मीडियास्टीनाइटिस

इनके द्वाराNajib M Rahman, BMBCh MA (oxon) DPhil, University of Oxford
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अग॰ २०२३ | संशोधित दिस॰ २०२३

मीडियास्टीनम में जलन की स्थिति को मीडियास्टीनाइटिस कहते हैं (इसमें छाती की कैविटी, जिसमें हृदय, थाइमस ग्लैंड, कुछ लसीका ग्रंथियां और इसोफ़ेगस, एओर्टा, थायरॉइड और पैराथायरॉइड ग्रंथियों के भाग शामिल हैं)।

  • मीडियास्टीनाइटिस, आमतौर पर इसोफ़ेगस के फटने या छाती की सर्जरी के कारण होता है।

  • पीड़ित को छाती में तेज़ दर्द, सांस लेने में तकलीफ़ और बुखार आता है।

  • लिम्फ़ेनजियोलियोमायोमैटोसिस के निदान के लिए आमतौर पर चेस्ट एक्स-रे और कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) की ज़रूरत होती है।

  • इसका उपचार एंटीबायोटिक्स और कभी-कभी सर्जरी के माध्यम से किया जाता है।

(प्लूरल और मीडियास्टीनल विकारों के विवरण भी देखें।)

हो सकता है कि मीडियास्टीनाइटिस

  • तीव्र और अचानक से हो

  • या क्रोनिक हो, मतलब लंबे समय से हो रही जलन या लंबे समय से बने हुए संक्रमण के कारण धीरे-धीरे विकसित हो रहा हो

ज़्यादातर मामलों में मीडियास्टीनाइटिस संक्रमण की वजह से होता है। संक्रमण के दो सबसे आम कारण हैं

  • इसोफ़ेगस का फटना

  • छाती की सर्जरी (एक प्रक्रिया जिसे मीडियन स्टेर्नोटॉमी कहते हैं)

एंडोस्कोपी की प्रक्रिया के दौरान, ताकत लगाकर उल्टी करने पर (बोएरहाव सिंड्रोम) या छाती में चोंट लगने पर इसोफ़ेगस गलती से फट सकता है। कभी-कभी लाइ या कुछ बटन बैटरियां निगल लेने की वजह से इसोफ़ेगस में आँसू (छेद) निकलते हैं।

मीडियन स्टेर्नोटॉमी में ब्रेस्टबोन (स्टेर्नम) के सबसे नीचे एक चीरा लगाया जाता है और इसे दो भागों में बांट दिया जाता है। मीडियन स्टेर्नोटॉमी के ज़रिए डॉक्टर हृदय ट्रांसप्लांटेशन, हृदय के वॉल्व की सर्जरी या कोरोनरी धमनी बायपास सर्जरी जैसी प्रक्रियाएं करने के लिए छाती तक पहुंच पाते हैं।

क्या आप जानते हैं...

  • कोई बच्चा जिसने बटन बैटरी निगल ली हो, उसे मीडियास्टीनाइटिस जैसे गंभीर संक्रमण का खतरा हो सकता है।

कम सामान्य कारणों में शामिल हैं ट्यूबरक्लोसिस, हिस्टोप्लाज़्मोसिस (एक प्रकार का फ़ंगल संक्रमण), सार्कोइडोसिस, रेडिएशन थेरेपी या सिलिकोसिस। इन विकारों की वजह से क्रोनिक मीडियास्टीनाइटिस होता है।

क्रोनिक मीडियास्टीनाइटिस से फ़ाइब्रोसिंग मीडियास्टीनाइटिस होता है। फ़ाइब्रोसिंग मीडियास्टीनाइटिस में रक्त वाहिकाएं या वायुमार्ग (ब्रोंकाई) बंद हो सकते हैं।

मीडियास्टीनाइटिस के लक्षण

इसोफ़ेजियल के फटने के कारण छाती में तेज़ दर्द और सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है। कुछ लोगों में संक्रमण के लक्षण बुखार आना और ठंड लगना हो सकते हैं।

अगर छाती की सर्जरी के बाद मीडियास्टीनाइटिस होता है, तो पीड़ित को चीरा लगने वाले स्थान से रिसाव हो सकता है।

जिन लोगों को क्रोनिक फ़ाइब्रोसिंग मीडियास्टीनाइटिस होता है, उन्हें सांस लेने में धीरे-धीरे तकलीफ़ होने लगती है।

मीडियास्टीनाइटिस का पता लगाना

  • चेस्ट एक्स-रे और आमतौर पर कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT)

अगर किसी व्यक्ति में मीडियास्टीनाइटिस होने की संभावना हो, तो डॉक्टर अक्सर लक्षणों के आधार पर मीडियास्टीनाइटिस का पता लगा सकते हैं—उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति में मीडियास्टीनाइटिस में होने वाले लक्षण हों और हाल ही में वो छाती या उसने इसोफ़ेगस से संबंधित कोई सर्जरी करवाई हो या उसे ट्यूबरक्लोसिस हो या धीरे-धीरे उसे कोई संक्रमण हो रहा हो।

जब मीडियास्टीनाइटिस अचानक से विकसित होता है, तो लक्षण इतने गंभीर होते हैं कि डॉक्टर उन लोगों में भी इसका संदेह करने लगते हैं, जिनमें इसके संभावित कारण न दिखाई दे रहे हों, जैसे कि नशा करने वाले ऐसे लोगों में, जिन्हें उल्टी करने के लिए ताकत नहीं लगानी पड़ी हो या ऐसे बच्चों में, जिन्होंने कोई कॉस्टिक पदार्थ या बटन बैटरी निगल लिया हो।

चेस्ट एक्स-रे और आम तौर पर CT करके इसकी पुष्टि की जाती है।

जब किसी ऐसे व्यक्ति में मीडियास्टीनाइटिस होता है, जिसकी मीडियन स्टेर्नोटॉमी हो चुकी हो, तो डॉक्टर ब्रेस्टबोन के ज़रिए छाती में एक सुई डालते हैं और माइक्रोस्कोप से परीक्षण करने के लिए फ़्लूड निकालते हैं (एस्पिरेशन बायोप्सी)।

मीडियास्टीनाइटिस का उपचार

  • एंटीबायोटिक्स

  • कभी-कभी सर्जरी

संक्रमण का उपचार करने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं। कभी-कभी छाती में से संक्रमित फ़्लूड निकालने या फटे हुए इसोफ़ेगस को ठीक करने या दोनों करने के लिए सर्जरी करनी पड़ती है। फ़ाइब्रोसिंग मीडियास्टीनाइटिस के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है।

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