दांत दर्द

इनके द्वाराBernard J. Hennessy, DDS, Texas A&M University, College of Dentistry
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जन॰ २०२४

दांत दर्द, दांतों में और उसके आसपास दर्द होना एक आम समस्या है, खासकर उन लोगों में जो सही से मुँह की साफ़-सफाई नहीं रखते हैं। दर्द लगातार बना रहने वाला हो सकता है, स्टिमुलस के बाद महसूस हो सकता है (गर्मी, ठंड, मीठा भोजन या पेय, चबाने, या ब्रश करने से), या यह दोनों ही स्थितियां हो सकती हैं।

दांत दर्द की वजहें

दांत दर्द की सबसे आम वजहें हैं

  • कैविटीज़

  • पल्पाइटिस

  • पेरिएपिकल ऐब्सेस

  • ट्रॉमा

  • मसूड़े के ऊतक में से धक्का देती अकल दाढ़ (पेरिकोरोनाइटिस का कारण)

दांत में दर्द आमतौर पर दांतों की सड़न (कैविटीज़) और कैविटीज़ होने पर अन्य समस्याओं, जैसे कि पल्पाइटिस और फोड़ा होने के कारण होता है। अच्छे से मुँह की साफ़-सफाई रखकर दांतों की सड़न को काफी हद तक रोका जा सकता है, इससे प्लाक को हटाने में भी मदद मिलती है। प्लाक को हटाने से मदद इसलिए मिलती है क्योंकि प्लाक में मौजूद बैक्टीरिया एसिड बनाते हैं, जो दाँत के इनेमल और डेंटिन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

जब कैविटीज़ (दाँत की सड़न) दाँत की बाहरी सतह (इनेमल) में से होकर इनेमल के नीचे के कठोर ऊतक (डेंटिन) में फैलने लगती हैं, तब इनकी वजह से दर्द महसूस होता है। (चित्र देखें दांत के अंदर का एक दृश्य।) यह दर्द आमतौर पर ठंड, गर्मी, मीठे भोजन या पेय से स्टिमुलेशन या ब्रश करने के बाद ही होता है। अगर स्टिमुलस को हटाने के तुरंत बाद दर्द बंद हो जाता है तो पल्प–जोकि दांत के रहने की जगह है– के अपरिवर्तनीय रूप से प्रभावित होने की संभावना नहीं होती है।

दांत के अंदर का एक दृश्य

पल्पाइटिस (दांत के पल्प की सूजन) आमतौर पर एडवांस्ड कैविटीज़ के कारण होता है, लेकिन यह दांत पर पिछली किसी बड़े पैमाने पर की गई या खराब सर्जरी या ट्रॉमा से पल्प डैमेज होने के कारण भी हो सकता है। पल्पाइटिस दो तरह का होता है, जिसे ठीक किया जा सकता है और जिसे ठीक नहीं किया जा सकता। अगर गर्म या ठंड स्टिमुलेशन लगाया जाता है, तो दर्द एक मिनट या उससे ज़्यादा समय तक रह सकता है। स्टिमुलेशन के बिना भी दांत में दर्द हो सकता है। आमतौर पर पल्प की सूजन के कारण ही पल्प निर्जीव हो जाता है। जब पल्प निर्जीव हो जाता है, तो दर्द धीरे-धीरे (घंटों से हफ्तों तक) खत्म हो जाता है। इसके बाद, अगर दांत की जड़ के आसपास के ऊतक में सूजन हो जाती है (एपिकल पेरियोडोंटाइटिस) या अगर मवाद (फोड़ा) बन जाता है, तो दर्द वापस लौट सकता है।

पेरिएपिकल ऐब्सेस (दांत की जड़ के आसपास मवाद का जमा होना) तब हो सकता है जब संक्रमण होने पर पल्प खत्म हो जाता है और दांत की जड़ के आसपास सूजन हो जाती है। दांत किसी मैटल डेंटल प्रोब या टंग ब्लेड (परकशन) की थपथपाहट और चबाने के प्रति बेहद संवेदनशील हो जाता है। पेरिएपिकल ऐब्सेस बहुत बढ़ सकता है और अपने आप बहकर निकल सकता है या पास के ऊतकों में फैल सकता है (सेल्युलाइटिस)।

