क्रोनिक पैरोनिकिया

इनके द्वाराChris G. Adigun, MD, Dermatology & Laser Center of Chapel Hill
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया दिस॰ २०२१

क्रोनिक पैरोनिकिया का संबंध आम तौर पर हाथ के नाखूनों के नेल फ़ोल्ड के बारंबार होने वाले या स्थायी सूजन से है।

(एक्यूट पैरोनिकिया भी देखें।)

क्रोनिक पैरोनिकिया लगभग हमेशा ही ऐसे लोगों में होता है जिनके हाथ नियमित रूप से गीले रहते हैं (जैसे, बर्तन धोने वाले लोग, बारटेंडर, और घर की साफ़-सफ़ाई करने वाले लोग), विशेष रूप से तब यदि उनके हाथों में एक्जिमा हो, उन्हें डायबिटीज़ हो, या उनका प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर हो। कैंडिडा नामक यीस्ट अक्सर मौजूद होता है, पर क्रोनिक पैरोनिकिया को पैदा करने में इसकी भूमिका अस्पष्ट है क्योंकि यीस्ट पूरी तरह ख़त्म कर देने पर स्थिति हमेशा ठीक नहीं होती है। क्रोनिक पैरोनिकिया कैंडिडा की उपस्थिति के साथ-साथ किसी उत्तेजक त्वचा सूजन (डर्माटाईटिस) का परिणाम हो सकता है।

नेल फ़ोल्ड (नाख़ून के किनारों पर जहाँ नाख़ून और त्वचा मिलते हैं वहाँ मौजूद कठोर त्वचा की तह) में दर्द होता है, वह छूने मात्र से दर्द करता है, और लाल होता है, बिल्कुल एक्यूट पैरोनिकिया की तरह, पर आम तौर पर इसमें मवाद इकट्ठा नहीं होता है। अक्सर क्यूटिकल (नाख़ून के आधार पर मौजूद त्वचा) नष्ट हो जाती है और नेल प्लेट (नाख़ून का कठोर भाग) से नेल फ़ोल्ड अलग हो जाता है। इसके बाद एक खाली स्थान बन जाता है जहाँ से उत्तेजक पदार्थ और सूक्ष्मजीव प्रवेश कर सकते हैं। नाख़ून की आकृति बिगड़ सकती है।

क्रोनिक पैरोनिकिया
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इस चित्र में लाल, सूजे हुए नेल फ़ोल्ड और नष्ट क्यूटिकल देखे जा सकते हैं, जैसे क्रोनिक पैरोनिकिया में देखने को मिलते हैं।
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डॉक्टर प्रभावित अंगुली की जांच करके क्रोनिक पैरोनिकिया का निदान करते हैं।

क्रोनिक पैरोनिकिया का उपचार

  • पानी के अत्यधिक संपर्क से बचना

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड या टेक्रोलिमस

  • कभी-कभी नेल फ़ोल्ड में कॉर्टिकोस्टेरॉइड के इंजेक्शन

  • कभी-कभी एंटीफंगल दवाएँ

  • कभी-कभी सर्जरी

हाथों को सूखा और सुरक्षित रखने से क्यूटिकल के दोबारा बनने में और नेल फ़ोल्ड व नेल प्लेट के बीच का खाली स्थान भरने में मदद मिल सकती है। यदि पानी से संपर्क ज़रूरी हो तो दस्ताने या बैरियर क्रीम प्रयोग किए जाते हैं।

नाख़ून पर कॉर्टिकोस्टेरॉइड क्रीम लगाने से मदद मिल सकती है। नेल फ़ोल्ड में कॉर्टिकोस्टेरॉइड के इंजेक्शन भी लगाए जा सकते हैं। टेक्रोलिमस क्रीम भी दी जा सकती है।

एंटीफंगल दवाएँ (जैसे, मुंह से ली जाने वाली फ्लुकोनाज़ोल) केवल तब दी जाती हैं यदि लोगों में कैंडिडा की कॉलोनियाँ बनने का जोखिम हो।

जो लोग गंभीर विकार से ग्रस्त हैं या जिनके विकार का उपचार अन्य विधियों द्वारा कठिन है उनमें नेल फ़ोल्ड पर सर्जरी करना ज़रूरी हो सकता है।