मैरिंजाइटिस

(बुलस मैरिंजाइटिस)

इनके द्वाराTaha A. Jan, MD, Vanderbilt University Medical Center
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया जन॰ २०२४

मैरिंजाइटिस ईयरड्रम का एक जीवाणु या वायरल संक्रमण है।

    मैरिंजाइटिस एक्यूट ओटाइटिस मीडिया का एक रूप है और विभिन्न प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। बैक्टीरिया स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया और माइकोप्लाज़्मा सामान्य कारण हैं।

    ईयरड्रम में सूजन आ जाती है और इसकी सतह पर फ़्लूड से भरे छोटे-छोटे फफोले (वेसिकल्स) बन जाते हैं। हालांकि ओटिटिस मीडिया में वेसिकल भी मौजूद हो सकती हैं, लेकिन मायरिंजाइटिस के कारण मध्य कान में मवाद या फ़्लूड नहीं बनता है। दर्द अचानक शुरू होता है और 24 से 48 घंटे तक रहता है। मायरिंजाइटिस से पीड़ित लोगों को सुनने की क्षमता में कुछ कमी और बुखार हो सकता है।

    डॉक्टर ओटोस्कोप (कान की कैनाल और कान के पर्दे को देखने के लिए उपयोग की जाने वाली हाथ से पकड़ी जाने वाली रोशनी) के ज़रिए कान का पर्दा देखने के लिए मायरिंजाइटिस का निदान करते हैं।

    क्योंकि यह बताना मुश्किल है कि संक्रमण वायरल है या बैक्टीरिया संबंधी, ज्यादातर लोगों का उपचार एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक (एनाल्जेसिक) से किया जाता है। दर्दनाशक दवाओं को मुंह से या कान के ड्रॉप्स के रूप में दिया जा सकता है। दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर को एक छोटे से ब्लेड से वेसिकल्स को फोड़ने की आवश्यकता हो सकती है।

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