सांसों में बदबू आना

(हैलिटोसिस)

इनके द्वाराBernard J. Hennessy, DDS, Texas A&M University, College of Dentistry
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जन॰ २०२४

सांसों में बदबू आने का मतलब है सांस से हमेशा या लगातार गन्दी बास आना।

सांस की अन्य गंध

कुछ रोगों के कारण ऐसे पदार्थ उत्पन्न होते हैं जो साँस में पता चल जाते हैं, लेकिन ये गंध आमतौर पर हल्की होती हैं और इन्हें सांसों की बदबू नहीं माना जाता है। उदाहरण के तौर पर,

  • लिवर खराब होने पर सांस से चूहे जैसी एक अजीब-सी (सीलन जैसी, मीठी, और कभी-कभी सड़े हुए अंडे जैसी [सल्फर जैसी] गंध) आती है।

  • किडनी फेल होने पर सांस में पेशाब या अमोनिया जैसी गंध आती है।

  • गंभीर, अनियंत्रित मधुमेह की स्थिति में, सांस में नेल पॉलिश रिमूवर (ऐसिटोन) जैसी गंध आती है। 

साँसों में बदबू आने की वजहें

साँसों में बदबू आने के ज़्यादातर मामले मुंह में समस्या के कारण होते हैं। साँसों में बदबू पैदा करने में योगदान करने वाले कारण इस लिस्ट में बताए गए हैं साँसों में बदबू आने के कुछ कारण और विशेषताएं

सामान्य कारण

साँसों में बदबू आने के सबसे आम कारण हैं

साँसों में बदबू आने की ज़्यादातर समस्याएं, मुंह के कुछ बैक्टीरिया द्वारा मुंह में मौजूद खाद्य कणों (फ़ूड पार्टिकल्स) पर कार्रवाई करने के कारण होती हैं। ये बैक्टीरिया भोजन के कणों को विघटित (डीग्रेड) करके दुर्गंधयुक्त पदार्थों में बदल देते हैं। जिन लोगों को पेरियोडोंटल डिज़ीज़ (मसूड़ों के रोग) हैं (जैसे जिंजिवाइटिस और पेरियोडोंटाइटिस) और जो सही से मुँह की साफ़-सफाई नहीं रखते हैं, उनमें ये बैक्टीरिया ज़्यादा पनपते हैं।

पेरियोडोंटल डिज़ीज़ (मसूड़ों के रोग) दांतों के आसपास और उन्हें सहारा देने वाली संरचनाओं–जैसे कि मसूड़े और दांत की जड़ की बाहरी परत–में सूजन पैदा करती हैं और उन्हें खत्म कर देती हैं, और ये रोग मुख्य रूप से कुछ बैक्टीरिया के इकट्ठा होने के कारण होते हैं। ये बैक्टीरिया दांतों के आस-पास की गहरी जगहों में पनपते हैं। ऐसे बैक्टीरिया जीभ के पीछे भी बढ़ सकते हैं, उन लोगों में भी जिन्हें पेरियोडोंटल डिज़ीज़ (मसूड़ों के रोग) नहीं है। लार कम बनने (कुछ बीमारियों या कुछ दवाओं के उपयोग के कारण—देखें मुंह सूखना) या लार की एसिडिटी कम होने के कारण भी ये बैक्टीरिया ज़्यादा बढ़ सकते हैं।

पाचन के बाद, कुछ खाद्य पदार्थों या मसालों, जैसे प्याज़ या लहसुन के कारण होने वाली गंध, रक्तप्रवाह के माध्यम से फेफड़ों में पहुंच जाती है। इसके बाद यह गंध साँस के माध्यम से बाहर निकलती है और दूसरों को अप्रिय लग सकती है। उदाहरण के लिए, लहसुन को खाने के 2 या 3 घंटे, इसके मुंह और पेट में जाने के काफ़ी समय बाद इसकी गंध आपकी सांसों के द्वारा दूसरों को पता चलती है। मुँह की साफ़-सफाई रखकर ये गंध दूर नहीं की जा सकती हैं।

धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में धूम्रपान करने वाले लोगों में सांसों की दुर्गंध अधिक आम है।

कम सामान्य कारण

साँसों में बदबू आने की कम सामान्य वजहों में शामिल हैं

हालांकि लोग आमतौर पर सोचते हैं कि जठरांत्र संबंधी (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) विकार होने से सांस में बदबू आती है, लेकिन ऐसा न के बराबर ही होता है क्योंकि मांसपेशियों का चैनल जो गले को पेट (भोजन की नली) से जोड़ता है, आमतौर पर ढह जाता है। सांस में बदबू आने का कारण खराब पाचन नहीं है, न ही यह इस ओर इशारा करता है कि किसी व्यक्ति का पाचन तंत्र या आंत कैसे काम कर रहे हैं। हालांकि, शायद ही कभी, भोजन की नली में एक थैली (ज़ेंकर डायवर्टीकुलम) में, जो कुछ लोगों में जन्म के समय मौजूद होती है, खाद्य कण (फ़ूड पार्टिकल) इकट्ठा हो सकते हैं। ये खाद्य कण (फ़ूड पार्टिकल) सड़ जाते हैं और बदबू पैदा कर सकते हैं। गैस्ट्रोईसोफेगल रिफ्लक्स डिज़ीज़ (GERD) और पेट का कैंसर होने पर भी सांस में बदबू आ सकती है।

