कोरोनरी धमनी रोग का उपचार करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाइयाँ*

उदाहरण

कुछ दुष्प्रभाव

टिप्पणियाँ

एंजियोटेंसिन-कन्व्हर्टिंग एंज़ाइम (एसीई) इनहिबिटर

बेनाज़ेप्रिल

कैप्टोप्रिल

इनैलैप्रिल

फोसिनोप्रिल

लिसिनोप्रिल

मोएक्सोप्रिल

पेरिंडोप्रिल

क्विनाप्रिल

रैमिप्रिल

ट्रैंडोप्रिल

खाँसी, आमतौर पर सूखी और धात्विक

लाल दाने

दुर्लभ रूप से, तीव्र एलर्जी प्रतिक्रिया (एंजियोएडीमा)

संभावित रूप से गुर्दे की कार्यशीलता का बदतर होना जब लोगों को पहले से गुर्दे का रोग होता है या जब किसी एक गुर्दे को जाने वाली धमनी काफी संकरी हो जाती है

ये दवाइयाँ ब्लड प्रेशर को कम करती हैं और हार्ट फेल का उपचार करती हैं तथा हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज से पीड़ित लोगों में किडनी को क्षति पहुँचने से बचाती हैं। वे उन लोगों को भी लाभान्वित करती हैं जिन्हें दिल के दौरे पड़ चुके हैं।

जिन लोगों को उच्च रक्तचाप, हार्ट फेल्यूर, या दिल के दौरे पड़ने का इतिहास है और जिनका उपचार ACE इन्हिबिटर से किया जाता है वे उन लोगों से अधिक समय तक जीवित रहते हैं जो ACE इन्हिबिटर नहीं लेते हैं।

एंजियोटेन्सिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (ARB)

कैंडीसार्टान

एप्रोसार्टान

इर्बिसेर्टन

लोसार्टन

ओल्मेसार्टान

टेल्मीसार्टान

वैल्सार्टान

ACE इन्हिबिटरों के समान ही होती हैं, लेकिन खाँसी बहुत कम आम है।

इन दवाइयों के प्रभाव और लाभ, ACE इन्हिबिटर दवाइयों के जैसे ही होते हैं। गंभीर हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट फेल से पीड़ित लोगों में, इन दवाइयों का उपयोग किसी ACE इन्हिबिटर के साथ किया जा सकता है।

अन्य दवाएं

रैनोलेज़ीन

चक्कर आना, सिरदर्द, कब्ज, और मतली

इस दवाई का उपयोग उन लोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है, जिनका अन्य दवाइयों से उपचार करने के बावजूद भी उनमें एनजाइना के लक्षण बने रहते हैं।

इवाब्रैडीन

धुंधली नज़र, सीने में हल्का दर्द, धीमी या तेज़ धड़कन, सिरदर्द, चक्कर या बेहोशी आना

इस दवाई का उपयोग ऐसे कुछ लोगों में एनजाइना के लक्षणों का उपचार करने के लिए किया जाता है, जो बीटा-ब्लॉकर नहीं ले सकते।

थक्कारोधी (एंटीकोएग्युलेन्ट्स)

एर्गाट्रोबैन

Apixaban

बाइवैलिरुडिन

डेबीगैस्ट्रैन

डाल्टेपैरिन

इनॉक्सापैरिन

फोंडापैरिनक्स

हेपरिन

Rivaroxaban

टिंज़ापैरिन

वोर्फारिन

खास तौर पर समान प्रभाव वाली अन्य दवाइयों (जैसे कि एस्पिरिन और अन्य बिना स्टेरॉइड वाली दवाइयों) के साथ उपयोग करने पर रक्तस्राव होता है

ये दवाइयाँ ब्लड क्लॉटिंग होने से रोकती हैं। उनका उपयोग ऐसे लोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है जिन्हें अनस्टेबल एंजाइना है या दिल का दौरा पड़ा है।

एंटीप्लेटलेट दवाएँ

एस्पिरिन

क्लोपिडोग्रेल

प्रैसुग्रेल

टिकाग्रेलॉर

टिक्लोपिडीन

खास तौर पर समान प्रभाव वाली अन्य दवाइयों (जैसे एंटीकोग्युलेन्ट) के साथ उपयोग करने पर रक्तस्राव होता है

