- पाचन विकारों के निदान का परिचय
- पाचक विकारों के लिए चिकित्सा इतिहास और शारीरिक जांच
- एसिड संबंधी और रिफ्लक्स संबंधी परीक्षण
- पाचन पथ की कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी और मैग्नेटिक रीसोनेंस इमेजिंग
- एंडोस्कोपी
- इंपीडेंस परीक्षण
- पाचन तंत्र का इंट्यूबेशन
- लैप्रोस्कोपी
- मेनोमेट्री
- पाचक पथ के न्यूक्लियर स्कैन
- पैरासेन्टेसिस
- मल ऑकल्ट रक्त परीक्षण
- पेट की अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग
- वीडियो कैप्सूल एंडोस्कोपी
- पाचन पथ के एक्स-रे अध्ययन
पाचन (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) तंत्र पर असर डालने वाले विकारों को पाचन विकार कहा जाता है। कुछ विकार एक साथ पाचन तंत्र के कई हिस्सों पर असर डालते हैं, जबकि दूसरे केवल एक भाग या अंग को प्रभावित करते हैं। (पाचन तंत्र का विवरण भी देखें।)
चिकित्सा इतिहास, शारीरिक जांच, और यदि लागू हो, तो मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन के निष्कर्षों के आधार पर, डॉक्टर उपयुक्त परीक्षणों को चुनते हैं। पाचन तंत्र पर किए गए परीक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
ये परीक्षण डॉक्टर को किसी समस्या का पता लगाने, निदान करने और कभी-कभी उसका उपचार करने में मदद कर सकते हैं। कुछ परीक्षणों के लिए पाचन तंत्र से मल को साफ करने की आवश्यकता होती है, कुछ में उपवास की आवश्यकता होती है, और अन्य के लिए किसी तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है।
हालांकि नैदानिक परीक्षण कुछ चिकित्सा विकारों की उपस्थिति या अनुपस्थिति के निदान में बहुत उपयोगी हो सकते हैं, पर वे काफी महंगे भी हो सकते हैं और दुर्लभ मामलों में इनके कारण रक्तस्राव या चोट लग सकती है। डॉक्टर के साथ किसी परीक्षण के जोखिम और लाभों पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।