मैलेट फ़िंगर

इनके द्वाराDanielle Campagne, MD, University of California, San Francisco
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जुल॰ २०२३

मैलेट फिंगर में, उंगली नीचे की ओर मुड़ कर टेढ़ी हो जाती है और इसे सीधा नहीं किया जा सकता। ऐसा आमतौर पर टेंडन की चोट की वजह से होता है।

(मोच और नर्म ऊतकों की अन्य चोटों का विवरण और उंगलियों के फ्रैक्चर भी देखें।)

मैलेट फ़िंगर आमतौर पर तब होती है, जब उंगली के सिरे पर हड्डी को मांसपेशियों से जोड़ने वाला टेंडन टूट जाता है। इस टेंडन (इसे एक्सटेंसर टेंडन कहा जाता) का उपयोग उंगली के सिरे को सीधा रखने के लिए किया जाता है। आमतौर पर, जब आमतौर पर उंगली पर लगाए जाने वाले बल से अधिक बल लगाया जाता है, तो टेंडन टूट जाता है। इसका आम कारण बेसबॉल है, जो उंगली के सिरे से टकराती है और इसे जाम कर देती है। इस तरह, मैलेट फ़िंगर को कभी कभी बेसबॉल फ़िंगर भी कहा जाता है।

इसकी वजह से एक या अधिक उंगलियां प्रभावित हो सकती हैं। कभी-कभी जोड़ भी अपनी जगह से खिसक सकता है।

जब टेंडन फ़ट जाता है, तो इससे उंगली से हड्डी का टुकड़ा भी खिंच कर बाहर निकल सकता है (इसे अवल्शन फ्रैक्चर कहा जाता है)। जब अवल्शन फ्रैक्चर होता है, तो प्रभावित हड्डी का कार्टिलेज (जोड़ का सतह) भी फ्रैक्चर हो जाता है।

मैलेट फ़िंगर

जिन लोगों को मैलेट फ्रैक्चर होता है, वे अपनी उंगली का सिरा सीधा नहीं कर पाते हैं।

मैलेट फ्रैक्चर के लक्षण

उंगली में चोट के तुरंत बाद आमतौर पर दर्द होता है, वह सूज जाती है और छिल जाती है। जोड़ मुड़ा हुआ रहता है। व्यक्ति उसे सीधा नहीं कर पाता है। कभी-कभी, नाखून के नीचे रक्त इकट्ठा हो जाता है (इसे सबअंग्युअल हेमाटोमा कहा जाता है)।

मैलेट फ़िंगर का निदान

  • शारीरिक परीक्षण

  • फ्रैक्चर की जांच के लिए एक्स-रे

आमतौर पर डॉक्टर मैलेट फ़िंगर का निदान तब करते हैं, जव वे उंगली को जांचते हैं।

आमतौर पर फ्रैक्चर के लिए अलग-अलग कई कोणों से एक्स-रे लिया जाता है।

मैलेट फ़िंगर का उपचार

  • एक स्प्लिंट

आमतौर पर डॉक्टर, उंगली सीधी करते हैं इसके बाद उसे उसकी पोज़िशन में बनाए रखने के लिए उस पर एक स्प्लिंट लगाते हैं, जो ऊपर की ओर से (एक्सटेंशन में) थोड़ा मुड़ा हुआ रहता है। स्प्लिंट 6 से लेकर 8 सप्ताह तक पहना जाता है।

बहुत कम ही ऐसा होता है, जब फ्रैक्चर में जोड़ की सतह का बड़ा हिस्सा शामिल होता है, या जब जोड़ अपनी जगह से खिसक जाता है, तो सर्जरी की आवश्यकता होती है।