फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस

(फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस; फ्लिक्टेनुलोसिस)

इनके द्वाराVatinee Y. Bunya, MD, MSCE, Scheie Eye Institute at the University of Pennsylvania
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जुल॰ २०२४

फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस आँख का एक विकार है जिसमें कोर्निया (परितारिका और पुतली के सामने स्थित पारदर्शी पर्त) और कंजंक्टाइवा (पलकों के अस्तर का निर्माण करने और आँख के श्वेत भाग को ढकने वाली झिल्ली) में जीवाणुओं के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है।

  • आँख पर छोटी-छोटी, पीली-धूसर, उठी हुई गाँठें बनती हैं।

  • आम लक्षण हैं, आँख का लाल होना, धुंधला दिखना, तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, आँख में किसी बाहरी वस्तु के फंस जाने का एहसास, और कभी-कभी पलकों के किनारों पर मृत त्वचा की पपड़ियाँ दिखना।

  • डॉक्टर फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस का निदान आँख की दिखावट के आधार पर करते हैं।

  • उपचार आई ड्रॉप्स या पलकों के स्क्रब से किया जाता है।

आँख के अंदर का दृश्य

फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस संक्रमण नहीं है। यह आखों पर या उनके चारों ओर स्थित जीवाणुओं के प्रति एक प्रतिरक्षी प्रक्रिया है। इस विकार को उत्पन्न करने वाले कुछ जीवाणुओं में स्टैफिलोकॉकाई, और दुर्लभ रूप से, क्षयरोग, और क्लेमाइडिया शामिल हैं। यह विकार बच्चों में अधिक आम होता है।

फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस के लक्षण

लिम्बस (वह क्षेत्र जहाँ कंजंक्टाइवा कोर्निया के साथ संलग्न होती है) पर, कोर्निया पर, या कंजंक्टाइवा पर छोटी-छोटी, पीली-धूसर, उभरी हुई गाँठें प्रकट होती हैं। ये गाँठें कई दिनों से 2 सप्ताह तक बनी रहती हैं। कंजंक्टाइवा पर, ये गाँठें खुले छालों (अल्सर) में बदल जाती हैं लेकिन निशानों के बिना ठीक हो जाती हैं। जब कोर्निया प्रभावित होती है, तो आँसू निकलना, फोटोफोबिया (आँख पर रोशनी डालने पर दर्द), धुंधला दिखना, पीड़ा होना, और आँख में बाहरी वस्तु के होने जैसा एहसास हो सकता है। कोई लोगों को आँख का लाल होना, धुंधला दिखना, तेज रोशनी के प्रति संवेदनशीलता, आँख में किसी बाहरी वस्तु के फंस जाने का एहसास, और कभी-कभी पलकों के किनारों पर मृत त्वचा की पपड़ियाँ दिखना (सीबोरिक ब्लेफराइटिस) जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

जिन लोगों को यह विकार बार-बार होता है उनकी कोर्निया धुंधली हो सकती है, और कोर्निया पर महीन रक्त वाहिकाएं उग सकती हैं। उनकी नजर कमजोर हो सकती है।

फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस का निदान

  • डॉक्टर द्वारा आँखों का मूल्यांकन

फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस का निदान आँखों की सामान्य दिखावट के आधार पर किया जाता है।

डॉक्टर तपेदिक के लिए लोगों की जाँच कर सकते हैं।

फ्लिक्टेन्युलर केरैटोकंजंक्टिवाइटिस का उपचार

  • कॉर्टिकोस्टेरॉयड/एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स

  • सीबोरिक ब्लेफराइटिस के लिए पलकों के स्क्रब

जिन लोगों को तपेदिक नहीं होता है उन्हें कॉर्टिकोस्टेरॉयड और एंटीबायोटिक्स के संयोजन वाली आई ड्रॉप्स दी जाती हैं।

जिन लोगों को सीबोरिक डर्मेटाइटिस नामक त्वचा के रोग के कारण ब्लेफराइटिस (सीबोरिक ब्लेफराइटिस) होती है वे विकार को वापस आने से रोकने के लिए पलकों के किनारों को हल्के से रगड़ सकते हैं (देखें ब्लेफराइटिस का उपचार)।

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