बच्चों में खांसी

इनके द्वाराDeborah M. Consolini, MD, Thomas Jefferson University Hospital
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया नव॰ २०२२

वायुमार्ग से सामग्री को साफ करने में खांसी से मदद मिलती है और उन्हें फेफड़ों में जाने से रोकती है। ये सामग्रियां वे कण हो सकते हैं जिनको इन्हेल किया गया होता है या फेफड़ों और/या वायुमार्गों के तत्व हो सकते हैं। सर्वाधिक आम तौर पर, फेफड़ों तथा वायुमार्ग से खांसी के साथ बाहर निकाले जाने वाली सामाग्री थूक (जिसे बलगम भी कहा जाता है—म्युकस, अपशिष्ट सामग्रियों तथा कोशिकाओं का मिश्रण जिसे फेफड़ों द्वारा बाहर निकाला जाता है) होती है। लेकिन, कभी-कभी खांसी के साथ खून भी बाहर आता है। ऐसी खांसी जिसमें इन दोनो में से कुछ भी बाहर आता है, उसे प्रोडक्टिव खांसी कहा जाता है। बड़े बच्चे (और वयस्क) विशेष रूप से खांसी के साथ सामग्रियों को बाहर निकाल देते हैं, लेकिन छोटे बच्चे आमतौर पर इसे निगल लेते हैं। कुछ प्रकार की खांसी में कुछ भी बाहर नहीं निकलता है। उन्हें ड्राई या नॉन-प्रोडक्टिव कहा जाता है।

खांसी ऐसा सर्वाधिक आम कारण है जिसकी वजह से माता-पिता अपने बच्चों को स्वास्थ्य देखभाल प्रैक्टिशनर के पास ले कर आते हैं।

(वयस्कों में खांसी भी देखें।)

बच्चों में खांसी के कारण

खांसी के संभावित कारण इस बात पर निर्भर करते हैं कि खांसी 4 सप्ताह से कम (एक्यूट) या 4 सप्ताह या उससे अधिक (क्रोनिक) रही है।

सामान्य कारण

तेज़ खांसी के लिए सबसे आम कारण निम्नलिखित होता है

क्रोनिक खांसी के लिए सर्वाधिक आम कारण निम्नलिखित हैं

कम सामान्य कारण

एक्यूट खांसी किसी बाह्य तत्व (जैसे भोजन के टुकड़े या एक खिलौने के टुकड़े) को फेफड़ों (एस्पिरेशन) के अंदर ले लेने या कम सामान्य श्वसन तंत्र संबंधी संक्रमण जैसे निमोनिया, पर्टुसिस (काली खांसी), या ट्यूबरक्लोसिस के कारण हो सकती है।

क्रोनिक खांसी किसी बाह्य तत्व के एस्पिरेशन, आनुवंशिक विकारों जैसे सिस्टिक फ़ाइब्रोसिस या प्राथमिक सिलियरी डिस्काईनेसिया, वायुमार्ग या फेफड़ों का जन्मजात दोष, सूजनकारी विकार जिनमें वायुमार्ग या फेफड़े शामिल होते हैं, या ऐसा तनाव के कारण (जिसे आदत या साइकोजेनिक खांसी कहा जाता है) हो सकती है।

बच्चों में खांसी का मूल्यांकन

हर प्रकार की खांसी के लिए तत्काल डॉक्टर के मूल्यांकन की आवश्यकता नहीं होती है। यदि माता-पिता यह जान लेते हैं कि कौन-कौन से लक्षण गंभीर कारण का संकेत करते हैं, तो वे यह फैसला कर सकते हैं कि क्या डॉक्टर के साथ संपर्क करने की ज़रूरत है।

चेतावनी के संकेत

निम्नलिखित लक्षणों पर खास तौर पर ध्यान दिया जाना चाहिए:

  • होठों और/या त्वचा पर नीले रंग का निशान (सायनोसिस)

  • जब बच्चा सांस लेता है तो एक जोरदार आवाज़ (स्ट्रिडोर)

  • सांस लेने में कठिनाई

  • बीमार दिखाई देना

  • अनियंत्रित, बार-बार होने वाली खांसी के साथ ऐंठन या संकुचन और जिसके बाद हवा को अंदर लिया जाता है (हू-हू की आवाज)

