फेफड़े की बीमारियों की जांचों का विवरण

इनके द्वाराRebecca Dezube, MD, MHS, Johns Hopkins University
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया नव॰ २०२३

    चिकित्सा इतिहास लेने और शारीरिक जांच करने के बाद, डॉक्टर अक्सर छाती का एक्स-रे करते हैं। चिकित्सा इतिहास, शारीरिक जांच और छाती के एक्स-रे के नतीजों से पता चलता है कि लक्षणों की वजह पता लगाने के लिए और कौन सी जांचें करनी पड़ सकती हैं।

    डॉक्टर, फेफड़े में ऑक्सीज़न को होल्ड करने और उसे स्थानांतरित करने और अवशोषित करने की क्षमता का पता लगाकर भी फेफड़े की बीमारियों की जांच कर सकते हैं। ये जांचें (इन्हें पल्मोनरी फ़ंक्शन से जुड़ी जांचें कहा जाता है) फेफड़े के सामान्य बीमारियों और उनकी गंभीरता का पता लगाने में सबसे अधिक सहायक होती हैं। छाती की अतिरिक्त इमेजिंग, ब्रोंकोस्कोपी और थोरैकोस्कोपी, जैसे अन्य परीक्षणों के ज़रिए डॉक्टर को फेफड़े की बीमारियाँ होने के खास कारण के बारे में पता चलता है।

    चूंकि हृदय में विकार होने पर भी सांस लेने में तकलीफ़ और अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिनकी वजह से फेफड़े में विकार होने का संदेह हो सकता है, अब चूंकि फेफड़े की बीमारियाँ दिल को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए इन लक्षणों वाले लोगों में डॉक्टर अक्सर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ़ी (ECG, हृदय में इलेक्ट्रिकल इम्पल्स को मापने के लिए) और ईकोकार्डियोग्राफ़ी (दिल की अल्ट्रासोनोग्राफ़ी) करते हैं।

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