मुंह सूखना

(ज़ेरोस्टोमिया)

इनके द्वाराBernard J. Hennessy, DDS, Texas A&M University, College of Dentistry
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जन॰ २०२४

लार की कमी या लार न बहने के कारण मुँह सूखा रहने की समस्या होती है। इस स्थिति से असुविधा हो सकती है, बोलने और निगलने में रुकावट हो सकती है, डेन्चर पहनना मुश्किल हो सकता है, सांसों में बदबू (हैलिटोसिस) की समस्या हो सकती है, और मुंह की एसिडिटी कम होने और बैक्टीरिया बढ़ने के कारण मुँह की साफ़-सफ़ाई बिगड़ सकती है, जिससे कैविटीज़ बनती हैं। लंबे समय तक मुँह सूखा रहने पर दांतों की गंभीर सड़न हो सकती है और मुंह में कैंडिडिआसिस हो सकता है। मुंह सूखना वयोवृद्ध वयस्कों में एक आम शिकायत है।

मुँह सूखने की वजहें

मुँह तब सूखने लगता है जब लार ग्रंथियां (मुंह में मौजूद ग्रंथियां जो लार बनाती हैं) सही से काम नहीं करतीं और इसलिए लार बनना कम हो जाता है। मुँह सूखने के कई अन्य कारण भी हैं जैसे शरीर में पानी की कमी होना और मुंह से ज़्यादा सांस लेना (टेबल देखें मुँह सूखने के कुछ कारण).

मुँह सूखने के सबसे आम कारण हैं

  • दवाइयाँ और दूसरे मादक पदार्थ

  • सिर और गर्दन की रेडिएशन थेरेपी (कैंसर के उपचार के लिए)

दवाएं कुल मिलाकर सबसे आम कारण हैं। लगभग 400 प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाएं और कई बिना प्रिस्क्रिप्शन (बिना पर्चे वाली) दवाएं लार बनने में कमी का कारण बनती हैं। दवाओं के सबसे आम वर्गों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • जिन दवाओं में एंटीकॉलिनर्जिक प्रभाव होता है (ऐसी दवाएं जो एसिटिलकोलिन को ब्लॉक करती हैं)

  • एंटीपार्किंसोनियन दवाएं (पार्किंसन रोग के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं)

  • कैंसर की कीमोथेरेपी दवाइयाँ

आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली ज़्यादातर दवाओं में एंटीकॉलिनर्जिक प्रभाव होते हैं। मुँह सूखना, एंटीकोलिनर्जिक के कई दुष्प्रभावों में से एक है।

कई कीमोथेरेपी दवाओं से मुंह बहुत ज़्यादा सूखता है और उन्हें लेने के दौरान मुंह में छाले (स्टोमाटाइटिस) हो सकते हैं। ये समस्याएं आमतौर पर दवा बंद करने के बाद समाप्त हो जाती हैं।

मुंह सूखने की वजह बनने वाली अन्य आम दवाओं में एंटी-हाइपरटेंसिव (हाई ब्लड प्रेशर को कम करने वाली दवाएं), चिंता-रोधी दवाएं (चिंता के विकारों के लिए ली जाने वाली दवाएं), और एंटीडिप्रेसेंट (डिप्रेशन के इलाज के लिए ली जाने वाली दवाएं)।

मेथएम्फीटमीन के ग़ैर-कानूनी उपयोग के कारण मेथ माउथ नामक विकार हो सकता है, जो मेथएम्फीटमीन से होने वाली मुंह सूखने की समस्या के कारण गंभीर दांतों की सड़न पैदा करता है। इस दवा के कारण दांत पीसने और भींचने की समस्या होने, साँस में सूँघकर ली गई भाप की गर्मी से, और कुछ हद तक चीनी वाले ड्रिंक ज़्यादा पीने और मुँह की साफ़-सफाई न रखने से यह स्थिति बिगड़ जाती है। यह कॉम्बिनेशन दांतों के बहुत तेज़ी से विनाश और युवा लोगों के लिए जीवन भर दांतों की समस्याएं बने रहने का कारण बनता है।

तंबाकू के उपयोग से आमतौर पर लार बनना कम हो जाता है।

सिर और गर्दन के कैंसर के लिए रेडिएशन थेरेपी करने से लार ग्रंथियों को बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंच सकता है, जिससे अक्सर हमेशा के लिए सूखापन हो सकता है। रेडिएशन की कम डोज़ भी हमेशा के लिए सूखापन बने रहने का कारण बन सकती है।