ट्रॉमा की स्थिति में टूटे या ढीले हुए दांत शामिल हैं। दांत को चोट लगने से पल्प को नुकसान पहुंच सकता है और इससे पल्पाइटिस, एपिकल एब्सेस और कभी-कभी दांत बेरंग होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो चोट लगने के तुरंत बाद या दशकों बाद शुरू हो सकती हैं।

पेरिकोरोनाइटिस, दांत–आमतौर पर मसूड़े में से उग रहे दांत या किसी दबाव में आए दांत (जो मसूड़े में से उग नहीं पा रहा हो)– के क्राउन के चारों ओर मसूड़ों की सूजन और संक्रमण को कहा जाता है। यह आमतौर पर एक निकल रही अकल दाढ़ (लगभग हमेशा नीचे वाली) के आसपास होता है, लेकिन इसमें कोई दांत भी शामिल हो सकता है।

छोटे बच्चों में, दांत उगते समय अक्सर परेशानी होती है, क्योंकि दांत मसूड़ों में से निकल रहे होते हैं।

साइनस में संक्रमण से होने वाले दर्द को अक्सर ग़लती से साइनस के पास वाले ऊपरी दांतों से शुरू होने वाला दर्द मान लिया जाता है—खासकर अगर व्यक्ति को हाल ही में सर्दी होने के दौरान या बाद ये दांत दर्द हुआ हो। साइनुसाइटिस का संकेत देने वाले अतिरिक्त लक्षण हैं सिरदर्द और प्रभावित हुए साइनस के ऊपर की त्वचा में कमज़ोरी और सूजन।

जटिलताएँ

दांत दर्द का कारण बनने वाले विकारों की मुख्य बड़ी जटिलताओं में दांत के आस-पास की जगहों से पास के ऊतकों में संक्रमण फैलना शामिल है। किसी ऊपरी दांत का संक्रमण, नाक के साइनस (जिससे साइनुसाइटिस होता है) में फैल सकता है या मस्तिष्क की बुनियाद पर एक बड़ी नस (जिसे कैवरनस साइनस कहा जाता है) में फैल सकता है, जिससे कैवरनस साइनस थ्रॉम्बोसिस हो सकता है। निचले दांत का संक्रमण जीभ के नीचे फैल सकता है। जीभ के नीचे मुंह के निचले भाग का संक्रमण लुडविग एनजाइना कहा जाता है और ऐसा होने पर, बहुत सूजन पैदा हो सकती है जिसके कारण रोगी व्यक्ति का साँस लेने का मार्ग बंद हो सकता है। कैवरनस साइनस थ्रॉम्बोसिस और लुडविग एनजाइना जानलेवा होता है और इसमें तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।

दांत दर्द का मूल्यांकन करके

जिन्हें दांत दर्द है उन्हें दांतों के डॉक्टर से मिलना चाहिए। निम्नलिखित जानकारी लोगों को यह जानने में मदद कर सकती है कि दांतों के डॉक्टर के पास कब जाना है और उन्हें यह जानने में मदद मिल सकती है कि मूल्यांकन के दौरान क्या अपेक्षा की जाए।

चेतावनी के संकेत

जिन्हें दांत दर्द है उन लोगों के लिए, कुछ लक्षण और विशेषताएं चिंताजनक हो सकते हैं। ये संकेत चेतावनी होते हैं कि दांतों का संक्रमण फैल सकता है और इन संकेतों में शामिल हैं

