स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम, स्टेफिलोकोकल त्वचा संक्रमण की एक जटिलता है जिसमें त्वचा पर फफोले पड़ जाते हैं और वह उतरने लगती है, मानो जल गई हो।
फफोले पड़ने और त्वचा उतरने के साथ-साथ, व्यक्ति को बुखार, कंपकंपी और कमज़ोरी भी होती है।
इसका निदान त्वचा के स्वरुप पर आधारित होता है, पर कभी-कभी बायोप्सी भी की जाती है।
समय पर इलाज मिलने पर इसका पूर्वानुमान बहुत अच्छा होता है।
इलाज में इंट्रावीनस एंटीबायोटिक्स देना और त्वचा की देखभाल शामिल हैं।
(त्वचा के जीवाणु संक्रमणों का विवरण भी देखें।)
कुछ प्रकार के स्टेफिलोकोकी बैक्टीरिया विषाक्त पदार्थ निकालते हैं जिनसे त्वचा की ऊपरी परत (एपिडर्मिस) बाक़ी त्वचा से अलग हो जाती है। चूंकि विषाक्त पदार्थ पूरे शरीर में फैल जाता है, इसलिए त्वचा के छोटे से भाग का स्टेफिलोकोकल संक्रमण पूरे शरीर पर से त्वचा के उतरने का कारण बन सकता है। हालांकि, उतरती त्वचा के अधिकतर भाग वास्तव में बैक्टीरिया से संक्रमित नहीं होते हैं।
स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम लगभग केवल और केवल नवजात शिशुओं और 6 वर्ष से छोटे बच्चों में ही होता है। यह बुजुर्गों में बहुत ही कम होता है, लेकिन जिन बुजुर्गों की किडनी फ़ेल हो जाती हैं या जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर होता है, उनमें इसके होने की संभावना होती है।
स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम के लक्षण
स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम के लक्षण, इंपटाइगो जैसे किसी स्टेफिलोकोकल संक्रमण के होने के कुछ समय बाद दिखने लगते हैं। लेकिन इंपटाइगो के लक्षण कभी भी स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम होने से पहले पता नहीं चलते हैं।
नवजात शिशुओं में, संक्रमण डायपर वाले स्थान में या गर्भनाल के ठूंठ के इर्द-गिर्द हो सकता है।
थोड़े बड़े बच्चों में, यह संक्रमण आम तौर पर चेहरे पर होता है।
वयस्कों में, यह संक्रमण कहीं भी शुरू हो सकता है।
इस संक्रमण से ग्रस्त सभी लोगों में पपड़ीदार घाव के आसपास की त्वचा 1 दिन के अंदर लाल हो जाती है और उसमें बहुत दर्द होने लगता है। त्वचा बहुत ही नाज़ुक हो सकती है जिसमें ज़रा सा छूते ही दर्द होता है और देखने में वह तुड़े-मुड़े टिश्यू पेपर जैसी हो सकती है।
इसके बाद, त्वचा के ऐसे अन्य बड़े हिस्से जो संक्रमण शुरू होने की जगह के पास नहीं होते हैं, लाल हो जाते हैं और उनमें बड़े और पतले फफोले पड़ जाते हैं, जो आसानी से फूट जाते हैं और उनमें पपड़ी निकलना शुरू हो जाती है। फफोले अक्सर त्वचा पर ऐसी जगह बनते हैं, जो दूसरी सतहों से बार-बार संपर्क में आती है, जैसे त्वचा के आपस में रगड़ने वाली जगह पर और कूल्हे, हथेलियों और पैरों के तलवों में।
हल्के से छूने या दबाने पर भी त्वचा की ऊपरी परत उतरने लगती है, अक्सर बड़े-बड़े टुकड़ों में। जहां से त्वचा उतरी है वे स्थान झुलसे हुए से दिखते हैं। 2 से 3 दिन के अंदर, त्वचा की सतह के बड़े-बड़े हिस्से प्रभावित हो सकते हैं और व्यक्ति को बुखार, कंपकंपी और कमज़ोरी आ सकती है। रक्षा करने वाले त्वचा बैरियर के न रहने के कारण, अन्य बैक्टीरिया और संक्रामक जीव आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, उन स्थानों में व अन्य स्थानों में संक्रमण पैदा कर सकते हैं, कभी-कभी रक्तप्रवाह (सेप्सिस) के माध्यम से फैल सकते हैं। साथ ही, फ़्लूड रिसने और वाष्पित होने के कारण फ़्लूड की बहुत अधिक मात्रा घट सकती है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम का परीक्षण
एक डॉक्टर का मूल्यांकन
कभी-कभी ऊतक बायोप्सी और कल्चर
स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम का निदान, स्टेफिलोकोकल संक्रमण के स्पष्ट होने के बाद, त्वचा उतरने के स्वरुप से की जाती है।
अगर स्टेफिलोकोकल संक्रमण का कोई भी संकेत नहीं दिखता है, तो डॉक्टर बायोप्सी कर सकते हैं, जिसमें त्वचा का एक छोटा सा टुकड़ा निकालकर टेस्टिंग के लिए लैबोरेटरी भेजा जाता है।
नाक से, आंखों को ढकने वाली पतली म्युकस झिल्ली (कंजंक्टाइवा) से और नेज़ल पैसेज तथा गले के ऊपरी भाग (नेज़ोफ़ैरिंक्स) को ढकने वाली पतली म्युकस झिल्ली से लिए गए स्वैब, रक्त और मूत्र के नमूने और डॉक्टर के विचार में जहां संक्रमण शुरू हुआ था (जैसे गर्भनाल कॉर्ड या त्वचा) वहां से लिए गए नमूने बैक्टीरियल कल्चर के लिए लैबोरेटरी भेजे जाते हैं।
स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम का इलाज
एंटीबायोटिक्स
जलने पर होने वाले इलाज जैसा इलाज
स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम का इलाज हॉस्पिटल में शिरा से दी जाने वाली और बाद में मुंह से ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स से किया जाता है।
जिन लोगों में संक्रमण बड़े हिस्से में फैल जाता है और घावों से पानी रिस रहा होता है, उनका डॉक्टर उसी तरह इलाज करते हैं, जिस तरह का इलाज जले हुए लोगों (गंभीर रूप से जलना देखें) पर किया जाता है। अगर हो सके, तो लोगों का इलाज बर्न यूनिट में किया जाता है।
त्वचा की सुरक्षा में मदद के लिए स्किन मॉइस्चराइजर (एमोलिएंट) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम का पूर्वानुमान
तुरंत निदान और इलाज हो जाने पर, स्टेफिलोकोकल स्कैल्डेड स्किन सिंड्रोम दुर्लभ मामलों में ही मौत का कारण बनता है। त्वचा की सबसे ऊपरी परत तेज़ी से नई आ जाती है और इलाज शुरू होने से आम तौर पर 5 से 7 दिन के भीतर त्वचा ठीक हो जाती है।