मुंह सूखने कीकी कम सामान्य वजहों में पूरे शरीर में होने वाले (प्रणालीगत) विकार शामिल हो सकते हैं। जिन लोगों को मुँह सूखने की समस्या होती है उनमें शोग्रेन (Sjögren) सिंड्रोम होना बहुत आम है। मधुमेह या HIV संक्रमण के कुछ रोगियों को भी मुँह सूखने की समस्या होती है।

मुँह सूखने की समस्या का मूल्यांकन

जिन लोगों को मुँह सूखने की समस्या होती है उन सभी लोगों को डॉक्टर द्वारा तुरंत मूल्यांकन कराने की आवश्यकता नहीं होती है। आगे की जानकारी लोगों को यह तय करने में मदद कर सकती है कि किसी डॉक्टर के मूल्यांकन की आवश्यकता है या नहीं और यह जानने में उनकी मदद कर सकती है कि मूल्यांकन के दौरान क्या अपेक्षा की जानी चाहिए।

चेतावनी के संकेत

जिन लोगों को मुँह सूखने की समस्या होती है उनके लिए, कुछ लक्षण और विशेषताएं चिंताजनक हो सकते हैं। उनमें शामिल हैं

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

जिन लोगों को चेतावनी के संकेत हों उन्हें तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। जिन लोगों के बड़े पैमाने पर दाँत सड़ रहे हैं उन्हें दांतों की जांच करानी चाहिए। जिन लोगों को मुँह सूखने की समस्या होती है, अगर उनमें अन्य कोई चेतावनी के संकेत नहीं दिखते हैं और जो वैसे ठीक महसूस करते हैं, उन्हें दांतों के डॉक्टर से एक हफ़्ते के अंदर मिल लेना चाहिए।

डॉक्टर क्या करते हैं

डॉक्टर पहले व्यक्ति के लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में सवाल पूछते हैं। आँखें सूखना या आँखों में जलन, खुश्क त्वचा, ददोरे और/या जोड़ों के दर्द के लक्षण शोग्रेन (Sjögren) सिंड्रोम होने की संभावना को बढ़ाते हैं। डॉक्टर रेडिएशन से पिछले या वर्तमान के इलाज की पहले से अब तक की सारी जानकारी, सिर और गर्दन में चोट लगने की जानकारी और HIV संक्रमण के जोखिम कारकों के निदान के बारे में भी पूछते हैं। डॉक्टर को रोगी द्वारा ली जाने वाली सभी दवाओं या उपयोग किए जाने वाले पदार्थों के बारे में जानना ज़रूरी होता है, ताकि वो पता लगा सकें कि क्या इनमें से कोई दवा लेने से मुंह सूखने की समस्या हो रही है।

उसके बाद डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण करते हैं। सूखापन कितना ज़्यादा है यह देखने के लिए मुंह की शारीरिक जांच की जाती है। सूखापन कितना ज़्यादा है अगर यह पता नहीं चल पाता है, तो डॉक्टर 10 सेकंड के लिए गाल के अंदर एक टंग डिप्रेसर पकड़ कर रख सकते हैं। अगर छोड़ने पर टंग डिप्रेसर तुरंत गिर जाता है, तो इसका मतलब है कि लार सही से बन रही है। अगर टंग डिप्रेसर को हटाने में कठिनाई होती है, तो इसका मतलब है कि लार सही से नहीं बन प् रही है। महिलाओं में लिपस्टिक का निशान, लिपस्टिक का सामने के दांतों में चिपकना, मुंह सूखने की समस्या का एक उपयोगी संकेतक हो सकता है।

फंगस कैंडिडा एल्बिकान्स के कारण होने वाले किसी भी घाव की मौजूदगी को जांचने के लिए डॉक्टर मुंह की भी जांच करते हैं और दांतों की स्थिति को भी जांचते हैं (उदाहरण के लिए, क्या मुँह की छिपी जगहों में कोई कैविटीज़ मौजूद हैं)। दाँतों का अप्रत्याशित रूप से गंभीर और तीव्र क्षय दिल बहलाने के लिए और अवैध नशीली दवाओं के उपयोग का संकेत हो सकता है, विशेष रूप से मेथामफेटामाइन

मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक जांच में जो बातें डॉक्टरों को पता लगती हैं, वे अक्सर मुँह सूखने की समस्या का कारण बता देती हैं और यह भी पता लग जाता है कि किन जांचों को करवाया जाना ज़रूरी है। (मुँह सूखने की समस्या के कुछ कारण और विशेषताएं टेबल देखें)। अगर एक नई दवाई शुरू होने के तुरंत बाद मुंह सूखने की समस्या शुरू होती है, तो डॉक्टर दवाई बंद करके यह जानने की कोशिश करते हैं कि क्या ऐसा करने से लक्षण दूर होते हैं।

