इंसुलिनोमा

इनके द्वाराB. Mark Evers, MD, Markey Cancer Center, University of Kentucky
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया मई २०२४

इंसुलिनोमा अग्नाशय का बहुत कम मिलने वाले प्रकार का न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है, जो इंसुलिन नाम के हार्मोन का रिसाव करता है, जो रक्त में शुगर (ग्लूकोज़) के लेवल कम करता है।

  • ये ट्यूमर इंसुलिन उत्पन्न करने वाले अग्नाशय में कोशिकाओं से बनते हैं।

  • कम ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) के कारण होने वाले लक्षणों में बेहोशी, कमज़ोरी, सिरदर्द और भ्रम शामिल हैं।

  • निदान में खून और इमेजिंग की जांच शामिल हैं।

  • जब संभव हो, तो इसका इलाज सर्जरी और कभी-कभी कीमोथेरेपी है।

इंसुलिनोमा एक प्रकार के पैंक्रियाटिक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हैं। निदान पर औसत आयु 50 है। केवल 10% इन्सुलिनोमा कैंसर से प्रभावित होते हैं।

इन्सुलिनोमा के लक्षण

इंसुलिनोमा के लक्षण रक्त में शुगर (ग्लूकोज़) के कम लेवल (हाइपोग्लाइसीमिया) से बनते हैं, जो उस समय होता है जब व्यक्ति कई घंटों तक भोजन नहीं करता है (अक्सर पूरी रात खाली पेट रहने के बाद सुबह के समय)। लक्षणों में बेहोशी, कमज़ोरी, कांपना, हृदय की धड़कन महसूस होना (धुकधुकी), पसीना, घबराहट और बहुत ज़्यादा भूख शामिल है।

अन्य लक्षणों में सिरदर्द, भ्रम, नज़र की असामान्यताएं, अस्थिरता और व्यक्तित्व में दिखाई देने वाले बदलाव शामिल हैं।

खून में शुगर के कम स्तर से बेहोशी, सीज़र्स और कोमा भी हो सकता है।

इन्सुलिनोमा का निदान

  • रक्त की जाँच

  • इमेजिंग टेस्ट

इन्सुलिनोमा का निदान करना मुश्किल हो सकता है। डॉक्टर उस समय खून की जांच करने की कोशिश करते हैं जब व्यक्ति में लक्षण होते हैं और उसने खाना नहीं खाया होता। खून की जांचों में ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर और इंसुलिन के स्तर के माप लेना शामिल है। खून में ग्लूकोज़ का बहुत कम स्तर और इंसुलिन का उच्च स्तर इन्सुलिनोमा की मौजूदगी का संकेत देता है। चूँकि कई लोगों में लक्षण कभी-कभी ही दिखाई देते हैं, इसलिए डॉक्टर उन्हें अस्पताल में भर्ती कर सकते हैं। अस्पताल में, व्यक्ति कम से कम 48 घंटे, कभी-कभी 72 घंटे तक बिना खाना खाए रहता है और उसकी पूरी तरह निगरानी की जाती है। उस समय के दौरान, आमतौर पर लक्षण दिखाई देते हैं और ग्लूकोज़ और इंसुलिन के स्तर को मापने के लिए खून की जांच की जाती है।

यदि रक्त परीक्षण से पता चलता है कि व्यक्ति को इंसुलिनोमा है, तो स्थान को खोज कर लक्षित किया जाना चाहिए। इमेजिंग परीक्षण, जैसे कि कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (CT) और एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड (जिसमें एक अल्ट्रासाउंड प्रोब के साथ एक देखने वाली ट्यूब को छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में डाला जाता है) या पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफ़ी (PET) का उपयोग ट्यूमर का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। कभी-कभी एक्सप्लोरेट्री सर्जरी करनी पड़ती है।

इंसुलिनोमा का उपचार

  • सर्जरी द्वारा निकाल देना

  • डायज़ोक्साइड या कभी-कभी ऑक्ट्रियोटाइड या लेनरियोटाइड

  • कभी-कभी कीमोथेरेपी

इंसुलिनोमा का प्राथमिक उपचार सर्जरी से निकालना है, जिसकी इलाज की दर लगभग 90% है।

जब इंसुलिनोमा को पूरी तरह से निकाला नहीं जा सकता है और लक्षण बने रहते हैं, तो डायज़ोक्साइड या कभी-कभी ऑक्ट्रियोटाइड या लेनरियोटाइड जैसी दवाएँ ब्लड ग्लूकोज़ का लेवल बहुत कम होने से रोकने में मदद कर सकती हैं।

कीमोथेरेपी ट्यूमर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

quizzes_lightbulb_red
अपना ज्ञान परखेंएक क्वज़ि लें!
मैनुअल'  ऐप को निः शुल्क डाउनलोड करेंiOS ANDROID
मैनुअल'  ऐप को निः शुल्क डाउनलोड करेंiOS ANDROID
अभी डाउनलोड करने के लिए कोड को स्कैन करेंiOS ANDROID