गर्भावस्था और प्रसव से संबंधित कई कारकों (शारीरिक और भावनात्मक) की वजह से यौन अक्षमता की संभावना रहती है।
प्रसवोत्तर और गर्भावस्था से संबंधित यौन दुष्क्रिया के जोखिम कारकों में निम्नलिखित शामिल हैं:
प्रसव के दौरान आघात: सिज़ेरियन डिलीवरी या चिमटा या वैक्यूम एक्सट्रैक्टर के द्वारा डिलीवरी, एपिसीओटॉमी, या योनि के मुख और गुदा (पेरिनीअम/मूलाधार) के बीच के क्षेत्र के चीरे योनि के मुख के पास के क्षेत्र को दर्दनाक बना सकते हैं और यौन रुचि और उत्तेजित होने की क्षमता को कम कर सकते हैं।
स्तनपान: क्योंकि स्तनपान के दौरान एस्ट्रोजन स्तर कम होते हैं, योनि शुष्क हो सकती है, जिससे समागम कष्टप्रद हो जाता है। जेनिटो-पेल्विक दर्द/ पेनिट्रेशन विकार विकसित हो सकता है।
मनोवैज्ञानिक और सामाजिक तनाव: पारिवारिक भूमिकाओं और रिश्तों में बदलाव, नींद में खलल, नवजात से जुड़ी स्वास्थ्य की समस्याएं और/या वजन बढ़ने से तनाव बढ़ सकता है।
प्रसवोत्तर अवसाद: उदास होना यौन दुष्क्रिया में योगदान कर सकता है।
अंतरंग साथी द्वारा हिंसा: गर्भावस्था की वजह से अंतरंग साथी द्वारा हिंसा (शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और यौन) का जोखिम बढ़ जाता है। किसी रिश्ते में इस तरह की हिंसा होने पर महिला का आत्मविश्वास कम हो सकता है, उसके आत्मसम्मान में कमी आ सकती है और डिप्रेशन हो सकता है, पोस्टट्रोमैटिक तनाव संबंधी विकार, अन्य मनोवैज्ञानिक विकार और यौन अक्षमता हो सकती है।
यदि यौन दुष्क्रिया, प्रकार की परवाह किए बिना, गर्भावस्था से पहले मौजूद है, तो गर्भावस्था के बाद यौन दुष्क्रिया की संभावना अधिक है।
डॉक्टर प्रसवोत्तर या गर्भावस्था से संबंधित यौन दुष्क्रिया को पहचानते हैं जब एक महिला गर्भावस्था के दौरान या उसके तुरंत बाद समागम से संबंधित समस्याओं की रिपोर्ट करती है।
प्रसवोत्तर और गर्भावस्था से संबंधित यौन दुष्क्रिया का उपचार महिला यौन दुष्क्रिया के अन्य रूपों के उपचार के समान है। उदाहरण के तौर पर, मनोवैज्ञानिक थेरेपी और गर्भावस्था के दौरान और बाद में महिला का शरीर कैसे बदलता है, इस बारे में जानना, जैसे कि क्या गर्भावस्था के दौरान संभोग करना सुरक्षित होता है और कौन सी स्थिति अधिक सुविधाजनक हो सकती है, ऐसी जानकारी से मदद मिल सकती है (उदाहरण के तौर पर, एक दूसरे के अगल-बगल में)। डॉक्टर योनि समागम के अलावा अन्य प्रकार की यौन गतिविधियों का सुझाव दे सकते हैं, जैसे कि हस्तमैथुन, मालिश, मुख मैथुन, समागम पूर्व क्रीड़ा, परस्पर सहलाना, चुंबन, फैन्टसी (कल्पना), यौन क्रिया से जुड़े खिलौनों का उपयोग और आलिंगन करना।