  • सिरदर्द और/या भ्रम होना

  • बुखार

  • मुंह का निचला भाग सूजना या कमज़ोर लगना

  • देखने में कठिनाई या दोहरी दृष्टि (डबल विज़न) होना

डॉक्टर या डेंटिस्ट से कब मिलना है

जिन लोगों में चेतावनी के संकेत हैं और जिनकी आंख के आसपास सूजन है, उन्हें तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। जिन लोगों में चेतावनी के संकेत नहीं हैं लेकिन जिनके जबड़े पर सूजन है, बहुत तेज़ दर्द है, या दांत की बुनियाद से मवाद बह रहा है, उन्हें जल्द से जल्द दांतों के डॉक्टर से मिलना चाहिए। अन्य लोग जिन्हें दांत दर्द है उन्हें समय मिलते ही दांतों के डॉक्टर से मिल लेना चाहिए, लेकिन कई दिनों की देरी होने पर भी कोई नुकसान नहीं होता है।

दांतों के डॉक्टर क्या करते हैं

दांतों के डॉक्टर पहले व्यक्ति के लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में सवाल पूछते हैं। इसके बाद दांतों के डॉक्टर उनके चेहरे, मुंह और दांतों की जांच करते हैं। मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक जांच में जो बातें उनको पता लगती हैं, वे अक्सर दांत दर्द होने का कारण बता देती हैं और यह भी पता लग जाता है कि किन जांचों को करवाया जाना ज़रूरी है।

कुछ स्थितियों में, डेंटिस्ट प्रत्येक दांत पर एक बर्फ का टुकड़ा या एक डेंटल रेफ्रिजरेंट से ठंडा किया गया रुई का टुकड़ा थोड़े समय के लिए लगाते है। दर्द का एहसास होते ही इसे निकाल दिया जाता है। स्वस्थ दांतों में, दर्द करीब-करीब तुरंत ही रुक जाता है। कुछ सेकंड से अधिक समय तक रहने वाला दर्द पल्प की क्षति (उदाहरण के लिए, पल्पाइटिस) का संकेत देता है।

ट्यूमर, लार ग्लैंड की समस्या, या गहरे स्थान में संक्रमण (उदाहरण के लिए, एक ऐब्सेस) के लक्षण खोजने के लिए डेंटिस्ट मोटा होने, सख्त होने और/या दर्द जैसी असामान्यताओं के बारे में जानने के लिए मुंह की सतह पर थपथपाते हैं।

टेबल

परीक्षण

जांचों की आवश्यकता इस बात पर निर्भर करती है कि रोगी के इतिहास और शारीरिक जांच के दौरान दांतों के डॉक्टर या डॉक्टर क्या पाते हैं, खासकर कि उन्हें कोई चेतावनी के संकेत मिलते हैं या नहीं। हालांकि, आमतौर पर डेंटल एक्स-रे लिए जाते हैं। अगर केवरनस साइनस थ्रॉम्बोसिस या लुडविग एनजाइना होने का शक है, तो एक इमेजिंग जांच—आमतौर पर कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) या मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (MRI)—की जाती है।

दांत दर्द का इलाज

  • दर्द निवारक

  • एंटीबायोटिक्स

  • खास कारणों का इलाज

जब लोग दांतों की जांच होने का इंतजार कर रहे हों तो वे बिना डॉक्टर के पर्चे वाले दर्द निवारक (एनाल्जेसिक) जैसे एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन ले सकते हैं।

एक खास जगह की नस को ब्लॉक किया जा सकता है। जब तक पीड़ित व्यक्ति समस्या का इलाज कराने के लिए दांतों के डॉक्टर से नहीं मिल लेता, तब तक गंभीर दर्द से राहत देने के लिए एक लोकल एनेस्थेटिक को इंजेक्ट किया जाता है।

ऐब्सेस, पेरिकोरोनाइटिस या सेल्युलाइटिस जैसे विकारों के लिए एमोक्सीसिलिन जैसे एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं। अगर सेल्युलाइटिस होने का शक है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं लिखते हैं। अगर फोड़ा या पेरिकोरोनाइटिस होने का शक है, तो दांतों के डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। अगर उसी दिन मिल पाना संभव न हो पाए, तो डॉक्टर रोगी के लिए एंटीबायोटिक दवाएं लिख सकते हैं।