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

ऐसे बच्चे जिनमें चेतावनी संकेत नज़र आते हैं, उन्हें तत्काल डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, और साथ ही ऐसे बच्चों को भी डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए जिनके माता-पिता को यह लगता है कि उनके बच्चे ने किसी बाहरी तत्व को निगल लिया है। यदि बच्चे में कोई चेतावनी संकेत नहीं हैं, लेकिन बार-बार हार्श या बार्किंग खांसी होती है, तो माता-पिता को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर खास तौर से बच्चों की आयु के आधार पर, अन्य लक्षणों (जैसे बुखार) तथा चिकित्सा इतिहास (खास तौर पर फेफड़ों के विकार के इतिहास वाले बच्चे जैसे दमा या सिस्टिक फ़ाइब्रोसिस) वाले बच्चों को एक या दो दिन में देखना चाहते हैं। अन्यथा, स्वस्थ बच्चे जिनके कभी-कभी खांसी होती है तथा जिनको खास तौर पर ठंड से लक्षण हैं (जैसे बहती नाक), उनको डॉक्टर के पास ले जाने की ज़रूरत नहीं होती है।

क्रोनिक खांसी से पीड़ित बच्चे तथा जिनको कोई चेतावनी संकेत नहीं हैं, उनको डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए, लेकिन कुछ दिनों या सप्ताहों की देरी आमतौर पर हानिकारक नहीं होती है।

डॉक्टर क्या करते हैं

डॉक्टर पहले बच्चे के लक्षणों और चिकित्सा इतिहास के बारे में प्रश्न पूछते हैं। उसके बाद डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण करते हैं। जो कुछ वे चिकित्सा इतिहास या शारीरिक परीक्षा में देख पाते हैं, उससे आमतौर पर खांसी के कारण का पता लग सकता है और उन जांचों को तय किया जा सकता है जिनको करने की जरूरत है ( टेबल देखें: बच्चों में खांसी के कुछ कारण और विशेषताएं)।

खांसी के बारे में जानकारी से डॉक्टर को इसके कारण को तय करने में मदद मिलती है। इसलिए, डॉक्टर निम्नलिखित बातें पूछ सकता है

  • दिन के किस समय पर खांसी होती है?

  • कौन-कौन से कारक—जैसे ठंडी हवा, शरीर की पोजिशन, बात करना, खाना, पीना या एक्सरसाइज़—से खांसी शुरू होती है या उसमें राहत मिलती है?

  • खांसी की आवाज़ किस तरह की होती है?

  • क्या लक्षण अचानक या धीरे-धीरे शुरु होते हैं?

  • बच्चे के अन्य लक्षण क्या हैं?

  • क्या खांसी के साथ थूक या रक्त भी आता है?

रात के समय होने वाली खांसी दमा या पोस्टनैज़ल ड्रिप के कारण हो सकती है। नींद की शुरूआत में खांसी आना तथा सुबह जागते समय खांसी आना, आमतौर पर साइनस की सूजन के कारण होती है (साइनुसाइटिस)। मध्य रात्रि में खांसी करना, दमा के कारण हो सकती है। भौंकने जैसी आवाज वाली खांसी क्रुप का संकेत करती है या कभी-कभी खांसी वायरल ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण के बाद शेष रह जाती है। बच्चे में बिना किसी लक्षणों के अचानक शुरू होने वाली खांसी संभावित रूप से बाह्य तत्व के सांस के साथ अंदर लेने की तरफ संकेत करती है। बहुत से लोगों की सोच के विपरीत, चाहे थूक पीला हो या हरा या गाढ़ा या पतला, जीवाणु संक्रमण को अन्य कारणों से अलग करने में मदद नहीं करता है।

जब बच्चे 6 महीने से 6 वर्ष की आयु के होते हैं, तो माता-पिता से बाहरी तत्व (जैसे छोटा खिलौना), या छोटा, स्मूथ, ठोस खाद्य पदार्थ (जैसे मुंगफली या अंगूर) को निगल लेने की संभावना के बारे में पूछा जाता है। डॉक्टर यह भी पूछते हैं कि क्या बच्चे को हाल ही में कोई श्वसन तंत्र संक्रमण हुआ है, बार-बार निमोनिया, एलर्जी, या अस्थमा हुआ है या ट्यूबरक्लोसिस या अन्य संक्रमणों के संपर्क में आया है, जैसा कि कुछ देशों की यात्रा के दौरान हो सकता है।

शारीरिक परीक्षा की जाती है। सांस लेने से संबंधित समस्याओं की जांच करने के लिए, डॉक्टर बच्चे के सीने की जांच करते हैं, स्टेथोस्कोप के साथ इसकी धड़कन को सुनते हैं और इसे टैप (पर्कस) करते हैं। डॉक्टर सर्दी के लक्षणों, सूजी हुई लसीका ग्रंथियों तथा एब्डॉमिनल दर्द की भी जांच करते हैं।

