बच्चों और किशोरों में गैर-आत्मघाती स्व-चोट

(खुद को चोट पहुँचाना; कटना)

इनके द्वाराJosephine Elia, MD, Sidney Kimmel Medical College of Thomas Jefferson University
द्वारा समीक्षा की गईAlicia R. Pekarsky, MD, State University of New York Upstate Medical University, Upstate Golisano Children's Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया संशोधित मई २०२३
v42592558_hi
गैर-आत्मघाती स्व-चोट का आशय खुद को चोट पहुंचाने से है जिसका आशय मरना नहीं होता है। इसके उदाहरणों में सतही रूप से खरोंच लगाना, काटना या त्वचा को जलाना (सिगरेट या कर्लिंग आयरन का प्रयोग करना), और साथ ही चाकू मारना, मारना या इरेज़र से त्वचा को बार-बार रगड़ना।

(बच्चों और किशोरों में आत्मघाती व्यवहार भी देखें।)

किशोर जिन नशीली दवाओं या तत्वों का दुरुपयोग करते हैं, उनमें खुद को चोट पहुँचाने की अधिक संभावना होती है।

कुछ समुदायों में, खुद को चोट पहुंचाना अचानक हाई स्कूल में एक सनक बन जाती है, और कई किशोर ऐसा करते हैं। ऐसे मामलों में, खुद को चोट पहुंचाना समय के साथ-साथ धीरे-धीरे रूक जाता है।

खुद को चोट पहुंचाने का अर्थ है कि किशोर बहुत ही परेशान है। हालांकि, अनेक किशोरों में, खुद को चोट पहुंचाना इस बात को इंगित नहीं करता है कि आत्महत्या का जोखिम है। इसकी बजाए, ये खुद को सजा देने का कार्य हो सकता है जिसको वे अपने लिए सही मानते हैं। खुद को चोट पहुंचाने का इस्तेमाल माता-पिता और/या अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों का ध्यान आकर्षित करने, गुस्से की अभिव्यक्ति करने, या सहकर्मी समूह में पहचान बनाने के लिए किया जा सकता है। अन्य किशोरों में (जिनको तुलनात्मक रूप से कहीं अधिक मानसिक बाधाएं और समाज का कम समर्थन प्राप्त होता है), आत्महत्या का जोखिम बढ़ जाता है।

आत्महत्या के जोखिम को बढ़ाने वाले अन्य कारकों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • अक्सर खुद को चोट पहुंचाना

  • अपने आप को चोट पहुंचाने के लिए अनेक तरीकों का इस्तेमाल करना

  • दूसरे लोगों, विशेष रूप से अपने माता-पिता के साथ कम सामाजिक सम्बद्धता महसूस करना

  • यह महसूस करना कि जिंदगी के कोई मायने या बहुत कम अर्थ है

  • अक्सर मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करना

  • आत्महत्या के विचार आना

ऐसे सभी किशोर, जो जानबूझकर खुद को चोट पहुँचाते हैं, उनका मूल्यांकन किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के साथ काम करने वाले मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा किया जाना चाहिए। डॉक्टर यह तय करने की कोशिश करता है कि क्या आत्महत्या का जोखिम है तथा वह उन अंतर्निहित परेशानियों की पहचान करने का प्रयास करता है जिसके कारण खुद को चोट पहुंचाई गई। डॉक्टर यह तय करने का प्रयास करते हैं कि क्या किशोर के साथ निम्न आत्म-सम्मान या कोई अन्य मानसिक स्वास्थ्य मुद्दे, जैसे चिंता, मनोदशा, खानपान का तरीका, नशीले तत्वों का प्रयोग, या अभिघात की समस्याएं तो नहीं हैं।

आमतौर पर उपचार में व्यक्तिगत (तथा कभी-कभी समूह) थेरेपी शामिल होती है। थेरेपी में किशोरों को यह सिखाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है कि उनको अपनी भावनाओं के प्रति अधिक जागरूक कैसे होना है, नकारात्मक विचारों को जीवन के भाग के तौर पर कैसे स्वीकार करना है, तनाव के संबंध में प्रतिक्रिया करने के लिए किस तरह से उचित तरीके विकसित करने हैं, तथा किस प्रकार से खुद को बरबाद करने की इच्छा को नियंत्रित करना है।

अपना ज्ञान परखेंएक क्वज़ि लें!
मैनुअल'  ऐप को निः शुल्क डाउनलोड करेंiOS ANDROID
मैनुअल'  ऐप को निः शुल्क डाउनलोड करेंiOS ANDROID
अभी डाउनलोड करने के लिए कोड को स्कैन करेंiOS ANDROID