पल्मोनरी कंट्यूज़न, फेफड़े की चोट है, जिसकी वजह से रक्तस्राव और सूजन होती है।
इससे लोगों को दर्द होता है, जो आमतौर पर सीने की भित्ती में होने वाली चोट की वजह से होता है और इससे अक्सर सांस लेने में परेशानी होती है।
डॉक्टर इसकी जांच सीने के एक्स-रे के ज़रिए करते हैं।
इसका उपचार ऑक्सीज़न के ज़रिए और कभी-कभी चोट के ठीक होने तक सांस लेने में सहायता करने के लिए वेंटिलेटर से करते हैं।
(यह भी देखें सीने की चोटों का परिचय।)
सीने पर लगने वाले तेज़ धक्के (जैसे मोटर वाहन की टक्कर या गिरने से) से फेफड़े पर चोट लग सकती है। चोट लगा हुआ फेफड़ा, ऑक्सीज़न को सही तरीके से अवशोषित नहीं करता है। बड़ी चोट से रक्त प्रवाह में ऑक्सीज़न का स्तर खतरनाक स्तर तक कम हो सकता है। गंभीर पल्मोनरी कंट्यूज़न संभावित रूप से जानलेवा होते हैं।
लोगों को पसली के फ्रैक्चर, फेफड़े के खराब होने (न्यूमोथोरैक्स) और छाती की अन्य चोट लग सकती हैं। बाद में, लोगों में निमोनिया या एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) विकसित हो सकता है।
पल्मोनरी कंट्यूज़न के लक्षण
दर्द और सांस लेने मे परेशानी इसके मुख्य लक्षण हैं। दर्द आमतौर पर सीने की दीवार (पसलियों और छाती की मांसपेशियों में) में चोट की वजह से होता है। सांस लेने में दर्द और कठिनाई होती है।
हो सकता है कि लोगों में कोई भी लक्षण न मिलें, खासतौर से शुरुआत में। सांस लेने में कठिनाई विकसित हो सकती है और यह कुछ घंटों में बिगड़ सकती है।
पल्मोनरी कंट्यूज़न का निदान
छाती का एक्स-रे
डॉक्टरों को पल्मोनरी कंट्यूज़न की शंका तब होती है, जब लोगों को सीने की चोट के बाद सांस लेने में परेशानी होती है, खासतौर से जबकि सांस लेने में परेशानी लगातार बढ़ती जाती है।
छाती का एक्स-रे लिया जाता है। हालांकि, कंट्यूजन धीरे-धीरे विकसित हो सकता है, लेकिन डॉक्टर, कंट्यूजन का पता लगाने के लिए कुछ घंटों की अवधि में एक से अधिक एक्स-रे ले सकते हैं या CT कर सकते हैं।
डॉक्टर, उंगली या पंजे में एक डिवाइस (पल्स ऑक्सीमीटर) अटैच करके रक्त में ऑक्सीज़न की मात्रा भी मापते हैं। इस जानकारी से डॉक्टरों को यह तय करने में मदद मिल सकती है कि फेफड़े कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
पल्मोनरी कंट्यूज़न का उपचार
एनाल्जेसिक और ऑक्सीज़न थेरेपी
लोगों को दर्द कम करने के लिए आमतौर पर दर्दनाशक दवाएँ (एनाल्जेसिक) दी जाती हैं और इस तरह इससे उन्हें ज़्यादा आसानी से सांस लेने में सहायता मिलती है।
लोगों को चोट ठीक होने के दौरान सांस लेने में मदद के लिए ऑक्सीज़न थेरेपी या कभी-कभी मैकेनिकल वेंटिलेशन की आवश्यकता पड़ सकती है।