सेलेनियम ज़्यादा होना

इनके द्वाराLarry E. Johnson, MD, PhD, University of Arkansas for Medical Sciences
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जुल॰ २०२३ | संशोधित अग॰ २०२३

    सेलेनियम ज़्यादा होने की स्थिति कम ही देखी जाती है और यह स्थिति सेलेनियम नामक मिनरल का बहुत ज़्यादा सेवन करने पर होती है।

    (यह भी देखें मिनरल्स का अवलोकन।)

    सेलेनियम सभी ऊतकों में होता है। सेलेनियम एंटीऑक्सिडेंट के रूप में विटामिन E के साथ काम करता है। यह फ़्री रेडिकल से कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाता है, फ़्री रेडिकल कोशिका की सामान्य गतिविधि से बनने वाले रिएक्टिव बाय-प्रोडक्ट हैं। सेलेनियम कुछ तरह के कैंसरों से बचाने में मदद कर सकता है। सेलेनियम थायरॉयड ग्रंथि के सामान्य रूप से कार्य करने के लिए भी आवश्यक है।

    बिना डॉक्टरी सलाह के हर रोज़ 900 माइक्रोग्राम से अधिक सेलेनियम सप्लीमेंट लेना नुकसानदेह हो सकता है। सेलेनियम की विषाक्तता के प्रमुख लक्षण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएँ होती हैं, जिनमें मतली, उल्टी और दस्त शामिल होते हैं। दूसरे लक्षणों में बाल झड़ना, असामान्य नाखून, रैश, थकान और नसों को नुकसान पहुंचना शामिल हैं। सांस में लहसुन जैसी गंध भी आ सकती है।

    सेलेनियम ज़्यादा होने की स्थिति का निदान लक्षणों के आधार पर किया जाता है। ब्लड या यूरिनरी सेलेनियम के स्तर मापे जा सकते हैं।

    सेलेनियम ज़्यादा होने के इलाज में सेलेनियम की खपत कम करना भी शामिल है।