदि डॉक्टर को किसी अन्य कारण का संदेह होता है, तो इसकी जांच करने के लिए परीक्षण किए जाते हैं।

खास तौर पर परीक्षण उस समय किए जाते हैं जब बच्चों में चेतावनी संकेत मौजूद होते हैं। यदि उनमें डिहाइड्रेशन के संकेत हैं, तो इलेक्ट्रोलाइट (सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम तथा शरीर में फ़्लूड संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक अन्य खनिज) के स्तरों की माप करने के लिए रक्त परीक्षण किए जाते हैं। यदि अन्य चेतावनी संकेत मौजूद हैं, तो परीक्षणों में पूर्ण रक्त कोशिका गणना, मूत्र परीक्षण, मल की जांच और विश्लेषण, एब्डॉमिनल एक्स-रे, या संयोजन शामिल हो सकते हैं।

बच्चों में अतिसार का उपचार

अतिसार के विशिष्ट कारणों का उपचार किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि बच्चों को सीलिएक रोग है, तो आहार से ग्लूटेन को हटा दिया जाता है। यदि डॉक्टर सिफारिश करता है, तो अतिसार करने वाली एंटीबायोटिक्स को रोक दिया जाता है। वायरस के कारण होने वाला गैस्ट्रोएन्टेराइटिस बिना उपचार के ठीक हो जाता है।

शिशुओं और बड़े बच्चों के लिए अतिसार को रोकने वाली दवाओं जैसे लोपेरामाइड की सिफारिश नहीं की जाती है।

डिहाइड्रेशन

क्योंकि बच्चों में मुख्य चिंता डिहाइड्रेशन की होती है, इसलिए उपचार को फ़्लूड तथा इलेक्ट्रोलाइट देकर रिहाइड्रेशन पर केन्द्रित किया जाता है ( यह भी देखें बच्चों में डिहाइड्रेशन)। अतिसार से पीड़ित अधिकांश बच्चों का सफलतापूर्वक उपचार मौखिक (ऊपर से) फ़्लूड देकर किया जाता है। फ़्लूड, शिरा (अंतःशिरा रूप से) के माध्यम से सिर्फ़ तभी दिए जाते हैं जब बच्चे कुछ भी नहीं पीते हैं, बहुत अधिक उल्टी कर रहे हों, या गंभीर रूप से डिहाइड्रेटेड हो जाते हैं। मौखिक रिहाइड्रेशन घोल जिनमें कार्बोहाइड्रेट तथा सोडियम का सही संतुलन शामिल होता है, उसका इस्तेमाल किया जाता है। संयुक्त राज्य में, ये घोल विस्तृत रूप से फार्मेसियों तथा अधिकांश सुपरमार्केट में बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के उपलब्ध हैं। स्पोर्ट्स ड्रिंक, सोडा, जूस तथा ऐसे ही ड्रिंक्स में बहुत ही कम सोडियम और बहुत अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है तथा इनका प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

यदि बच्चे उल्टी करते हैं, तो सबसे पहले छोटी मात्रा में, तथा फ़्लूड को बार-बार दिया जाता है। खास तौर पर, हर 5 मिनट पर 1 छोटा चम्मच (5 मिलीलीटर) दिया जाता है। यदि बच्चे इतनी मात्रा को पचा लेते हैं, तो धीरे-धीरे इस मात्रा को बढ़ाया जाता है। यदि बच्चा उल्टी नहीं करता है, तो फ़्लूड की प्रारम्भिक मात्रा को सीमित करने की आवश्यकता नहीं होती है। धैर्य और प्रोत्साहन के साथ, अधिकांश बच्चे मुंह से फ़्लूड ले लेते हैं तथा इंट्रावीनस फ़्लूड की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन, गंभीर डिहाइड्रेशन से पीड़ित बच्चों को इंट्रावीनस फ़्लूड की आवश्यकता हो सकती है।

आहार

जितनी जल्दी बच्चे पर्याप्त फ़्लूड प्राप्त कर लेते हैं तथा उल्टी नहीं करते, तो उन्हें आयु के अनुसार उचित आहार दिया जाना चाहिए। शिशुओं को मां का दूध या फार्मूला फिर से दिया जा सकता है।

यदि क्रोनिक अतिसार से पीड़ित बच्चों में, उपचार कारण पर निर्भर करता है, लेकिन पर्याप्त आहार-पोषण प्रदान करना और उसे बनाए रखना और संभावित रूप से विटामिन और खनिज़ों की कमी की निगरानी करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है।

महत्वपूर्ण मुद्दे

  • बच्चों में अतिसार आम बात है।

  • गैस्ट्रोएन्टेराइटिस, आम तौर पर वायरस के कारण, सर्वाधिक आम कारण होता है।

  • यदि बच्चों में चेतावनी संकेत हैं (जैसे डिहाइड्रेशन के संकेत, गंभीर एब्डॉमिनल दर्द, बुखार या मल में रक्त या मवाद) तो उनका मूल्यांकन डॉक्टर द्वारा किया जाना चाहिए।

  • जब अतिसार 2 सप्ताह से कम समय तक रहता है, तो परीक्षण की आवश्यकता बहुत कम ही रहती है।

  • डिहाइड्रेशन संभव है यदि अतिसार गंभीर है या लंबे समय तक बना रहता है।

  • अधिकांश बच्चों में मौखिक रूप से फ़्लूड देने से डिहाइड्रेशन का उपचार किया जा सकता है।

  • शिशुओं और बड़े बच्चों के लिए अतिसार को रोकने वाली दवाओं जैसे लोपेरामाइड की सिफारिश नहीं की जाती है।

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