लिंफेंजाइटिस एक या अधिक लिम्फ़ैटिक वाहिकाओं का संक्रमण है, जो आम तौर पर स्ट्रेप्टोकोकी से होता है।
(त्वचा के जीवाणु संक्रमणों का विवरण भी देखें।)
लसीका ऐसा फ़्लूड होता है, जिसे शरीर की सबसे छोटी रक्त वाहिकाएँ स्रावित करती हैं और यह फ़्लूड शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का हिस्सा होता है। यह फ़्लूड कोशिकाओं के बीच में से होकर गुजरता है और पोषण प्रदान करता है, साथ ही यह क्षतिग्रस्त कोशिकाओं, कैंसर कोशिकाओं और संक्रामक सूक्ष्मजीवों जैसे पदार्थों को बहाकर ले जाता है। सारी लिंम्फ़, लिम्फ़ैटिक वाहिकाओं से गुज़रकर महत्वपूर्ण स्थानों पर मौजूद लसीका ग्रंथियों में पहुंचती हैं। लसीका ग्रंथि और लसीका ग्रंथि में उपस्थित विशिष्टीकृत श्वेत रक्त कोशिकाएँ, शरीर से इन पदार्थों और बाहरी पदार्थों को हटाने का काम करती हैं। (लिम्फ़ैटिक तंत्र: संक्रमण से बचाने वाला तंत्र चित्र देखें।)
स्ट्रेप्टोकोकी जीवाणु आम तौर पर बाँह या पैर की किसी खरोंच या घाव से लिम्फ़ैटिक वाहिकाओं में प्रवेश कर सकते हैं। अक्सर, त्वचा में और त्वचा से ठीक नीचे के ऊतकों में मौजूद स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण (सेल्युलाइटिस) लसीका वाहिकाओं तक फैल जाता है। दुर्लभ मामलों में, स्टेफिलोकोकी या अन्य बैक्टीरिया इसका कारण होते हैं।
लिम्फ़ैन्जाइटिस के लक्षण
प्रभावित बांह या पैर की त्वचा पर लाल, अनियमित, हल्की गर्म, छूने मात्र से दर्द करने वाली धारियां बन जाती हैं। ये धारियां आम तौर पर संक्रमित क्षेत्र से लसीका ग्रंथियों के किसी समूह की ओर बढ़ती हैं, जैसे जांघों के बीच वाले स्थान में या बगल में मौजूद लसीका ग्रंथियों के समूह। लसीका ग्रंथियों का साइज़ बढ़ जाता है और उनमें छूने मात्र से दर्द होता है (लिम्फ़ाडेनाइटिस देखे)।
लिंफेंजाइटिस के आम लक्षणों में बुखार, थरथराने वाली कंपकंपी, तेज़ हृदयगति और सिरदर्द शामिल हैं। कभी-कभी ये लक्षण लाल धारी दिखने से पहले होते हैं। लसीका तंत्र से रक्तधारा में संक्रमण फैलने (बैक्टीरीमिया) से पूरे शरीर में संक्रमण हो सकता है, जो अक्सर चौंकाने वाली तेज़ी से फैलता है।
लिम्फ़ैन्जाइटिस का परीक्षण
एक डॉक्टर का मूल्यांकन
लिंफेंजाइटिस का निदान उसके खास स्वरूप पर आधारित होता है।
अगर ज़रूरी हो, तो ब्लड टेस्ट करने पर यह पता चलता है कि संक्रमण से लड़ने के लिए सफ़ेद रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ गई है।
डॉक्टरों को संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार जीवों की पहचान करने में कठिनाई होती है, बशर्ते कि जीव रक्तधारा में न फैल गया हो और इसका कल्चर निर्मित किया जा सकता हो या प्रभावित क्षेत्र में मौजूद किसी घाव से मवाद न लिया जा सकता हो।
लिम्फ़ैन्जाइटिस का इलाज
एंटीबायोटिक्स
अधिकतर लोग एंटीबायोटिक्स से जल्द ठीक हो जाते हैं।