लाइकेन स्क्लेरोसस एक विकार है जिससे खुजली होती है और जिससे गुदा और जननांग के आस-पास के स्थान पर घाव के निशान पड़ सकते हैं।
लाइकेन स्क्लेरोसस का कारण अज्ञात है, पर इसका संबंध प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा शरीर के अपने ही कुछ ऊतकों पर हमले (जिसे ऑटोइम्यून विकार कहते हैं) से हो सकता है।
यह विकार आम तौर पर गुदा और जननांग के आस-पास के स्थान को प्रभावित करता है, पर दुर्लभ मामलों में यह शरीर के दूसरे स्थानों पर भी हो सकता है।
लाइकेन स्क्लेरोसस के लक्षण
शुरुआत में, गुदा और जननांग के आस-पास की त्वचा उखड़ जाती है और उसमें फफोले पड़ सकते हैं। इसमें खुजली होना आम है, जो कभी-कभी बहुत तेज़ होती है। कुछ समय बाद, हो सकता है कि त्वचा पतली हो जाए, अपना सामान्य रंग खो बैठे, और उसमें दरारें व पपड़ियाँ पड़ जाएं। कुछ लोगों में यह विकार अलग तरह से विकसित होता है, जिससे त्वचा और मोटी हो जाती है।
लाइकेन स्क्लेरोसस के गंभीर और लंबे समय तक चलने वाले मामलों में घाव हो जाते हैं जो गुदा और जननांगों के आस-पास के हिस्से की सामान्य संरचनाओं को बिगाड़ देते हैं।
कभी-कभी, बच्चों में लाइकेन स्क्लेरोसस ऐसा दिखता है मानो उनके साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ हो।
दुर्लभ मामलों में, जो स्थान लाइकेन स्क्लेरोसस से लंबे समय तक प्रभावित रहे हैं उनमें स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा (एक प्रकार का त्वचा कैंसर) हो जाता है।
लाइकेन स्क्लेरोसस का निदान
एक डॉक्टर का मूल्यांकन
कभी-कभी स्किन बायोप्सी
डॉक्टरों द्वारा लाइकेन स्क्लेरोसस के निदान की पुष्टि आम तौर पर इस बात पर आधारित होती है कि चकत्ता कैसा दिखता है और वह शरीर पर कहाँ मौजूद है।
कभी-कभी डॉक्टर स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा (एक प्रकार का त्वचा कैंसर) को ख़ारिज करने के लिए, जो भी त्वचा मोटी हुई हो उसकी बायोप्सी (माइक्रोस्कोप से ऊतक के नमूने की जांच) करते हैं।
लाइकेन स्क्लेरोसस का उपचार
कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम या मरहम
त्वचा पर शक्तिशाली कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम या मरहम लगाए जाते हैं।
चूंकि आम तौर पर यह विकार कभी ठीक नहीं होता है और घाव के निशान छोड़ता है, इसलिए लोगों का लंबे समय तक इलाज किया जाता है और समय-समय पर स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा के लिए उनकी जांच की जाती है।