एस्पिरिन के साथ, पेट में जलन

टिक्लोपाइडिन और कुछ हद तक क्लोपिडोग्रेल से श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी आने का थोड़ा जोखिम होता है

ये दवाइयाँ प्लेटलेट को चिपकने और ब्लड क्लॉट को बनने से रोकती हैं। वे दिल के दौरे के जोखिम को भी कम करती हैं। उनका उपयोग ऐसे लोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है जिन्हें स्टेबल या अनस्टेबल एंजाइना है या दिल का दौरा पड़ा है।

एस्पिरिन को दिल के दौरे का संदेह होते ही तत्काल लिया जाता है। जिन लोगों को एस्पिरिन से एलर्जी होती है, वे इसके विकल्प के तौर पर क्लोपिडोग्रेल या टिक्लोपाइडिन ले सकते हैं।

बीटा ब्लॉकर्स

एटीनोलॉल

बाइसोप्रोलॉल

कार्वेडिलॉल

मेटोप्रोलॉल

वायुमार्गों की ऐंठन (ब्रॉंकोस्पाज्म)

असामान्य रूप से धीमी हृदय दर (ब्रैडीकार्डिया)

ह्रदय की विफलता (हार्ट फैल्योर)

ठंडे हाथ और पाँव

नींद न आना

थकान

सांस लेने में परेशानी

अवसाद

रेनॉड सिंड्रोम

दुःस्वप्न

मतिभ्रम

यौन-क्षमता में गड़बड़ी

कई बीटा-ब्लॉकर के साथ, ट्राइग्लिसराइड के स्तर में वृद्धि और अधिक घनत्व के लिपोप्रोटीन (HDL) के स्तर में कमी आ जाती है, जो एक "अच्छा" कोलेस्ट्रोल होता है

ये दवाइयाँ हृदय के काम के बोझ तथा दिल के दौरे और अचानक मृत्यु के जोखिम को कम कर देती हैं। उनका उपयोग ऐसे लोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है जिन्हें स्टेबल या अनस्टेबल एंजाइना या माइक्रोवैस्कुलर एंजाइना है या दिल का दौरा पड़ा है।

कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स

एम्लोडिपीन

डिल्टियाज़ेम

फेलोडिपीन

निफेडिपीन (केवल सस्टेंड-रिलीज़)

वेरापामिल

चक्कर आना

टखनों में तरल का जमाव (एडीमा)

तमतमाहट

सिरदर्द

सीने में जलन

मसूड़ों का फूलना

हृदय की असामान्य ताल (एरिदमियास)

वेरैपामिल के साथ, कब्ज

शॉर्ट-एक्टिंग कैल्शियम चैनल ब्लॉकरों के साथ, लेकिन लॉंग-एक्टिंग के साथ नहीं, दिल के दौरे के कारण मृत्यु के जोखिम में वृद्धि की संभावना, खास तौर से उन लोगों में जिन्हें अनस्टेबल एंजाइना है या जिन्हें हाल ही में दिल का दौरा पड़ा है

ये दवाइयाँ रक्त वाहिकाओं को संकुचित होने से रोकती हैं और धमनी की ऐंठन को ठीक कर सकती हैं। डिल्टियाज़ेम और वेरैपामिल हृदय दर को कम करते हैं। कैल्शियम चैनल ब्लॉकरों का उपयोग उन लोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है जिन्हें स्टेबल एंजाइना है।

ग्लाइकोप्रोटीन IIb/IIIa इन्हिबिटर (एक प्रकार की प्लेटलेट-रोधी दवाई)

एबसिक्सिमैब

एप्टिफिबाटाइड

टायरोफिबैन

खास तौर पर समान प्रभाव वाली अन्य दवाइयों (जैसे कि एंटीकोग्युलेन्ट या थ्रॉम्बोलाइटिक दवाइयों) के साथ उपयोग किए जाने पर रक्तस्राव होता है

प्लेटलेटों की संख्या में कमी

ये दवाइयाँ प्लेटलेट को चिपकने और ब्लड क्लॉट को बनने से रोकती हैं। उनका उपयोग उन लोगों का उपचार करने के लिए किया जा सकता है जिन्हें अनस्टेबल एंजाइना है, खास तौर से जो दिल के दौरे के बाद परक्युटेनियस करोनरी हस्तक्षेप करवा रहे हैं।

