मूत्राशय

इनके द्वाराGlenn M. Preminger, MD, Duke Comprehensive Kidney Stone Center
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जन॰ २०२५

मूत्राशय एक विस्तार योग्य, मांसपेशियों की थैली होती है। मूत्र यूरेटर से आते ही मूत्राशय में इकट्ठा हो जाता है।

मूत्राशय धीरे-धीरे मूत्र की बढ़ती मात्रा को समायोजित करने के लिए आकार में बढ़ जाता है। जब मूत्राशय भरा होता है, तो पेशाब करने की जरूरत को व्यक्त करने के लिए मस्तिष्क को तंत्रिका सिग्नल भेजे जाते हैं। जब कोई व्यक्ति पेशाब करता है, तो मूत्राशय के आउटलेट पर स्थित मूत्र स्पिंक्टर (जहां मूत्राशय और यूरेटर मिलते हैं), मूत्र को बाहर निकलने देने के लिए खुलते है। इसके साथ ही, मूत्राशय की दीवार स्वचालित रूप से सिकुड़ जाती है, जिससे दबाव बनने से मूत्र नीचे यूरेथ्रा में जाता है। अतिरिक्त दबाव डालकर एब्डॉमिनल वॉल की मांसपेशियों को स्वेच्छा से कसने से सहायता मिलती है। मूत्राशय की दीवार में यूरेटर के छोर मूत्राशय के संकुचन के दौरान कसकर बंद रहते हैं ताकि मूत्र को किडनी की ओर यूरेटर में वापस बहने से रोका जा सकता है।

(मूत्र मार्ग का विवरण भी देखें।)

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