सांसों में बदबू आने की कल्पना करने की स्थिति को साइकोजेनिक हैलिटोसिस (स्यूडोहैलिटोसिस) कहा जाता है। लोगों को ऐसा लगता है कि उनकी सांस से बदबू आ रही है, हालांकि वास्तव में ऐसा नहीं हो रहा होता। यह समस्या उन लोगों में हो सकती है जो शरीर की आम संवेदनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं या जिन लोगों में कोई गंभीर मानसिक विकार है, जैसे सिज़ोफ्रेनिया। जुनूनी विचारों वाले कुछ लोगों को गंदा होने जैसा महसूस होता है और उन्हें लगता है कि उनकी सांसों से बदबू आ रही है।

टेबल
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खराब सांस का मूल्यांकन

खराब सांस के मामलों को शायद ही कभी डॉक्टर या दांतों के डॉक्टर द्वारा तुरंत मूल्यांकन की आवश्यकता होती है। निम्नलिखित जानकारी लोगों को यह जानने में मदद कर सकती है कि क्या मूल्यांकन की ज़रूरत है और उन्हें यह जानने में मदद मिल सकती है कि मूल्यांकन के दौरान क्या अपेक्षा की जाए।

चेतावनी के संकेत

कुछ लक्षण और विशेषताएँ चिंता का कारण होती हैं। उनमें शामिल हैं

  • बुखार

  • मवाद-भरा (प्यूरुलेंट) थूक/बलगम या नाक से रिसाव होना

  • मुंह में दिखाई देने वाले या छूकर पता लगने वाले असामान्य धब्बे होना

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

जिन लोगों को बुखार है या मवाद-भरा (प्यूरुलेंट) थूक/बलगम या नाक से रिसाव हो रहा है या जिन्होंने किसी बाहरी चीज़ को सांस के द्वारा अंदर लिया हो, उन्हें तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। जिन लोगों को अपने मुंह में कोई अजीब धब्बा दिखता है, उन्हें कुछ दिनों में ही दांतों के डॉक्टर से मिलना चाहिए।

जिन लोगों की साँसों में बदबू आती है, अगर उनमें अन्य कोई चेतावनी के संकेत नहीं दिखते हैं और जो वैसे ठीक महसूस करते हैं, उन्हें दांतों के डॉक्टर से मिलना चाहिए।

डॉक्टर क्या करते हैं

दांतों के डॉक्टर और डॉक्टर पहले व्यक्ति के लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में सवाल पूछते हैं। उसके बाद वे शारीरिक जांच करते हैं। मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक जांच में जो बातें उनको पता लगती हैं, वे अक्सर सांस में बदबू होने का कारण बता देती हैं और यह भी पता लग जाता है कि किन जांचों को करवाया जाना ज़रूरी है। (सांसों में बदबू आने के कुछ कारण और विशेषताएं टेबल देखें)।

स्निफ टैस्ट जांच का एक मददगार हिस्सा है जो यह बताने में मदद कर सकता है कि क्या बदबू नाक या साइनस के विकार की वजह से या फिर मुंह या फेफड़ों के विकार की वजह से आ रही है। इस जांच में व्यक्ति डॉक्टर की नाक से लगभग 4 इंच (लगभग 10 सेंटीमीटर) की दूरी पर साँस छोड़ता है, पहले नाक को बंद करके मुँह के माध्यम से और फिर मुँह को बंद करके नाक के माध्यम से। अगर मुंह से ज़्यादा बदबू आती है, तो इसका मतलब है कि इसकी वजह मुंह में ही कहीं है। अगर नाक से ज़्यादा बदबू होती है, तो इसका मतलब है कि इसकी वजह नाक या साइनस में ही कहीं है। अगर नाक और मुंह दोनों से एक जैसी बदबू आती है, तो इसका मतलब है कि इसकी वजह शरीर के किसी और भाग या फेफड़ों में कहीं है। अगर जांचकर्ता (एग्ज़ामिनर) यह नहीं बता पाते हैं कि बदबू आने की वजह कहां से शुरू हो रही है, तो वे जीभ के पिछले भाग को प्लास्टिक के चम्मच से खुरचकर देखते हैं। 5 सेकंड के बाद, इस चम्मच को सूँघा जाता है। अगर चम्मच पर कोई बदबू आ रही है तो इसका मतलब है कि समस्या होने की वजह जीभ पर बैक्टीरिया की मौजूदगी है।

