रीनल (किडनी) कॉर्टिकल नेक्रोसिस में किडनी (कोर्टेक्स) के बाहरी हिस्से के ऊतक की मृत्यु जाती है, ऐसा कोर्टेक्स को खून की आपूर्ति करने वाली छोटी धमनियों के अवरुद्ध होने के कारण होता है और यह किडनी के गंभीर रूप से ख़राब होने का कारण बनता है।
आम तौर पर इसका कारण एक बड़ा, खतरनाक बीमारी होती है जो ब्लड प्रेशर को कम कर देती है।
लक्षणों में हो सकता है कि पेशाब गहरे रंग का हो, पेशाब की मात्रा में कम हो जाए, बुखार और शरीर के एक हिस्से में दर्द शामिल हो सकते हैं।
कभी-कभी निदान की पुष्टि के लिए इमेजिंग टेस्ट या ऊतक विश्लेषण (बायोप्सी) किया जाता है।
(किडनी की रक्त वाहिका संबंधी बीमारियों के बारे में खास जानकारी भी देखें।)
किसी भी उम्र में रीनल कॉर्टिकल नेक्रोसिस हो सकता है। शिशुओं और बच्चों में लगभग 10% मामले में होते हैं।
किडनी के कॉर्टिकल नेक्रोसिस के कारण
नवजात शिशुओं में, आधे से अधिक मामले प्रसव के बाद देखने में आते हैं, जो गर्भनाल के समय से पहले अलग होने से जटिल हो जाते हैं। अगला सबसे आम कारण खून के बहाव (सेप्सिस) में जीवाणु संक्रमण है।
बच्चों में, गंभीर संक्रमण, गंभीर डिहाइड्रेशन, शॉक, या हीमोलिटिक-यूरिमिक सिंड्रोम के बाद हो सकता है कि रीनल कॉर्टिकल नेक्रोसिस हो जाए।
महिलाओं में लगभग आधे मामले गर्भावस्था के दौरान आने वाली जटिलताओं के बाद होते हैं, मसलन; गर्भनाल का समय से पहले अलग हो जाना या गर्भनाल की स्थिति का असामान्य होना, गर्भाशय से खून के रिसाव, बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद संक्रमण, एमनियोटिक फ़्लूड से धमनियों में रुकावट, गर्भाशय में भ्रूण की मृत्यु और प्रीक्लैंपसिया।
वयस्कों में दूसरे किस्म के कारणों से गंभीर संक्रमण, चोट लगने से खून की कमी हो जाना, प्रत्यारोपित किडनी को अस्वीकृति कर देना, जलने, अग्नाशय में सूजन (पैंक्रियाटाइटिस), सांप के काटने, कुछ दवाओं का इस्तेमाल और कुछ रसायनों से होने वाला ज़हरीला असर शामिल है।
किडनी के कॉर्टिकल नेक्रोसिस के लक्षण
पेशाब में अक्सर खोने होने की वजह से, यह लाल या गहरे भूरे रंग का हो जाता है। पीठ के निचले हिस्से में दोनों तरफ़ दर्द हो सकता है। अक्सर बुखार होता है। ब्लड प्रेशर में बदलाव, जिसमें हल्का हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर भी शामिल है, सामान्य होता है। हो सकता है कि पेशाब की धार धीमी या रुक जाए।
किडनी के कॉर्टिकल नेक्रोसिस का निदान
नियमित ब्लड और यूरिन टेस्ट
इमेजिंग टेस्ट
कभी-कभी किडनी की बायोप्सी
डॉक्टरों को रीनल कॉर्टिकल नेक्रोसिस का निदान करने में दिक्कत आ सकती है, क्योंकि यह अन्य प्रकार की किडनी के एक्यूट इंजरी के जैसी हो सकती है। जिन लोगों में बीमारी की संभावना होती है, उनके लक्षणों और नियमित ब्लड और यूरिन टेस्ट के नतीजे के आधार पर, डॉक्टर गुर्दे की कॉर्टिकल नेक्रोसिस का संदेह कर सकते हैं। अक्सर निदान की पुष्टि किसी इमेजिंग टेस्ट जैसे कि अल्ट्रासोनोग्राफ़ी या कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी एंजियोग्राफ़ी (CT एंजियोग्राफ़ी) से की जाती है। डॉक्टरों को निदान संबंधी सबसे सटीक जानकारी किडनी बायोप्सी दे सकती है, लेकिन बायोप्सी में किडनी से ऊतक निकालना होता है और हो सकता है कि इससे जटिलताएं हो जाएं और अगर निदान साफ़ है, तो यह अनावश्यक हो सकता है। इसलिए, ज़्यादातर बायोप्सी नहीं की जाती है।
किडनी के कॉर्टिकल नेक्रोसिस का इलाज
सहायक देखभाल
अंतर्निहित विकार का इलाज
इसका इलाज सहायक देखभाल होता है, जिसमें इंट्रावीनस तरल पदार्थ देना, ब्लड ट्रांसफ़्यूजन, एंटीबायोटिक्स, डायलिसिस या इनका संयोजन शामिल हो सकता है। संभव हो, तो कॉर्टिकल नेक्रोसिस का कारण बनने वाली बीमारी का भी इलाज किया जाता है।
हाल के वर्षों में, पूर्वानुमान में सुधार होने के साथ इलाज भी बेहतर हुआ है। लगभग 80% लोग एक वर्ष या उससे अधिक समय तक जीवित रहते हैं, हालांकि ज़्यादातर लोगों को स्थायी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांटेशन की ज़रूरत होती है।
अधिक जानकारी
निम्नलिखित अंग्रेजी भाषा के संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इन संसाधनों की सामग्री के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ किडनी पेशेंट्स (AAKP): AAKP किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीज़ बीच शिक्षा, हिमायत और समुदायिक भावना को बढ़ावा देने के माध्यम से मरीज़ों के जीवन में सुधार करता है।
अमेरिकन किडनी फ़ंड (AKF): AKF किडनी की बीमारी और किडनी ट्रांसप्लांटेशन के बारे में जानकारी प्रदान करता है, चिकित्सा खर्चों का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए ज़रूरत के आधार पर वित्तीय सहायता, चिकित्सा पेशेवरों के लिए वेबिनार और सिफारिश के अवसर प्रदान करता है।
National Kidney Foundation (NKF): यह क्लियरिंग हाउस किडनी की कार्यप्रणाली की मूलभूत जानकारी, किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों के इलाज और सहायता को ऐक्सेस करने, मेडिकल शिक्षा पाठ्यक्रम और मेडिकल पेशेवरों के लिए अनुसंधान के अवसरों और अनुदान सहायता तक सब कुछ मुहैया कराता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डायबिटीज एण्ड डाइजेस्टिव एण्ड किडनी डिजीज़ (NIDDK): अनुसंधान खोजों, सांख्यिकी और सामुदायिक स्वास्थ्य तथा संपर्क कार्यक्रमों सहित किडनी की बीमारियों से जुड़ी सामान्य जानकारी।