बच्चों में स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया

(गंभीर ओटिटिस मीडिया; एफ्यूज़न के साथ ओटिटिस मीडिया)

इनके द्वाराUdayan K. Shah, MD, MBA, Sidney Kimmel Medical College at Thomas Jefferson University
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अप्रैल २०२२ | संशोधित सित॰ २०२२

स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया उस समय होता है जब ईयरड्रम के पीछे द्रव संचित हो जाता है और गंभीर मध्य कान के संक्रमण या यूस्टेशियन ट्यूब के अवरूद्ध होने के बाद वहीं बना रहता है।

  • आमतौर पर कान का पूर्व संक्रमण कारण होता है, लेकिन कभी कभी बच्चों में यह अवरूद्ध यूस्टेशियन ट्यूब के कारण भी हो जाता है।

  • विशिष्ट रूप से बच्चों को कोई दर्द नहीं होता, लेकिन द्रव से श्रवण विकार पैदा हो सकता है।

  • निदान में ईयरड्रम की शारीरिक जांच तथा कभी-कभी टिम्पेनोमेट्री शामिल होती है।

  • स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया आमतौर पर बिना उपचार के ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ बच्चों को उनके ईयरड्रम में वेंटिलेटिंग ट्यूब को लगाने के लिए सर्जरी करवानी पड़ती है।

कान के भीतर का दृश्य

स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया आमतौर पर मध्य कान के गंभीर संक्रमण के बाद होता है। गंभीर संक्रमण के बाद द्रव जो ईयरड्रम के पीछे संचित हो जाता है, वह संक्रमण के दूर हो जाने के बाद भी बना रहता है। स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया कान के पूर्व संक्रमण के बिना भी हो जाता है। ऐसा यूस्टेशियन ट्यूब (वह ट्यूब जो मध्य कान को नासिका पथ से जोड़ती है) के अवरूद्ध हो जाने के कारण हो सकता है, संक्रमण के कारण, संवर्धित एडेनोएड्स (जहां पर गले और नासिका पक्ष एक दूसरे से मिलते हैं, वहां पर लसिका ऊतक का संग्रहण), ट्यूमर्स (बहुत कम बार) या संभावित रूप से गैस्ट्रोइसोफिगल रिफ्लक्स रोग के कारण ऐसा हो सकता है। एलर्जी के कारण (जैसे मौसमी एलर्जी, या वर्ष भर बनी रहने वाली एलर्जी) भी स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया के होने की संभावना अधिक होती है। स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया 3 महीनों से लेकर 3 वर्ष की आयु के बच्चों में सर्वाधिक आम होता है।

(साथ ही युवा बच्चों में मध्य कान के संक्रमण का विवरण और वयस्कों में ओटिटिस मीडिया (स्राव होने वाला) को देखे।)

लक्षण

हालांकि यह विकार आमतौर पर पीड़ारहित होता है, लेकिन अक्सर द्रव से श्रवण असमर्थता पैदा हो जाती है। श्रवण क्षमता इतनी अधिक प्रभावित हो सकती है कि स्पीच, भाषा विकास, शिक्षण और व्यवहार प्रभावित हो सकता है। निगलने पर बच्चों को कान में भरापन, दबाव या पॉपिंग का अहसास हो सकता है।

निदान

  • डॉक्टर द्वारा ईयरड्रम की जांच किया जाना

  • कभी-कभी टिम्पेनोमेट्री

डॉक्टर ईयरड्रम के रंग और अपीयरेंस में परिवर्तन को देख कर और यह देखने के लिए क्या ईयरड्रम मूव करते हैं, एक रबड़ बल्ब का इस्तेमाल करके कान में आराम से हवा ब्लो करके स्राव करने वाले ओटिटिस मीडिया का निदान करते हैं। यदि ईयरड्रम मूव नहीं करता है लेकिन उसमें कोई लालिमा या फुलावट नहीं है, और बच्चे में कुछ ही लक्षण हैं, तो इस बात की संभावना होती है कि स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया है।

यदि जांच के निष्कर्ष अस्पष्ट हैं, तो डॉक्टर अक्सर टिम्पेनोमेट्री करते हैं। टिम्पेनोमेट्री में माइक्रोफोन युक्त एक उपकरण तथा ध्वनि स्रोत को ईयर कनाल में बहुत सुरक्षित और आरामदेह ढंग से लगाया जाता है, और ध्वनि तरंगे ईयरड्रम से टकराती हैं जब उपकरण द्वारा ईयर कनाल में दबाव में विभिन्नता लाई जाती है।

डॉक्टर किशोरों में नासिका पथ और गले की जांच ट्यूमर्स की जांच के लिए करते हैं।

उपचार

  • अक्सर कोई उपचार नहीं अपेक्षित होता

  • कभी-कभी मायरिंगोटॉमी, ट्यूब के साथ या उनके बिना की जाती है

  • कभी-कभी एडिनोइडेक्टॉमी की जाती है

स्राव होने वाला ओटिटिस मीडिया अक्सर अपने आप ही ठीक हो जाता है, आमतौर पर 2 से 3 सप्ताह में ऐसा हो जाता है। एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाएँ जैसे डीकंजेस्टेंट उपयोगी साबित नहीं होती हैं। ऐसे बच्चे जिनको एलर्जी होती है, उन्हें मौखिक एंटीहिस्टामाइन, कॉर्टिकोस्टेरॉइड नासिका स्प्रे या दोनों दी जा सकती है।

