इंटरट्राइगो, जहां त्वचा की दो सतहें आपस में रगड़ खाती हैं वहां, त्वचा में दर्द, जलन, खुजली और गलन (सफ़ेद और नर्म पड़ने) को कहते हैं।
कभी-कभी वहां बैक्टीरिया या यीस्ट के संक्रमण हो जाते हैं।
इसका निदान दाने के स्थान और उसके स्वरुप के आधार पर और कभी-कभी संक्रमण की तलाश के लिए त्वचा की खुरचनों और कल्चर के विश्लेषण के आधार पर किया जाता है।
इलाज में त्वचा को सुखाने और संक्रमणों को खत्म करने का लक्ष्य रखा जाता है।
(त्वचा के फ़ंगल संक्रमणों का विवरण भी देखे।)
जब रगड़ और फंसी हुई नमी, इन दोनों चीज़ों की जोड़ी त्वचा को नर्म बनाकर उसमें खुजली, दर्द और जलन करती है और त्वचा कटने-फटने लगती है, तो इससे इंटरट्राइगो होता है। इस कटने-फटने से अक्सर यीस्ट या बैक्टीरिया का संक्रमण हो जाता है। प्रभावित स्थान में लालिमा, दर्द, सूजन, खुजली जैसे लक्षण अकेले या कई एक साथ होते हैं।
सबसे अधिक प्रभावित होने वाले स्थानों में हल्के गर्म और नम स्थान जैसे स्तनों के नीचे के स्थान, पेट की वसा की तहों के बीच का स्थान, हाथों या पैरों की अंगुलियों के बीच के स्थान, कूल्हों के नीचे के स्थान और जांघों के बीच वाला स्थान शामिल हैं।
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इंटरट्राइगो आम तौर पर उन लोगों में होता है जो मोटापे से ग्रस्त होते हैं या जिन्हें बहुत ज़्यादा पसीना आता है और उन लोगों में होता है जिनके कपड़े त्वचा को रगड़ते हैं या जिनमें नमी फंसी रहती है।
इंटरट्राइगो का निदान
डॉक्टर द्वारा त्वचा की जांच
कभी-कभी यीस्ट संक्रमण की तलाश के लिए त्वचा की खुरचनों की जांच और कल्चर
डॉक्टर प्रभावित त्वचा के स्थान और उसके स्वरुप के आधार पर इंटरट्राइगो का निदान करते हैं।
डॉक्टर त्वचा से खुरचने लेकर माइक्रोस्कोप से उनकी जांच कर सकते हैं। इस जांच से डॉक्टर को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि इंटरट्राइगो किसी यीस्ट संक्रमण के कारण है या नहीं। कभी-कभी, डॉक्टर को बैक्टीरियल या यीस्ट संक्रमण, अगर कोई हो, की पहचान में मदद के लिए खुरचनों को कल्चर किया जाता है (पहचान के लिए लैबोरेटरी में किसी जीव की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया)।
इंटरट्राइगो का इलाज
त्वचा सूखी रखने के उत्पाद
कभी-कभी एंटीबैक्टीरियल लोशन या एंटीफंगल क्रीम
अगर कोई भी बैक्टीरिया या यीस्ट नहीं मिलता है, तो डॉक्टर प्रभावित स्थान को सूखा रखने और दर्द, जलन व खुजली की रोकथाम के लिए बरो का घोल या डॉक्टरी पर्चे के बिना मिलने वाले ऐसे एंटीपर्सपिरेंट सुझा सकते हैं जिनमें 20% एल्युमिनियम क्लोराइड होता है।
अगर बैक्टीरिया या यीस्ट मिलता है, तो डॉक्टर एंटीबैक्टीरियल लोशन या एंटीफंगल क्रीम भी देते हैं। (त्वचा पर लगाई जाने वाली कुछ एंटीफंगल दवाएँ (टॉपिकल दवाएँ) तालिका भी देखें)।