वातावरण से होने वाले फेफड़ों के रोग क्या हैं?
वातावरण से होने वाले फेफड़ों के रोग, हवा में मौजूद उन हानिकारक कणों, कोहरे, भाप या गैसों के कारण होते हैं जो सांस के साथ आपके फेफड़ों में पहुँचते हैं।
कुछ लोग बाहरी हवा में सांस लेने पर बीमार हो जाते हैं, ये (वायु प्रदूषण से होने वाले रोग) होते हैं। कुछ लोग उन इमारतों में सांस लेने में परेशानी होती है जहाँ वे रहते हैं, काम करते हैं या जिसमें उनका स्कूल है, इसे (इमारत के वातावरण में होने वाले रोग) कहते हैं।
ज़्यादातर लोगों को वातावरण से होने वाले फेफड़ों के रोग उनके काम करने की जगह पर होते हैं। उदाहरण के लिए:
रुई, जूट या भांग बनाने की जगहों पर काम करने वाले लोगों को बिसिनोसिस हो सकता है
कोयले की खदान में काम करने वाले लोगों को ब्लैक लंग या काले फेफड़ों का रोग हो सकता है
एसबेस्टस वाली जगहों पर काम करने वाले लोगों को एस्बेस्टोसिस, मीसोथैलियोमा और एस्बेस्टोस से जुड़ी प्लीयूरल बीमारी हो सकती है
यदि आपको पहले से ही COPD (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) या अस्थमा जैसी फेफड़ों की बीमारी है, तो जिन चीज़ों के बीच आप सांस लेते हैं, उनसे यह बीमारी बढ़ सकती है।
वातावरण से होने वाले फेफड़ों के रोगों के क्या लक्षण होते हैं?
वातावरण से होने वाले फेफड़ों के रोगों के लक्षण फेफड़ों के कई दूसरी बीमारियों जैसे ही होते हैं:
सांस लेने में परेशानी
खांसी
सीने में दर्द
सांस लेते समय अचानक खरखराहट की आवाज़ आना
डॉक्टर को कैसे पता चलता है कि मुझे वातावरण से होने वाला फेफड़ों का रोग है या नहीं?
डॉक्टर आपसे पूछेंगे कि क्या आपको ये लक्षण केवल कुछ खास जगहों और समय पर ही होते हैं। वे आपके काम के बारे में पूछेंगे और यह भी पूछेंगे कि आपके काम करने की जगह पर हवा में कौनसे पदार्थ मौजूद हो सकते हैं। डॉक्टर ये कर सकते हैं:
सांस लेने का परीक्षण
इमेजिंग परीक्षण, जैसे छाती का एक्स-रे या CT (कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी) स्कैन
वातावरण से होने वाले फेफड़ों के रोगों से कैसे बचा जा सकता है?
यदि आपके काम करने की जगह पर वायु प्रदूषण है, तो सांस के साथ शरीर में प्रवेश करने वाली गैसों, धूल और धुएं को सीमित रखने के लिए सरकारी एजेंसियों के बताए हुए दिशानिर्देशों का पालन करें।
यदि आप हानिकारक वायु प्रदूषण या अन्य पदार्थों के बीच काम कर रहे हैं, तो फेफड़ों की समस्याओं का पता लगाने के लिए नियमित तौर पर अपने डॉक्टर से जांच करवाएँ।