नाइट्रेट्स

आइसोसॉर्बाइड डाइनाइट्रेट

आइसोसॉर्बाइड मोनोनाइट्रेट

नाइट्रोग्लिसरीन

तमतमाहट

सिरदर्द

अस्थायी रूप से तेज हृदय दर (टैकीकार्डिया)

ये दवाइयाँ एनजाइना से राहत देती हैं, एनजाइना की घटनाओं को रोकती हैं तथा दिल के दौरे और अचानक मृत्यु के जोखिम को कम करती हैं। (हालांकि, जोखिम में कमी बीटा-ब्लॉकर दवाइयों से बहुत कम होती है।) उनका उपयोग ऐसे लोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है जिन्हें स्टेबल या अनस्टेबल एंजाइना या माइक्रोवैस्कुलर एंजाइना है। ये दवाइयाँ लंबे समय तक प्रभावी बनी रहें, इसके लिए लोगों को हर रोज़ 8 से 12 घंटे तक यह दवाई लिए बिना रहना होगा।

ओपिओइड्स

मॉर्फीन

व्यक्ति के खड़े होने पर निम्न रक्तचाप

कब्ज़

जी मिचलाना

उल्टी होना

भ्रम (खास तौर पर वयोवृद्ध वयस्कों में)

दिल के दौरे का सामना कर चुके कुछ लोगों में, अन्य दवाइयों के उपयोग के बावजूद दर्द बने रहने पर इन दवाइयों का उपयोग चिंता और दर्द से राहत पहुँचाने के लिए किया जाता है।

PCSK-9 इन्हिबिटर्स

एलिरोकुमैब

इवोलोकुमैब

कुछ गंभीर बुरे असर

इन दवाइयों का उपयोग उन रोगियों में LDL-C मतलब "खराब" कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करने के लिए किया जाता है, जिनके रक्त में LDL-C की मात्रा सही नहीं होती है। प्राथमिक हाइपरलिपिडेमिया (फ़ैमिलियल हाइपरकोलेसटेरोलेमिया सहित) से पीड़ित वयस्कों, जिनमें ऐसे लोग भी शामिल होते हैं, जिन्हें कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम करने वाली अन्य दवाइयों को सहन करने में समस्या होती है, उनके उपचार के लिए इनका उपयोग अकेले या लिपिड की मात्रा कम करने वाली अन्य दवाइयों (जैसे स्टेटिन, एज़ेटिमाइब) के साथ किया जाता है

स्टैटिन†

अटॉर्वास्टैटिन

फ्लूवास्टैटिन

लोवास्टैटिन

प्रैवास्टैटिन

रोज़ुवास्टैटिन

सिम्वास्टैटिन

कभी-कभार, मासंपेशियों में पीड़ा और दर्द, लेकिन दुर्लभ रूप से मांसपेशियों में तीव्र दर्द (मायोसाइटिस)

बहुत ही कम मामलों में लिवर को नुकसान पहुँचता है, लेकिन यह उन लोगों में अधिक आम नहीं होता, जो इस दवाई को नहीं ले रहे होते हैं

ये दवाइयाँ कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करती हैं और क्षतिग्रस्त धमनियों के ठीक होने में मदद करती हैं, जिससे दिल के दौरे या आघात के होने या दोबारा होने की संभावना कम हो जाती है।

थ्रॉम्बोलाइटिक दवाइयाँ

आल्टेप्लेज़

एनिस्ट्रेप्लेज़

रेटीप्लेज़

स्ट्रेप्टोकाइनेज़

टेनेक्टेप्लेज़

दुर्लभ रूप से, मस्तिष्क (इंट्रासेरेब्रल हेमरेज) या पाचन तंत्र के अंदर रक्तस्राव

ये दवाइयाँ ब्लड क्लॉट को पिघला देती हैं। उनका उपयोग उन लोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है जिन्हें दिल का दौरा पड़ा है।

* व्यक्ति को किस प्रकार का कोरोनरी धमनी रोग है, इसके आधार पर डॉक्टर दवाइयों के अलग-अलग संयोजनों का उपयोग कर सकते हैं।

† इन्हें हाइड्रॉक्सीमिथाइलग्लूटैरिल-CoA (HMG-CoA) रिडक्टेज़ इन्हिबिटर भी कहते हैं।