किडनी ट्यूबलर के जन्मजात विकार का परिचय

इनके द्वाराChristopher J. LaRosa, MD, Perelman School of Medicine at The University of Pennsylvania
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अक्तू॰ २०२४

    किडनी का काम खून को फ़िल्टर और साफ़ करना है। ये शरीर में पानी, घुलित लवण (इलेक्ट्रोलाइट, जैसे कि सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम) तथा रक्त में पोषक तत्वों के संतुलन को भी बनाए रखती हैं।

    किडनी में कई अलग-अलग प्रकार की संरचनाएं होती हैं, जिनसे वे रक्त को फ़िल्टर कर पाती हैं। रक्त जब किडनियों में से प्रवाहित होता है, तो वह सूक्ष्म छिद्रों वाली रक्त वाहिकाओं के सूक्ष्म गुच्छों (जिन्हें ग्लोमेरुली कहा जाता है) से गुजरता है। इस प्रक्रिया से बड़ी मात्रा में पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स और अन्य पदार्थ छोटी नलिकाओं (वक्रीय, ट्यूब के आकार की संरचनाओं) में चले जाते हैं। इन नलिकाओं को अस्तर करने वाली कोशिकाएं रक्त में अपेक्षित पानी, इलेक्ट्रोलाइट और पोषक तत्वों (जैसे कि ग्लूकोज़ और अमीनो एसिड) को पुनः अवशोषित करती हैं और लौटाती हैं। ये कोशिकाएँ अपशिष्ट उत्पादों को रक्त से फ़्लूड (जो मूत्र बन जाता है) में ले जाती हैं जो नलिकाओं से बहता है।

    नलिकाओं की भीतरी परत बनाने वाली कोशिकाएँ ऐसे हार्मोन छोड़ती हैं, जो रक्त की आपूर्ति (एरीथ्रोपॉइटिन), ब्लड प्रेशर और इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बनाए रखते हैं, साथ ही विटामिन D को सक्रिय करने वाला एंज़ाइम (कैल्सीट्राइऑल) भी बनाती हैं। अपने सक्रिय रूप में कैल्सीट्राइऑल कैल्शियम और फ़ॉस्फ़ोरस को नियंत्रित करने तथा हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार होता है।

    मूत्र पथ को देखना

    वे विकार जो किडनी की नलिकाओं को अस्तर करने वाली कोशिकाओं के कार्य में बाधा डालते हैं, उन्हें ट्यूबलर विकार कहा जाता है। कुछ ट्यूबुलर विकार आनुवंशिक होते हैं, इसलिए वे जन्म के समय मौजूद (जन्मजात) होते हैं। नलिका संबंधी कुछ जन्मजात विकार जन्म के पहले वर्ष में ही पता चल जाते हैं, और अन्य विकारों का पता वर्षों बाद भी नहीं चलता।

    जन्मजात ट्यूबलर विकारों में निम्नलिखित शामिल हैं:

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