नवजात शिशुओं में सामान्य बर्थमार्क तथा छोटी त्वचा मार्किंग

इनके द्वाराArcangela Lattari Balest, MD, University of Pittsburgh, School of Medicine
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जन॰ २०२४

    नवजात शिशुओं की त्वचा पर अनेक बर्थ मार्किंग होती हैं, जिन्हें सामान्य माना जाता है।

    नवजात शिशु के चेहरे या सिर पर खरोंच या निशान बन सकते हैं और ये बर्थ कैनाल से बाहर आने के दबाव और/या चिमटियों या वैक्यूम एक्सट्रैक्टर डिवाइस का उपयोग करने के कारण हो सकते हैं। ब्रीच प्रसव के बाद टांगों और पैरों में खरोंच आदि पड़ सकती हैं। खरोंच कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती हैं।

    पिंक मार्क, जो त्वचा के नीचे विस्तारित केशिकाओं के कारण होते हैं, वे नाक के ठीक ऊपर माथे पर हो सकते हैं, ऊपरी पलक पर, या गर्दन के पिछले हिस्से में (जहां पर उन्हें स्टॉर्क बाइट्स कहा जाता है) हो सकते हैं। शिशुओं के विकास के साथ इस प्रकार के बर्थ मार्क हलके पड़ जाते हैं, लेकिन कभी-कभी ये हलके मार्क के साथ बने रहते हैं, जो बच्चे के अति उत्साह या गुस्से में होने पर साफ़ दिख सकते हैं।

    मिलिया, मोती जैसे छोटे और सफ़ेद सिस्ट होते हैं, जो बहुत आम होते हैं और आम तौर पर नाक और गालों पर पाए जाते हैं। ये पसीने की ग्लैंड डक्ट्स के बंद होने के कारण होते हैं। कुछ हफ्तों की अवधि के दौरान, मिलिया छोटे या गायब हो जाते हैं।

    मिलिया
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    इस तस्वीर में छोटे, क्रीम के रंग की सिस्ट को दिखाया गया है, जिन्हें नवजात शिशुओं के चेहरे पर आमतौर पर देखा जाता है।
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    सफेद और पीली सिस्ट को कभी-कभी मसूड़ों पर या मुंह के अंदर वाले हिस्से के ऊपरी केन्द्रीय भाग (जिसे एस्पटीन पर्ल्स कहा जाता है) में देखा जाता है। उनके लिए उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। ये सिस्ट 1 से 2 सप्ताह में ठीक हो जाती हैं।

    पीठ के निचले हिस्से या नितंबों पर चपटे नीले या भूरे धब्बे (जिन्हें पहले मंगोलियन धब्बे कहा जाता था) उत्पन्न हो सकते हैं। उनको खरोंच मानने का भ्रम हो सकता है। ये धब्बे अफ़्रीकी, लैटिन अमेरिकी या एशियाई मूल के नवजात शिशुओं में अधिक आम होते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ ये धीरे-धीरे गायब होते जाते हैं और इनका उपचार करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।

    इन्फ़ैन्टाइल हेमन्जिओमा (स्ट्रॉबेरी हेमन्जिओमा) सामान्य जन्मजात निशान होते हैं। इनके कारण त्वचा बहुत चमकदार लाल रंग या नीले रंग की हो जाती है और ऐसा त्वचा पर कहीं पर भी हो सकता है, और खास तौर पर सिर और गर्दन में हो सकता है। इन्फ़ैन्टाइल हेमन्जिओमा जन्म के तुरंत बाद उत्पन्न हो जाते हैं और जीवन के पहले वर्ष में तेज़ी से बढ़ते हैं। 12 से 18 महीनों के बाद, हेमान्जियोमा सिकुड़ जाते हैं और हल्के पड़ जाते हैं, और जब तक बच्चा स्कूल जाने की आयु तक पहुंचता है, उनमें से अधिकांश अब दिखाई नहीं देते हैं। अधिकांश हेमान्जियोमा के लिए उपचार की ज़रूरत नहीं पड़ती है, लेकिन उनके आकार और जगह पर निर्भर करते हुए, कभी-कभी उनका उपचार लेज़र थेरेपी या प्रोप्रेनोलोल से उनका उपचार किया जाता है।

    आँख की पुतली में कैपिलरी हेमिन्जियोमा
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    कैपिलरी हेमिन्जियोमास, जो की कैंसर-रहित (मामूली) होते हैं, वे आंख या आंख की पुतली के समीप विकसित हो सकते हैं तथा इनके कारण लेज़ी आई (एंब्लियोपिया) हो सकता है। इन समस्याओं का मूल्यांकन नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाना चाहिए।
    © स्प्रिंगर सायन्स + बिज़नेस मीडिया

    पोस्ट-वाइन स्टेन्स समतल गुलाबी, लाल या बैंगनी बर्थमार्क होते हैं। ये रक्त विकार के कारण होते हैं। पोर्ट-वाइन स्टेन्स छोटे हो सकते हैं या शरीर के बड़े हिस्सों को कवर करने वाले भी हो सकते हैं। पोर्ट-वाइन धब्बे कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन कुछ धब्बे स्टर्ज-वीबर सिंड्रोम नाम के एक गंभीर न्यूरोक्यूटेनियस विकार में आ सकते हैं। त्वचा की विवर्णकता स्थाई होती है। कुछ पोर्ट-वाइन स्टेन्स् का उपचार करने के लिए, लेज़र थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है।

    चेहरे पर पोर्ट-वाइन स्टेन
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    इस तस्वीर में चेहरे पर पोर्ट-वाइन स्टेन वाले शिशु को दिखाया गया है।
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