कोरोनरी धमनी रोग के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाइयाँ

इनके द्वाराRanya N. Sweis, MD, MS, Northwestern University Feinberg School of Medicine;
Arif Jivan, MD, PhD, Northwestern University Feinberg School of Medicine
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया फ़र॰ २०२४

    हृदय की मांसपेशी को ऑक्सीजन से प्रचुर रक्त की लगातार आपूर्ति की जरूरत होती है। करोनरी धमनियाँ, जो महाधमनी के हृदय से बाहर निकलने के तुरंत बाद उससे निकलती हैं, इस रक्त का वितरण करती हैं। करोनरी धमनी रोग जो इनमें से एक या अधिक धमनियों को संकरा करता है रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे सीने में दर्द (एंजाइना) या अक्यूट करोनरी सिंड्रोम होता है (करोनरी धमनी रोग का अवलोकन भी देखें)।

    अक्यूट करोनरी सिंड्रोम में करोनरी धमनी का अचानक ब्लॉकेज हृदय की मांसपेशी (मायोकार्डियम) के एक क्षेत्र को रक्त की आपूर्ति को बहुत कम कर देता है या रोक देता है। किसी भी ऊतक को रक्त की आपूर्ति के अबाव को इस्कीमिया कहते हैं। यदि आपूर्ति चंद मिनटों से अधिक समय तक बहुत कम हो जाती है या बंद हो जाती है, तो हृदय का ऊतक मर जाता है। दिल का दौरा, जिसे मायोकार्डियल इनफार्क्शन (MI) भी कहते हैं, इस्कीमिया के कारण हृदय के ऊतक की मृत्यु है।

    डॉक्टर, कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित लोगों को कई अलग-अलग कारणों के लिए दवाइयाँ देते हैं:

    • हृदय के कार्य के बोझ को कम करके और धमनियों को चौड़ा करके सीने के दर्द में राहत दिलाने के लिए (आमतौर पर नाइट्रेट)

    • एंजाइना और अक्यूट करोनरी सिंड्रोम के लक्षणों को होने से रोकने के लिए (बीटा-ब्लॉकर, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर और कभी-कभी रैनोलेज़ीन)

    • एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण कोरोनरी धमनी को संकुचित होने से रोकने और उसे सामान्य करने के लिए (एंजियोटेन्सिन-कन्वर्टिंग एंज़ाइम [ACE] इन्हिबिटर, एंजियोटेन्सिन II रिसेप्टर ब्लॉकर [ARB], स्टेटिन और प्लेटलेट-रोधी दवाइयाँ)

    • अवरुद्ध धमनी को खोलने के लिए (क्लॉट को पिघलाने वाली दवाइयाँ, एंटीकोग्युलेन्ट)

    अक्सर, नेज़ल प्रॉंग्स या फेस मास्क के माध्यम से ऑक्सीजन दी जाती है। हृदय को अधिक ऑक्सीजन प्रदान करने से हृदय के ऊतक को नुकसान को कम से कम करने में मदद मिल सकती है।

    टेबल

    नाइट्रेट्स

    अधिकांश लोगों को नाइट्रोग्लिसरीन दी जाती है, जो रक्तचाप को कम करके, जिससे हृदय के कार्य का बोझ कम होता है और संभावित रूप से धमनियों को चौड़ा करके दर्द से राहत दिलाती है। आमतौर पर, इसे सबसे पहले जीभ के नीचे, और फिर शिरा के माध्यम से दिया जाता है।

    मॉर्फीन

    दिल के दौरे से ग्रस्त अधिकांश लोगों को तीव्र असहजता और व्यग्रता का अनुभव होता है। मॉर्फीन का एक शांतिदायक प्रभाव होता है और हृदय के कार्य के बोझ को कम करती है। इसे तब दिया जाता है जब नाइट्रोग्लिसरीन का उपयोग नहीं किया जा सकता या जब वह प्रभावी नहीं होती है; लेकिन कुछ डेटा यह दिखाता है कि यह प्लेटलेट-रोधी दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है और उनकी प्रभाविता को कम कर सकती है तथा मृत्यु के जोखिम को थोड़ा बढ़ा सकती है।

    बीटा ब्लॉकर्स

    क्योंकि हृदय के कार्य के बोझ को घटाने से ऊतकों की क्षति को सीमित करने में भी मदद मिलती है, इसलिए हृदय की दर को धीमा करने के लिए आमतौर पर एक बीटा-ब्लॉकर दवाई दी जाती है। दर को धीमा करने से हृदय को कम मेहनत करनी पड़ती है और क्षतिग्रस्त ऊतक का क्षेत्र कम हो जाता है।

    कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स

    कैल्शियम चैनल ब्लॉकर रक्त वाहिकाओं को संकरा होने (सिकुड़ने) से रोकते हैं और करोनरी धमनी की ऐंठन को सही कर सकते हैं। सभी कैल्शियम चैनल ब्लॉकर रक्तचाप को कम करते हैं। इनमें से कुछ दवाइयाँ, जैसे कि वैरेपेमिल और डिल्टियाज़ेम, हृदय गति को भी कम कर सकती हैं। यह प्रभाव कई लोगों में उपयोगी हो सकता है, खास तौर पर जो बीटा-ब्लॉकर नहीं ले सकते हैं या जिन्हें नाइट्रेटस से पर्याप्त राहत नहीं मिलती है।

    एंजियोटेन्सिन-कन्वर्टिंग एंज़ाइम इन्हिबिटर और एंजियोटेन्सिन II रिसेप्टर ब्लॉकर

    एंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंज़ाइम (ACE) इन्हिबिटर और एंडियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्ल़ॉकर (ARB) हृदय के आकार में वृद्धि को कम कर सकते हैं और कई लोगों में बचने की संभावना को बढ़ाते हैं। इसलिए, इन दवाइयों को आमतौर पर दिल के दौरे के बाद के पहले कुछ दिनों में दिया जाता है और इन्हें अनिश्चित काल तक लेने का सुझाव दिया जाता है।

    स्टैटिन

    स्टेटिन का उपयोग लंबे समय से कोरोनरी धमनी रोग की रोकथाम के लिए किया जाता रहा है, लेकिन एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को भी इससे थोड़े समय के लिए लाभ मिलता है। डॉक्टर ऐसे लोगों को स्टैटिन देते हैं जो इसे पहले से नहीं ले रहे हैं।

    एंटीप्लेटलेट दवाएँ

    जिन लोगों को लगता है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है उन्हें एम्बुलैंस बुलाने के तत्काल बाद एक एस्पिरिन की गोली चबानी चाहिए। यदि घर पर एस्पिरिन नहीं ली जाती है या इमरजेंसी कर्मचारियों द्वारा नहीं दी जाती है, तो उसे अस्पताल में तुरंत दिया जाता है। यह उपचार करोनरी धमनी में (यदि मौजूद है तो) थक्के के आकार को कम करके बचने की संभावनाओं को बढ़ाता है। लोगों को मुँह से ली जाने वाली अन्य प्रकार की प्लेटलेट-रोधी दवाइयाँ, जैसे क्लोपिडोग्रेल, टिक्लोपाइडिन या टिकाग्रेलॉर या फिर नस में (नस के माध्यम से) दिए जाने वाले ग्लाइकोप्रोटीन IIb/IIIa इन्हिबिटर भी दिए जा सकते हैं।

    क्लॉट को पिघलाने वाली दवाइयाँ

    अगर व्यक्ति के अस्पताल पहुँचने के 90 मिनट के अंदर पर्क्युटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन नहीं किया जा सके, तो धमनियों को खोलने के लिए क्लॉट को पिघलाने वाली दवाइयाँ (थ्रॉम्बोलाइटिक दवाइयाँ) नस के माध्यम से दी जाती हैं।

    थक्कारोधी (एंटीकोएग्युलेन्ट्स)

    अतिरिक्त ब्लड क्लॉट बनने से रोकने के लिए, अधिकांश लोगों को हैपेरिन जैसा एक एंटीकोग्युलेन्ट भी दिया जाता है।

    रेनोलेज़ाइन और आइवाब्रैडीन

    रेनोलेज़ाइन और आइवाब्रैडीन एनजाइना से पीड़ित ऐसे लोगों के लिए वैकल्पिक थेरेपी हैं, जिन्हें सामान्य थेरेपी (उदाहरण के लिए, नाइट्रेट या मॉर्फ़ीन) से लाभ नहीं होता है।

    PCSK-9 इन्हिबिटर्स

    इस वर्ग की दवाई का उपयोग उन लोगों के लिए किया जाता है, जिनके रक्त में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रोल (LDL-C), मतलब "खराब" कोलेस्ट्रोल की मात्रा सही नहीं होती है। फ़ैमिलियल हाइपरकोलेसटेरोलेमिया सहित प्राथमिक हाइपरलिपिडेमिया से पीड़ित वयस्कों के उपचार के लिए, PCSK-9 इन्हिबिटर, जैसे कि एलिरोकुमैब या इवोलोकुमैब का उपयोग अकेले या लिपिड की मात्रा में कमी लाने वाली अन्य दवाइयों (उदाहरण के लिए, स्टेटिन या एज़ेटिमाइब) के साथ किया जा सकता है। ये उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी होती हैं, जिन्हें कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम करने वाली अन्य दवाइयों के दुष्प्रभावों को सहन करने में समस्या होती है।