ज़ीरोडर्मा त्वचा की साधारण ख़ुश्की को कहते हैं।
(खुजली भी देखें।)
सामान्य त्वचा की नर्म और लचीली सतह उसमें मौजूद पानी की बदौलत होती है। पानी की हानि से बचाने के लिए, त्वचा की बाहरी परत में तेल होता है जो वाष्पीकरण को धीमा करता है और नमी को त्वचा की गहरी परतों में रोके रखता है। यदि यह तेल ख़त्म हो जाए तो त्वचा ख़ुश्क यानि सूखी हो जाती है। सूखी त्वचा को ही ज़ीरोडर्मा कहते हैं, पर तब नहीं जब वह कोई वंशानुगत विकार हो या किसी अन्य स्थिति के कारण हो।
त्वचा की ख़ुश्की आम है, विशेष रूप से अधेड़ आयु पार कर चुके लोगों में। त्वचा की ख़ुश्की के जोखिम कारकों में शामिल हैं
ठंडा और सूखा मौसम
बारंबार नहाना, विशेष रूप से तब यदि कठोर साबुन प्रयोग कर रहे हों
अधिक आयु
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नहाने से सतह पर मौजूद तेल धुल जाते हैं, जिससे त्वचा सूख जाती है। ख़ुश्क त्वचा कभी-कभी उत्तेजित हो जाती है और उसमें अक्सर खुजली होती है। कभी-कभी उसके टुकड़े और छोटी-छोटी पपड़ियाँ झड़ने लगती हैं। पपड़ियाँ झड़ने की समस्या अधिकतर पैरों के निचले भाग को प्रभावित करती है।
ख़ुश्क त्वचा को रगड़ने या खुजाने/खुरचने से संक्रमण हो सकता है और निशान पड़ सकते हैं।
ख़ुश्क त्वचा का निदान
डॉक्टर द्वारा त्वचा की जांच
जब डॉक्टर ख़ुश्क, हल्की से मध्यम पपड़ीदार त्वचा देखते हैं जो आसानी से छोटे-छोटे टुकड़ों में झड़ रही होती है, तो वे ख़ुश्क त्वचा का निदान करते हैं।
ख़ुश्क त्वचा का उपचार
मॉइस्चराइजर
ख़ुश्की रोकने के अन्य उपाय
त्वचा को नम रखना ही ख़ुश्क त्वचा के उपचार की कुंजी है।
पेट्रोलियम जैली, मिनरल ऑइल, या ग्लिसरीन युक्त मॉइश्चुराइज़िंग ऑइंटमेंट या क्रीम भी पानी को त्वचा में थामे रख सकते हैं और इन्हें नहाने के तुरंत बाद प्रयोग करना चाहिए। लैक्टिक एसिड या सैलिसिलिक एसिड जैसे कुछ पदार्थों से युक्त मॉइस्चराइजर भी प्रयोग किए जा सकते हैं।
कम बार नहाने और गर्म की बजाए गुनगुना पानी प्रयोग करने से त्वचा की रक्षा करने वाले तेल त्वचा पर ही बने रह पाते हैं।
कठोर साबुन, डिटरजेंट, और कुछ मॉइस्चराइजर में मौजूद परफ़्यूम त्वचा को पीड़ा देते हैं और उसे और अधिक ख़ुश्क बना सकते हैं।