गोपनीयता और HIPAA

इनके द्वाराThaddeus Mason Pope, JD, PhD, Mitchell Hamline School of Law
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अक्तू॰ २०२३

    स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर का यह कर्तव्य है कि वह रोगी की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए उसकी निजी चिकित्सा जानकारी को गोपनीय रखने के लिए उचित प्रयास करे। उदाहरण के लिए, डॉक्टर और मरीज़ के बीच होने वाली चर्चाएँ निजी माहौल में होना चाहिए और हो सकता है कि मरीज़ ये चाहे कि डॉक्टर उसे घर के किसी और फ़ोन की बजाय उसके निजी मोबाइल नंबर पर कॉल करे। यहाँ तक कि अगर मरीज़ चाहे तो वह अपने नज़दीकी रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों को भी उसकी मेडिकल स्थिति से जुड़ी जानकारी देने से मना कर सकता है। (स्वास्थ्य की देखभाल में कानूनी और नैतिक मुद्दों का विवरण भी देखें।)

    सभी लोगों को अपनी गोपनीयता बनाए रखने का अधिकार होता है, जब तक कि वह इसे खुद बताने की अनुमति न दें। एक संघीय कानून जिसे हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी एंड अकाउंटेबिलिटी एक्ट (HIPAA) कहा जाता है, ज़्यादातर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों (अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग: उपभोक्ताओं के लिए: HIPAA के अंतर्गत आपके अधिकार देखें) पर लागू होता है। HIPAA विनियमों में निजता का नियम कहलाने वाले प्रावधान शामिल होते हैं, जो निजता, ऐक्सेस और व्यक्तिगत रूप से पहचानने योग्य स्वास्थ्य संबंधी ऐसी जानकारी से संबंधित विस्तृत नियम बताते हैं, जिसे संरक्षित स्वास्थ्य जानकारी के रूप में संदर्भित किया जाता है। उदाहरण के लिए, HIPAA में यह कहा गया है:

    • सामान्यतः लोगों को अपने मेडिकल रिकॉर्ड देखने और उनकी कॉपी पाने का अधिकार होता है, अगर उन्हें इसमें कोई गड़बड़ी दिखती है तो वे उसे सुधारने का अनुरोध भी कर सकते हैं।

    • कोई भी ऐसा व्यक्ति जो खुद के स्वास्थ्य के संबंध में निर्णय नहीं ले सकता, उसके लिए स्वास्थ्य से जुड़े निर्णय लेने के लिए कानूनी रूप से प्राधिकृत व्यक्ति को उस व्यक्ति के स्वास्थ्य की निजी जानकारी पाने का भी अधिकार होता है।

    • स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को व्यक्तिगत चिकित्सा जानकारी की निजता से संबंधित अपनी प्रक्रियाओं को नियमित रूप से प्रकट करते रहना चाहिए।

    • स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर व्यक्ति की चिकित्सा जानकारी तो साझा कर सकते हैं, किंतु केवल चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराने या उपचार के भुगतान के लिए आवश्यक होने पर अपने लोगों के बीच ही ऐसा किया जा सकता है।

    • किसी मरीज़ के स्वास्थ्य की निजी जानकारी का खुलासा मार्केटिंग के लिए नहीं किया जा सकता।

    • स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसे उपाय करने चाहिए कि व्यक्ति के साथ उनके संचार गोपनीय रहें।

    • लोग अपनी निजता बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों द्वारा अपनाए जाने वाले निजता नियमों को लेकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं (सीधे स्वास्थ्य देखभाल अधिकारी से, HIPAA के अनुपालन में संस्था द्वारा नियुक्त किए गए निजता अनुपालन अधिकारी से या अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग में―नागरिक अधिकारों के कार्यालय में शिकायत करने का तरीका जानें देखें)।

    HIPAA के निजता नियमों को रोगी की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य पेशेवरों या रोगी के परिवार या दोस्तों के सामने सामान्य भाषा में पढ़ा जाना चाहिए जिससे उन्हें समझने में परेशानी न हो। यह नियम डॉक्टरों या अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को ऐसी जानकारी साझा करने की अनुमति देते हैं जो सीधे तौर पर पति/पत्नी, परिवार के सदस्यों, दोस्तों या रोगी द्वारा पहचाने गए अन्य लोगों के जुड़े होने से संबंधित हो। यदि मरीज़ अपने स्वास्थ्य की देखभाल से जुड़े निर्णय लेने की स्थिति में है तो डॉक्टर इसकी जानकारी परिवार या उपस्थित अन्य लोगों को दे सकता है और उनसे चर्चा कर सकता है, बशर्ते कि मरीज़ इससे सहमत हो और उसे इस जानकारी को साझा करने से कोई आपत्ति नहीं हो। अगर मरीज़ उपस्थित न हो या आपातकालीन स्थिति में या मरीज़ के अक्षम होने पर उससे अनुमति लेना संभव न हो और अगर ऐसे में डॉक्टर अपने पेशे को ध्यान में रखते हुए यह तय करता है कि जानकारी को साझा करने में ही मरीज़ की भलाई है, तो वह इस जानकारी को परिवार के सदस्यों या दोस्तों के साथ साझा कर सकता है।

    कभी-कभी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को कानून के तहत भी कुछ जानकारी साझा करनी पड़ती है, आमतौर पर ऐसा तब किया जाता है जब इसे साझा न करने पर दूसरों को खतरा हो। HIPAA ऐसे प्रकटीकरणों की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए, कोविड-19, ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (HIV) के संक्रमण, सिफ़िलिस और टीबी के बारे में राज्य या स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों को आवश्यक रूप स सूचित किया जाना चाहिए। यदि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को किसी बच्चे, वयस्क, या बूढ़े व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार, या उनकी उपेक्षा के संकेत मिलते हैं, तो उन्हें इसकी रिपोर्ट सुरक्षा सेवाओं को करनी चाहिए। कुछ राज्यों में ऐसी स्थितियों की रिपोर्ट डिपार्टमेंट ऑफ़ मोटर व्हीकल्स में की जानी चाहिए जिनमें किसी व्यक्ति की गाड़ी चलाने की क्षमता पर बहुत बुरा प्रभाव हुआ है, जैसे कि डिमेंशिया या हाल ही में पड़े सीज़र्स। कोविड-19 महामारी जैसी घटनाओं के दौरान स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को यह अनुमति भी दी गई थी कि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए स्वास्थ्य सूचना के आदान-प्रदान और सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों को जानकारी दे सकते हैं।

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