टेबल
टेबल

परीक्षण

कभी-कभी, डॉक्टर लार के प्रवाह (सियालोमेट्री नामक एक जांच) की जांच करके यह पता लगाते हैं कि लार ग्रंथियां कितनी अच्छी तरह काम कर रही हैं। लार के प्रवाह को उत्तेजित करने के लिए पैराफिन चबाने को या जीभ पर साइट्रिक एसिड लगाने को कहा जाता है और इसके बाद डॉक्टर लार को इकट्ठा करते हैं। लार के प्रवाह को मापने से डॉक्टरों को यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि मुँह सूखने की समस्या ठीक हो रही है या नहीं।

अगर डॉक्टर मुँह सूखने की समस्या का कारण पता नहीं लगा पाते हैं, तो शोज़ग्रेन सिंड्रोम, सारकॉइडोसिस, अमाइलॉइडोसिस, टीबी, या कैंसर जैसे विकारों के निदान के लिए, रोगी के निचले होंठ की एक छोटी लार ग्रंथि की बायोप्सी (माइक्रोस्कोप में जांच करने के लिए टिशू का एक सैंपल निकालना) की जानी चाहिए। वे HIV के लिए जांच करने पर भी विचार कर सकते हैं।

मुँह सूखने की समस्या का इलाज

  • समस्या का इलाज करके, जब संभव हो तो उन दवाओं को बंद कर दिया जाता है जिनसे दूसरी समस्या हो सकती है

  • कभी-कभी लार उत्पादन को बढ़ाने के लिए दवाएं दी जाती हैं

  • लार के विकल्प (सैलाइवा सबस्टिट्यूट्स)

  • मुँह की साफ़-सफाई और दांतों की नियमित देखभाल करके

जब संभव हो, मुँह सूखने की समस्या की वजह का इलाज किया जाता है। जिन लोगों में मुंह सूखने की समस्या दवा से संबंधित होती है और उनकी वर्तमान दवा को रोका नहीं जा सकता है या उसकी जगह पर कोई अन्य दवा नहीं दी जा सकती है, तो उन्हें अपनी दवाओं को रात के बजाय सुबह लेना चाहिए, क्योंकि रात के समय मुंह सूखने की समस्या से कैविटीज़ बनने की संभावना ज़्यादा होती है। सभी दवाओं के लिए, तरल पदार्थ जैसे आसानी से लेने वाले फ़ॉर्मूलेशन लेने पर विचार किया जाना चाहिए। जिन दवाओं को जीभ के नीचे रखना होता है, उनसे परहेज़ करना चाहिए। लोगों को कैप्सूल और टैबलेट निगलने से पहले या जीभ के नीचे नाइट्रोग्लिसरीन रखने से पहले पानी पीना चाहिए। लोगों को डिकन्जेस्टेंट और एंटीहिस्टामाइन दवाएं लेने से भी परहेज़ करना चाहिए।

लक्षण पर काबू पाना

मुँह सूखने की समस्या के लक्षणों पर काबू पाने में मदद करने वाले इलाज में ऐसे उपाय शामिल हैं

  • जिनसे मौजूदा लार बढ़ती है

  • जिनमें लार को अन्य तरल से बदल दिया जाता है

  • कैविटीज़ पर काबू पाकर

लार उत्पादन बढ़ाने वाली दवाओं में सेविमेलाइन और पाइलोकार्पिन शामिल हैं। सेविमेलाइन का मुख्य दुष्प्रभाव जी मिचलाना है। पाइलोकार्पिन के मुख्य दुष्प्रभावों में पसीना आना, तमतमाहट होना और बड़ी मात्रा में पतला पेशाब (पॉलियूरिया) आना शामिल हैं।

बिना चीनी वाले तरल पदार्थों को बार-बार पीना और ज़ाइलिटोल वाली च्युइंग गम को चबाने से लार के प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिलती है। कार्बोक्सिमिथाइलसेलुलोज़, हाइड्रॉक्सीएथाइलसेलुलोज़ या ग्लिसरीन वाले ओवर-द-काउंटर सैलाइवा सबस्टिट्यूट का उपयोग करने से भी मदद मिल सकती है।

