विटामिन की कमी से होने वाला एनीमिया

(मेगालोब्लास्टिक एनीमिया)

इनके द्वाराGloria F. Gerber, MD, Johns Hopkins School of Medicine, Division of Hematology
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अप्रैल २०२४

विटामिन की कमी से होने वाला एनीमिया, विटामिन B12 या फ़ोलेट (फ़ॉलिक एसिड) का लेवल कम होने से होता है।

  • इसमें थकान, सांस लेने में तकलीफ़, और शरीर का पीला पड़ने जैसे लक्षण दिखते हैं।

  • ऐसा होने पर नसों में खराबी आ सकती है।

  • ब्लड टेस्ट में असामान्य कोशिकाएं दिखाई दे सकती हैं जिससे पता चलता है कि एनीमिया विटामिन की कमी से हुआ है।

  • जिस विटामिन की कमी है वह दिया जाता है।

(एनीमिया का विवरण भी देखें।)

विटामिन B12 और फ़ोलेट (फ़ॉलिक एसिड) की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो जाता है। मैगालोब्लास्टिक एनीमिया में, बोन मैरो बड़ी और असामान्य लाल रक्त कोशिकाओं (मैगालोब्लास्ट) का निर्माण करने लगती है।

विटामिन B12 की कमी या फ़ोलेट की कमी ज़्यादातर खाने में इन विटामिन की कमी होने के कारण या पाचन तंत्र में इन विटामिन का अवशोषण न हो पाने के कारण होती है। विटामिन B12 डेफ़िशिएंसी के प्रकार का पर्निशियस एनीमिया एक तरह के ऑटोइम्यून विकार के कारण होता है, जो विटामिन B12 के अवशोषण को प्रभावित करता है। फ़ोलेट डेफ़िशिएंसी (फ़ॉलिक एसिड) कभी-कभी कैंसर के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के कारण होती है या भारी अल्कोहल के उपयोग से जुड़ी होती है।

विटामिन की कमी से होने वाले एनीमिया के लक्षण

विटामिन B12 की कमी या फ़ोलेट की कमी से होने वाले एनीमिया के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और ये लक्षण अन्य प्रकार के एनीमिया, जैसे, थकान, कमज़ोरी, और त्वचा का पीला पड़ना, जैसे ही होते हैं। विटामिन B12 डेफ़िशिएंसी से तंत्रिकाओं में खराबी आ सकती है, जिससे झुनझुनी, संवेदना में कमी और कमज़ोरी आ सकती है। विटामिन B12 ज़्यादा कम हो जाने पर भ्रम होने की स्थिति पैदा हो सकती है। वयोवृद्ध वयस्कों में, विटामिन B12 डेफ़िशिएंसी से होने वाले एनीमिया को इस लक्षण के कारण भूलवश डिमेंशिया समझ लिया जाता है।

विटामिन की कमी से होने वाले एनीमिया का निदान

  • रक्त की जाँच

ब्लड टेस्ट में एनीमिया होने का पता चलने पर यह पता लगाने के लिए भी जांच करवाई जाती है कि कहीं इसकी वजह विटामिन B12 या फ़ोलेट की कमी तो नहीं। विटामिन B12 या फ़ोलेट की कमी के कारण एनीमिया होने का पता तब चलता है जब माइक्रोस्कोप से ब्लड सैंपल की जांच करने पर उसमें बड़ी (मैक्रोसाइटिक) लाल रक्त कोशिकाएं और बहुकोशिकीय (हाइपरसेग्मेंटेड) न्यूट्रोफिल (एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका) दिखाई देती हैं। विटामिन की कमी से होने वाले एनीमिया के कारण श्वेत रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट की संख्या भी कम हो सकती है, खासतौर से उन लोगों में जिनमें विटामिन की कमी के कारण लंबे समय तक एनीमिया बना रहता है।

विटामिन B12 की कमी होने का कारण पता लगाने के लिए, विटामिन B12 और फ़ोलेट का ब्लड लेवल मापा जाता है और दूसरी जांचें भी की जा सकती हैं।

विटामिन की कमी से होने एनीमिया का इलाज

  • विटामिन B12 या फ़ोलेट दिया जाता है

विटामिन B12 या फ़ोलेट की कमी के कारण होने वाले एनीमिया का इलाज करने के लिए मरीज़ को यह विटामिन दिए जाते हैं।

आमतौर पर B12 विटामिन के इंजेक्शन लगाए जाते हैं, खासतौर पर उन मरीज़ों को जिनमें इसकी बहुत ज़्यादा कमी होती है या जिनका पाचन तंत्र इस विटामिन को अवशोषित नहीं कर पाता है। शुरुआत में यह इंजेक्शन रोज़ाना या सप्ताह में एक बार कई सप्ताह तक लगाए जाते हैं, जब तक कि विटामिन B12 ब्लड लेवल सामान्य न हो जाए। इसके बाद महीने में एक बार एक इंजेक्शन लगाया जाता है। विटामिन B12 को रोज़ाना नाक में स्प्रे करके, जीभ के नीचे टैबलेट रखकर, या खाने के टैबलेट के माध्यम से भी लिया जा सकता है। जिन लोगों में विटामिन B12 की कमी के कारण एनीमिया हो जाता है उन्हें आजीवन विटामिन B12 सप्लीमेंट लेने पड़ सकते हैं।

फ़ॉलिक एसिड की एक टैबलेट रोज़ाना ली जा सकती है।