परीक्षण

जांचों की आवश्यकता इस बात पर निर्भर करती है कि रोगी के इतिहास और शारीरिक जांच के दौरान डॉक्टर क्या पाते हैं, खासकर कि उन्हें कोई चेतावनी के संकेत मिलते हैं या नहीं। कुछ विशेषज्ञ जो खासतौर पर साँसों में बदबू आने की जांच करते हैं, उनके पास कुछ अलग तरह के जांच उपकरण होते हैं, जैसे पोर्टेबल सल्फर मॉनिटर, गैस क्रोमैटोग्राफी और टंग स्क्रैपिंग के लिए केमिकल जांच। इस तरह की जांच की शायद ही कभी आवश्यकता होती है, सिवाय चिकित्सा अनुसंधानों के।

डॉक्टर यह सलाह दे सकते हैं कि जिन लोगों में लक्षण निगले या साँस के माध्यम से लिए पदार्थों से संबंधित लगते हैं, उन्हें कुछ समय के लिए ऐसे पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि लक्षण दूर हो रहे हैं या नहीं (ट्रायल ऑफ अवॉय्डैन्स या परहेज़ को आज़माकर)।

साँसों में बदबू आने का इलाज

  • कारण का इलाज

  • मुँह की साफ़-सफाई और दांतों की नियमित देखभाल करके

निदान हो जाने पर, साँसों में बदबू आने की वजहों का इलाज किया जाता है।

शारीरिक कारणों को हटाया या ठीक किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, लहसुन, प्याज़ और गंध पैदा करने वाली खाने की अन्य चीज़ें खाना बंद करके और धूम्रपान की आदत को छोड़कर लोग ऐसा कर सकते हैं। अगर ये किसी मुँह के कारण से हुए है, तो लोगों को पेरियोडोंटल डिज़ीज़ (मसूड़ों के रोग) और कैविटीज़ की पेशेवर सफाई और इलाज के लिए किसी दांतों के डॉक्टर से मिलना चाहिए। घर पर, लोगों को हर रोज़ अपने मुँह की साफ़-सफाई रखने की दिनचर्या में सुधार करना चाहिए, जिसमें अच्छी तरह से फ्लॉस करना, टूथब्रश करना और टूथब्रश या जीभ खुरचनी (टंग स्क्रैपर) के साथ जीभ के ऊपर और पीछे ब्रश करना शामिल है। कई डिओडोरेंट माउथवॉश और स्प्रे उपलब्ध हैं, लेकिन इनसे मिलने वाले लाभ सीमित ही हैं। इनमें से ज़्यादातर उत्पादों का प्रभाव 20 मिनट से ज़्यादा नहीं रहता है। अल्कोहल के सेवन से होने वाले विकार से उबर रहे लोगों को बिना अल्कोहल वाले माउथवॉश का उपयोग करना चाहिए।

जिन लोगों को साइकोजेनिक हैलिटोसिस है उन्हें मनोविज्ञानीय (साइकियाट्रिक) मूल्यांकन की आवश्यकता हो सकती है।

वृद्ध लोगों के लिए आवश्यक: सांसों में बदबू आना

ज़्यादातर वयोवृद्ध वयस्क ऐसी दवा लेते हैं जिन्हें लेने से मुंह सूखने की ज़्यादा संभावना होती है, ऐसा होने पर मुंह की साफ़-सफाई रखने में परेशानी हो सकती है और सांसों से बदबू आ सकती है। उम्र बढ़ने के साथ मुंह का कैंसर होना बहुत आम है, जोकि साँसों में बदबू आने का एक अन्य कारण भी है। अन्यथा वयोवृद्ध वयस्कों में सांसों से दुर्गंध आने की संभावना अधिक नहीं होती है।

महत्वपूर्ण मुद्दे

  • सांसों की अधिकांश दुर्गंध मुंह में बैक्टीरिया द्वारा भोजन के कणों को नष्ट करने के कारण होती है।

  • घरेलू इलाज में टूथब्रश, फ्लॉस करने और जीभ को ब्रश करने या खुरचने जैसे उपायों को बढ़ाकर इस्तेमाल करना शामिल है।

  • माउथवॉश का असर बहुत लंबे समय तक नहीं रहता है।

  • मुंह के बाहर होने वाले विकारों की वजह से भी सांसों में बदबू आ सकती है, लेकिन डॉक्टर या दांतों के डॉक्टर की जांच के दौरान मिले निष्कर्षों के आधार पर इनकी पहचान की जा सकती है।

अधिक जानकारी

निम्नलिखित अंग्रेजी-भाषा संसाधन उपयोगी हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि इस संसाधन की विषयवस्तु के लिए मैन्युअल ज़िम्मेदार नहीं है।

  1. MouthHealthy.org: पोषण के साथ-साथ मौखिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है, साथ ही इससमें अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन की मंज़ूरी वाली सील लगे प्रॉडक्ट चुनने के बारे में भी मार्गदर्शन दिया गया है। इसके बारे में भी सलाह दी गई है कि दांतों के डॉक्टर कहाँ पर उपलब्ध हैं और उनसे कैसे और कब मिल सकते हैं।