इंपीडेंस परीक्षण

(इंपीडेंस प्लानिमेट्री)

इनके द्वाराJonathan Gotfried, MD, Lewis Katz School of Medicine at Temple University
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया मार्च २०२३

    इंपीडेंस परीक्षण, एक प्रकार का परीक्षण है जिसमें एक प्रोब का उपयोग किया जाता है जो इसोफ़ेगस के अंदर एक गुब्बारे को फुलाता है और मापता है कि इसे एक निश्चित मात्रा में फैलाने में कितना दबाव लगता है। कोई इसोफ़ेगस जो सामान्य से अधिक सख्त या ढीला है, विकार की मौजूदगी का संकेत दे सकता है।

    परीक्षण से पहले, लोग 4 घंटे के लिए कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं।

    इस परीक्षण में, डॉक्टर व्यक्ति की नाक के माध्यम से एक पतली प्लास्टिक ट्यूब (कैथेटर) को इसोफ़ेगस (खोखली ट्यूब जो गले से पेट की ओर जाती है) में आगे बढ़ाते हैं। ट्यूब नमक के पानी (सैलाइन घोल) से भरे गुब्बारे से ढंकी होती है। गुब्बारे का उपयोग पाचन पथ के एक हिस्से के अंदर के क्षेत्र जैसे कि इसोफ़ेगस, के साथ-साथ उस हिस्से के अंदर का दबाव को मापने के लिए किया जाता है। जैसे ही गुब्बारे को फुलाया जाता है, गुब्बारे के साथ लगे सेंसर इसोफ़ेगस के दबाव और व्यास को मापते हैं। सेंसर के तार व्यक्ति द्वारा पहने गए डेटा रिकॉर्डर को निष्कर्ष भेजते हैं। दबाव माप और डेटा डॉक्टरों को उन लोगों का मूल्यांकन करने में सहायता करते हैं जिनके पाचन पथ में समस्या हो रही है, जैसे कि निगलने में समस्या। इंपीडेंस परीक्षण का उपयोग एसिडिटी की परवाह किए बिना, पेट से इसोफ़ेगस में आने वाले किसी भी तरल का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है, इसलिए डॉक्टर इसोफ़ेगस में एसिड (pH मॉनिटर का उपयोग करके) और गैर-एसिड रिफ्लक्स दोनों को माप सकते हैं।

    कभी-कभी इंपीडेंस परीक्षण को मैनोमेट्री नामक एक अन्य परीक्षण के साथ संयोजित किया जाता है, जिसे दबाव का मापन करने में प्रयोग किया जाता है।

    इंपीडेंस परीक्षण का उपयोग विभिन्न प्रकार के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी विकारों के निदान के लिए किया जाता है, विशेष रूप से इसोफ़ेगस में। उदाहरण के लिए, इस परीक्षण का उपयोग ऐसी नसों, जो इसोफ़ेगस (एकैलेसिया) के लयबद्ध संकुचन को नियंत्रित करती हैं, उनमें होने वाली समस्याओं का मूल्यांकन करने के लिए, सूजन संबंधी विकार का मूल्यांकन करने के लिए, जिसमें इसोफ़ेगस की दीवार बड़ी संख्या में सफेद रक्त कोशिकाओं से भर जाती है (इओसिनोफिलिक इसोफ़ेजाइटिस), और संभवतः इसोफ़ेगस में पेट की सामग्री के पीछे की ओर प्रवाह (गैस्ट्रोइसोफ़ेजियल रिफ्लक्स रोग [GERD]) का मूल्यांकन करने के लिए किया जा सकता है। अगर मैनोमेट्री का उपयोग करके कोई निदान नहीं किया जा सकता है या यदि लोग मैनोमेट्री को सहन नहीं कर सकते हैं तो इसका उपयोग कर डॉक्टर उपयोगी नैदानिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

    इसके अतिरिक्त, इंपीडेंस परीक्षण को लोगों द्वारा पाचन विकार के लिए उपचार हासिल करने के दौरान और बाद में कभी-कभी किया जाता है। उदाहरण के लिए, जो लोग एकैलेसिया का उपचार करा रहे हैं (जैसे कि सर्जरी), वो फिर से परीक्षण कराते हैं क्योंकि इससे यह निर्धारित हो सकता है कि उपचार काम कर रहा है या नहीं और डॉक्टरों को यह तय करने में मदद मिल सकती है कि आगे किस उपचार की आवश्यकता है। यह परीक्षण उन लोगों में भी किया जा सकता है, जिन्होंने बेरियाट्रिक सर्जरी या रिफ्लक्स के लिए सर्जरी (फंडोप्लीकेशन) कराई है।

    इंपीडेंस परीक्षण की जटिलताएं असामान्य हैं और इसमें नाक, गले या इसोफ़ेगस को चोट शामिल है।

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