टेबल

परीक्षण

डॉक्टर द्वारा जिन लक्षणों और कारणों पर संदेह व्यक्त किया जाता है, उनके आधार पर परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है अथवा नहीं भी हो सकती है। चेतावनी संकेत वाले बच्चों में, डॉक्टर खास तौर पर क्लिप-ऑन सेंसर (पल्स ऑक्सीमेट्री) का इस्तेमाल करके रक्त में ऑक्सीजन के संकेन्द्रण की माप करते हैं और सीने का एक्स-रे लेते हैं। इन परीक्षणों को तब भी किया जाता है जब बच्चों को क्रोनिक खांसी होती है या ऐसी खांसी जो बदतर होती जाती है। डॉक्टर दूसरे परीक्षण भी कर सकते हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि उनको चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षा के दौरान किन बातों का पता लगता है ( टेबल देखें: बच्चों में खांसी के कुछ कारण और विशेषताएं)।

ऐसे बच्चे जिनमें कोई चेतावनी संकेत नहीं हैं और खांसी 4 सप्ताह तक या उससे कम समय के लिए जारी रहती है और सर्दी के लक्षण मौजूद हैं, तो परीक्षण जरूरत न के बराबर होती है। ऐसे मामलों में, आमतौर पर कारण वायरल संक्रमण होता है। हालाँकि, अगर किसी स्कूल या डे-केयर सेंटर में कोविड-19 जैसा संक्रमण मौजूद है, तो परीक्षण किया जा सकता है।

परीक्षणों की तब भी आवश्यकता नहीं पड़ती है जब लक्षण से पूरी तरह से कारण का पता लगता है। ऐसे मामलों में, डॉक्टर अनुमानित कारण के लिए बस उपचार की शुरूआत कर सकते हैं। लेकिन, यदि उपचार के बावजूद लक्षण बने रहते हैं, तो अक्सर परीक्षण किए जाते हैं।

बच्चों में खांसी का उपचार

खांसी के उपचार में कारण के उपचार पर ध्यान दिया जाता है (उदाहरण के लिए बैक्टीरियल निमोनिया के लिए एंटीबायोटिक्स या एलर्जिक पोस्टनेज़ल ड्रिप के लिए एंटीहिस्टामाइन)।

खांसी के लक्षणों से राहत पाने के लिए, माता-पिता को अक्सर घरेलू उपचारों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है जैसे कि बच्चे को नम हवा में सांस लेना (जैसे ठंडी-धुंध वेपोराइज़र या गर्म शॉवर में) और अतिरिक्त फ़्लूड का सेवन करना। हालांकि, इन उपायों से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण बहुत कम हैं कि इनसे बच्चों को अच्छा महसूस होता है या नहीं। हालाँकि, एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में, शहद (सीधे या किसी द्रव में घोल कर) कफ़ से राहत के लिए दिया जा सकता है।

खांसी शामक दवाएँ (जैसे डेक्स्ट्रोमीथोरफ़ेन तथा कोडीन) की बच्चों के लिए विरल रूप से ही सिफारिश की जाती है। वायुमार्गों से स्रावों को बाहर निकालने के लिए शरीर के लिए खांसी एक महत्वपूर्ण तरीका है। साथ ही, इन दवाओं के संभावित रूप से दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे भ्रम और सेडेशन, तथा इस बात के बहुत कम साक्ष्य हैं कि इनसे बच्चों को बेहतर महसूस होता है या वे जल्दी से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर लेते हैं। एक्पेक्टोरेंट्स, जिससे म्युकस पतला और ढ़ीला हो जाता है, (ताकि उसे खांसी के साथ आसानी से निकाला जा के), को भी आमतौर पर बच्चों को देने से बचा जाता है।

महत्वपूर्ण मुद्दे

  • आमतौर पर, डॉक्टर की परीक्षा के परिणाम के आधार पर खांसी के कारण की पहचान की जा सकती है।

  • 6 महीने से 6 वर्ष की आयु के बच्चों में, वायुमार्ग में बाहरी तत्व पर अवश्य विचार किया जाना चाहिए।

  • सीने का एक्स-रे किया जाता है जब बच्चों में चेतावनी संकेत नज़र आते हैं या खांसी जो 4 सप्ताह से अधिक समय के लिए बनी रहती है।

  • आमतौर पर, कफ़ सप्रेज़ेंत्स और एक्सपेक्टोरेंट्स का सुझाव नहीं दिया जाता है; शहद, एक वर्ष या इससे अधिक उम्र के ब्च्चों को दिया जा सकता है।