खास तरह के विकारों का इलाज किया जाता है। फोड़े को आमतौर पर एक स्केलपेल ब्लेड के साथ चीरा लगाकर बहा दिया जाता है। इसके लिए एक रबड़ की नाली को सिलाई करके वहां लगाया जा सकता है।

एंटीसेप्टिक क्लोरहेक्सिडिन या नमक के पानी (एक गिलास गर्म पानी में 1 बड़ा चम्मच नमक मिलाया जाता है—आमतौर पर पीने वाले कॉफी या चाय जितना ही गर्म) के साथ दिन में 3 या 4 बार कुल्ला करके पेरिकोरोनाइटिस का इलाज किया जाता है। नमक के पानी को ठंडा होने तक मुंह के प्रभावित हुए हिस्से में रखा जाता है और फिर थूक दिया जाता है और फिर से मुंह में यह पानी भरके इसे दोहराया जाता है।

छोटे बच्चों में दांत उगने के दर्द का इलाज एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन (बच्चे के वज़न के हिसाब से खुराक देकर) के साथ किया जा सकता है। अन्य विकल्पों में हार्ड क्रैकर्स (जैसे बिस्कॉटी) चबाना, और कुछ भी ठंडा चबाना (जैसे जैल वाले टीथिंग रिंग्स) शामिल हैं। बेंज़ोकेन वाले ओवर-द-काउंटर टीथिंग प्रॉडक्ट्स शिशुओं और बच्चों के लिए बहुत खतरा बन सकते हैं और इनका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

जिन लोगों में कैवरनस साइनस थ्रॉम्बोसिस या लुडविग एनजाइना की दुर्लभ समस्या होती है, उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती होने, संक्रमित दांत को हटाने और नस द्वारा (इंट्रावेनस रूट से) एंटीबायोटिक दवाएं देने की ज़रूरत पड़ती है।

वृद्ध लोगों के लिए आवश्यक: दांत दर्द

आमतौर पर मसूड़े ढीले होने और दवाओं के कारण मुंह सूखने से, वयोवृद्ध वयस्कों में जड़ की सतहों पर कैविटीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है। पेरियोडोंटाइटिस अक्सर युवावस्था में शुरू होता है। इलाज न किए जाने पर, यह बुढ़ापे में दांतों में दर्द और नुकसान का कारण बनता है।

महत्वपूर्ण मुद्दे

  • ज़्यादातर दांतों में कैविटी या कैविटी होने से जटिलताएं (जैसे पल्पाइटिस या फोड़ा होना) होती हैं।

  • लक्षणों का इलाज और दांतों के डॉक्टर के लिए रेफर करना आमतौर पर काफ़ी होता है।

  • अगर दांत में फोड़ा हो गया है, पल्प के साथ दांत खत्म हो गया है (और संक्रमण के संकेत हैं जैसे बुखार, लालपन, या सूजन), या ज़्यादा गंभीर स्थिति है, और अगर उसी दिन दांतों के डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं तो एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं।

  • अगर दांतों का संक्रमण मुंह के निचले भाग तक या कैवरनस साइनस तक फैल गया है, जोकि एक बहुत ही दुर्लभ लेकिन गंभीर जटिल समस्या है, तो तुरंत डॉक्टरी मदद ज़रूरी होती है।

  • दांतों का संक्रमण, शायद ही कभी साइनुसाइटिस का कारण बनता है, लेकिन साइनस में संक्रमण होने पर दर्द हो सकता है जो ऐसे महसूस होता है मानो यह दांतों से शुरू हुआ है।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. MouthHealthy.org: पोषण के साथ-साथ मौखिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है, साथ ही इससमें अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन की मंज़ूरी वाली सील लगे प्रॉडक्ट चुनने के बारे में भी मार्गदर्शन दिया गया है। इसके बारे में भी सलाह दी गई है कि दांतों के डॉक्टर कहाँ पर उपलब्ध हैं और उनसे कैसे और कब मिल सकते हैं।