हर्पीज़ ज़ॉस्टर ओटिकस, सुनने और संतुलन का काम करने वाली तंत्रिकाओं (8वीं क्रेनियल तंत्रिका) और चेहरे की गतिविधि (7वीं क्रेनियल तंत्रिका) को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका सेल के क्लस्टर (गैन्ग्लिया) का एक हर्पीज़ ज़ॉस्टर वायरस इंफेक्शन है।
हर्पीज़ ज़ॉस्टर (शिंगल्स) एक इंफेक्शन है जो कि वेरिसेला ज़ॉस्टर वायरस के दोबारा एक्टिवेट होने की वजह से होता है, यह वह वायरस है जिसकी वजह से चिकनपॉक्स होता है। एक बार चिकनपॉक्स होने के बाद, वायरस तंत्रिका की जड़ों में निष्क्रिय पड़ा रहता है और तंत्रिका फ़ाइबर से होते हुए वह दोबारा एक्टिवेट हो सकता है, जहां इसकी वजह से दर्दनाक घाव हो जाते हैं। ज़्यादातर इसके दोबारा एक्टिवेट होने की वजह पता नहीं चलती, लेकिन कभी-कभी ऐसा तब होता है, जब इम्यूनिटी कमज़ोर हो जाती है, उदाहरण के लिए, कैंसर, एड्स या कुछ दवाओं की वजह से।
हर्पीज़ ज़ॉस्टर ओटिकस तब होता है, जब हर्पीज़ ज़ॉस्टर वायरस 7वीं (चेहरे) और 8वीं (ऑडिटरी या वेस्टिब्युलोकॉक्लियर) क्रेनियल तंत्रिकाओं में दोबारा एक्टिवेट हो जाता है। 7वीं क्रेनियल तंत्रिका चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करती है। 8वीं क्रेनियल तंत्रिका सुनने और संतुलन को नियंत्रित करती है।
(कान के अंदर का विवरण भी देखें।)
हर्पीज़ ज़ॉस्टर ओटिकस के लक्षण
हर्पीज़ ज़ॉस्टर ओटिकस के लक्षणों में ये शामिल हैं:
कान का गंभीर दर्द
कान के बाहर (पिन्ना) और कान की कैनाल के अंदर फ़्लूड से भरे छाले (वेसिकल)
चेहरे के एक तरफ़ अस्थायी या स्थायी लकवा (बेल पाल्सी की तरह)
वर्टिगो (हिलने या घूमने की झूठी अनुभूति) जो दिनों से हफ्तों तक रहता है
सुनने की क्षमता खो जाना, जो कि स्थायी हो सकता है या जो थोड़ी या पूरी तरह ठीक हो जाती है
बहुत कम मामलों में, सिरदर्द, भ्रम या गर्दन में अकड़न
कभी-कभी अन्य क्रेनियल तंत्रिकाएं प्रभावित होती हैं।
हर्पीज़ ज़ॉस्टर ओटिकस का निदान
शारीरिक परीक्षण
कभी-कभी छालों से निकले फ़्लूड के लैबोरेटरी टेस्ट किये जाते हैं
कभी-कभी मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (MRI)
डॉक्टर आमतौर पर हर्पीज़ ज़ॉस्टर ओटिकस का निदान शारीरिक जाँच के परिणाम के आधार पर करते हैं। कभी-कभी, डॉक्टर माइक्रोस्कोप में जांच करने और कल्चर करने के लिए वेसिकल की ऊपरी परत लेते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए भी MRI की जा सकती है, कि ये लक्षण किसी अन्य विकार की वजह न हुए हों।
हर्पीज़ ज़ॉस्टर ओटिकस का इलाज
कभी-कभी सूजन कम करने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाएँ, जैसे कि प्रेडनिसोन
कभी-कभी इंफेक्शन का इलाज करने के लिए एंटीवायरल दवाएँ
कभी-कभी दर्द के लिए ओपिओइड दवाएँ
बहुत कम मामलों में, चेहरे की तंत्रिकाओं पर दबाव को हटाने के लिए सर्जरी
डॉक्टर हर्पीज़ ज़ॉस्टर ओटिकस के लक्षणों में आराम दिलाने और उसका इलाज करने के लिए दवाएँ देते हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इन दवाओं से फ़ायदा मिलता है या नहीं। सूजन से बचने के लिए प्रेडनिसोन जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड दिए जाते हैं। एंटीवायरल दवाओं जैसे एसाइक्लोविर या वेलासाइक्लोविर से इंफेक्शन की अवधि को कम किया जाता है और जिस व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो या काम नहीं करता हो उन्हें नियमित तौर पर दी जाती हैं। वर्टिगो के अटैक में आराम पाने के लिए डायज़ेपाम दी जाती है। दर्द को ठीक करने के लिए मुंह से ओपिओइड्स दिये जाते हैं।
जिन लोगों को दीर्घकालिक बचा हुआ दर्द (जिसे पोस्टहर्पेटिक न्यूरेल्जिया कहा जाता है) है उन्हें अन्य इलाज दिए जा सकते हैं। इन इलाजों में मेडिकेटिड त्वचा के पैच, एंटीसीज़र दवाएँ, तथा ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट शामिल हैं।
जिन लोगों को पूरे चेहरे पर लकवा है उन्हें चेहरे की तंत्रिका से दबाव हटाने के लिए सर्जरी करानी पड़ती है।