पेट्रोलियम जेली को होंठों पर और डेन्चर के नीचे लगाया जा सकता है ताकि मुंह की अंदरूनी सतह को ढकने वाली परत के सूखने, टूटने, छाले पड़ने और चोटिल होने पर उसमें राहत मिल सके। कोल्ड-एयर ह्यूमिडिफायर मुंह से सांस लेने वालों की सहायता कर सकता है, जिनके लक्षण आमतौर पर रात में ज़्यादा बिगड़ते हैं।

सावधानी से मुँह की साफ़-सफाई रखना बहुत ज़रूरी है। लोगों को ब्रश करना चाहिए (कोई कमर्शियल या डॉक्टरी पर्चे वाले फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करके) और नियमित रूप से फ्लॉस करना चाहिए (सोने से ठीक पहले भी) और रोज़ाना फ्लोराइड रिन्ज़ या जैल का उपयोग करना चाहिए। अतिरिक्त कैल्शियम और फॉस्फेट वाले नए टूथपेस्ट भी कैविटीज़ को रोकने में मदद कर सकते हैं। रोकथाम/बचाव से संबंधित दांतों की देखभाल और प्लाक हटवाने के लिए अपने दांतों के डॉक्टर से कई बार मिलना चाहिए। कैविटीज़ को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है घर पर फ्लोराइड लगाने के लिए डॉक्टर के पर्चे वाले टूथपेस्ट से भरे कस्टम-फिटेड माउथ ट्रे का उपयोग करना, विशेष रूप से रात में। रोगी ट्रे का उपयोग किए बिना दांतों पर प्रिस्क्रिप्शन वाला फ्लोराइड टूथपेस्ट लगाना भी पसंद कर सकते हैं। इसके अलावा, दांतों के डॉक्टर हर साल 2 से 4 बार सोडियम फ्लोराइड वार्निश लगा सकते हैं।

लोगों को चीनी या एसिडिक खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों और किसी भी जलन/रगड़ करने वाले ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जो सूखे, मसालेदार या बहुत ज़्यादा गर्म या ठंडे हैं। खासतौर पर, सोते समय चीनी के सेवन से बचना चाहिए।

वृद्ध लोगों के लिए आवश्यक: मुंह सूखना

मुंह सूखने की समस्या वयोवृद्ध वयस्कों में ज़्यादा आम है, लेकिन बढ़ती उम्र के बजाय यह शायद उन दवाओं की वजह से होता है जिन्हें आमतौर पर वयोवृद्ध वयस्क उपयोग करते हैं।

महत्वपूर्ण मुद्दे

  • दवाएं सबसे आम कारण हैं, लेकिन कुछ बीमारियां (आमतौर पर शोग्रेन सिंड्रोम या HIV संक्रमण) और रेडिएशन थेरेपी भी मुंह सूखने की समस्या का कारण बन सकती हैं।

  • ज़ाइलिटोल वाली च्युइंग गम चबाकर या बिना चीनी वाली कैंडी को चूसकर, कुछ दवाओं की मदद से और आर्टिफीशियल लार के रिप्लेसमेंट का उपयोग करके लार के प्रवाह को बढ़ाया जा सकता है।

  • चूंकि मुंह सूखने की समस्या से लोगों में दांतों की सड़न होने का ज़्यादा जोखिम होता है, इसलिए सावधानी से मुँह की साफ़-सफाई रखना, घर पर बचाव के अतिरिक्त उपाय करना (ओवर-द-काउंटर फ्लोराइड रिन्ज़ या दांतों के डॉक्टर द्वारा बताए गए फ्लोराइड टूथपेस्ट का हर दिन उपयोग करने के साथ), और दांतों के डॉक्टर द्वारा फ्लोराइड लगाया जाना ज़रूरी है।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. MouthHealthy.org: पोषण के साथ-साथ मौखिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है, साथ ही इससमें अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन की मंज़ूरी वाली सील लगे प्रॉडक्ट चुनने के बारे में भी मार्गदर्शन दिया गया है। इसके बारे में भी सलाह दी गई है कि दांतों के डॉक्टर कहाँ पर उपलब्ध हैं और उनसे कैसे और कब मिल सकते हैं।

quizzes_lightbulb_red
अपना ज्ञान परखेंएक क्वज़ि लें!
मैनुअल'  ऐप को निः शुल्क डाउनलोड करेंiOS ANDROID
मैनुअल'  ऐप को निः शुल्क डाउनलोड करेंiOS ANDROID
अभी डाउनलोड करने के लिए कोड को स्कैन करेंiOS ANDROID