यदि विकार बना रहता है और बच्चों में 1 से 3 महीनों में सुधार नहीं होता है, तो सर्जरी सहायक साबित हो सकती है। कभी-कभी मायरिंगोटॉमी की जाती है। इस प्रक्रिया के लिए, डॉक्टर ईयरड्रम में छोटा स्लिट करते हैं, द्रव को हटा देते हैं, और टिम्पेनोस्टॉमी ट्यूब कही जाने वाली वेंटिलेटिंग ट्यूब को स्लिट में डाल देते हैं, ताकि मध्य कान से बाहरी कान में ड्रेनेज किया जा सके। एडेनोइड्स को साथ ही साथ हटा दिया जा सकता है (जिसे एडिनोइडेक्टॉमी कहा जाता है)। कभी-कभी मायरिंगोटॉमी को केवल इसलिए किया जाता है ताकि द्रव को हटाया जा सके और वेंटिलेटिंग ट्यूब अंदर डाली जा सके। यदि फ़्लूड को हटा दिया जाता है, लेकिन कोई ट्यूब नहीं डाली जाती है, तो ऐसी प्रक्रिया को टिम्पेनिक झिल्ली परफ़ोरेशन या टिम्पेनोसेंटेसिस कहा जाता है।

कभी-कभी, मध्य कान को अस्थाई रूप से खोला जा सकता है, और इसके वल्साल्वा मैन्युवर या पोलिटज़राईजेशन का इस्तेमाल किया जाता है। दोनो तकनीकों में यह अपेक्षित है कि बच्चा निर्देश पालन करने में सक्षम होना चाहिए तथा उसे कोई ऐसा संक्रमण नहीं होना चाहिए जिससे नाक बहता है। वल्साल्वा मैन्युवर को करने के लिए, बच्चा मुंह को बंद रखता है और वह दबी हुई नासिकाओं (ईयर को पॉप करना) के माध्यम से जबरदस्ती हवा को बाहर निकालने की कोशिश करता है। पोलिटज़राईजेशन करने के लिए, डॉक्टर एक विशेष सिरिंज का इस्तेमाल करता है ताकि बच्चे की एक नॉस्ट्रिल में हवा को छोड़ सके और जब बच्चा निगलता है तो दूसरी नॉस्ट्रिल को बंद रखा जा सके।

यदि संभव हो तो हवाई यात्रा और स्कूबा डाइविंग से बचा जाना चाहिए या देरी की जानी चाहिए यदि संभव हो तो क्योंकि उनके कारण कान के दबाव में पीड़ादायक बदलाव हो सकते हैं। यदि हवाई यात्रा से नहीं बचा जा सकता है, तो बड़े बच्चों को खाना चबाने या पीने में सहायता करनी चाहिए (उदाहरण के लिए, बोतल से)। वल्साल्वा मैन्युवर या पोलिटज़राईजेशन बड़े बच्चों में भी सहायक साबित हो सकती है।

बैक्टीरिया के कारण होने वाले नासिका और साइनस संक्रमणों का उपचार करने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।

मायरिंगोटॉमी: बार-बार होने वाले कान के संक्रमणों का उपचार करना

मायरिंगोटॉमी के दौरान, डॉक्टर ईयरड्रम में एक छोटी ओपनिंग कर देते हैं ताकि द्रव मध्य कान से बह कर बाहर निकल जाए। फिर वे इस छोटी, खाली प्लास्टिक या मेटल ट्यूब को ओपनिंग के माध्यम से कान में लगा देते हैं (टिम्पेनोस्टॉमी)। ये ट्यूब पर्यावरण में व्याप्त दबाव को मध्य कान के दबाव के साथ संतुलित कर देती हैं। ऐसे कुछ बच्चों के लिए डॉक्टर वेंटिलेटिंग ट्यूब का सुझाव देते हैं, जिनको बार-बार कान का संक्रमण होता है (एक्यूट ओटिटिस मीडिया) या बार-बार अथवा लगातार उनके मध्य कान में फ़्लूड एकत्रित हो जाता है (क्रोनिक सेरस ओटिटिस मीडिया)।

वेंटिलेटिंग ट्यूब को लगाया जाना एक सामान्य सर्जिकल प्रक्रिया है जिसे अस्पताल या डॉक्टर के कार्यालय में किया जाता है। आमतौर पर सामान्य एनेस्थीसिया या सेडेशन की आवश्यकता पड़ती है। प्रक्रिया के बाद, बच्चे आमतौर पर कुछ ही घंटों में घर चले जाते हैं। प्रक्रिया के बाद, लगभग एक हफ्ते तक एंटीबायोटिक ईयर ड्राप्स दिए जाते हैं। आमतौर पर 6 से 12 महीनों के बाद ट्यूब अपने आप बाहर आ जाती हैं, लेकिन कुछ प्रकार की ट्यूब लंबे समय तक बनी रहती हैं। ऐसी ट्यूब जो अपने आप बाहर नहीं आती हैं, उनको डॉक्टर द्वारा हटाया जाता है, कभी-कभी ऐसा सामान्य एनेस्थीसिया या सेडेशन में किया जाता है। यदि ओपनिंग अपने आप बंद नहीं होती है, तो इसे सर्जरी कर के बंद करने की ज़रूरत पड़ सकती है।

वेंटिलेटिंग ट्यूब वाले बच्चे अपने बालों को धो सकते हैं अथवा तैराकी कर सकते हैं, लेकिन कुछ डॉक्टर यह सिफारिश करते हैं कि बच्चों को ईयरप्लग्स का इस्तेमाल किए बिना गहरे पानी में अपने सिर को डुबाना नहीं चाहिए।

कान में से द्रव का ड्रेनेज संक्रमण को सूचित करता है और डॉक्टर को सूचित किया जाना चाहिए।