कंठ और इसोफ़ेगस

इनके द्वाराMichael Bartel, MD, PhD, Fox Chase Cancer Center, Temple University
समीक्षा की गई/बदलाव किया गया अक्तू॰ २०२२

    कंठ (फ़ेरिंक्स) मुंह के पीछे और नीचे होता है। जब भोजन और द्रव्य मुंह से नीचे उतरते हैं, तो वे कंठ से होकर गुजरते हैं। भोजन और द्रव्य का निगलना अपनी इच्छा से शुरू होता है और अपने आप जारी रहता है। एक छोटा मांसपेशी वाला फ्लैप (एपिग्लॉटिस) भोजन और द्रव्य को फेफड़ों की ओर विंडपाइप (श्वासनली) से नीचे जाने से रोकने के लिए बंद हो जाता है। मुंह की छत का पिछला हिस्सा (कोमल तालु) ऊपर उठता है ताकि भोजन और द्रव्य को नाक के ऊपर जाने से रोका जा सके। यूव्यल, कोमल तालू से जुड़ा हुआ एक छोटा सा फ्लैप, द्रव्य को नाक की कैविटी में ऊपर की ओर जाने से रोकने में मदद करता है।

    (पाचन तंत्र का विवरण भी देखें।)

    पाचन तंत्र

    इसोफ़ेगस एक महीन-सी दीवार वाला मांसपेशी का चैनल है, जो श्लेष्म झिल्ली से ढंका हुआ होता है जो कंठ को पेट से जोड़ता है। भोजन और द्रव्य को इसोफ़ेगस के ज़रिए न केवल गुरुत्वाकर्षण से बल्कि पेरिस्टेल्सिस नामक मांसपेशियों के लयबद्ध संकुचन की तरंगों द्वारा भी धकेला जाता है। इसोफ़ेगस के दोनों छोर पर अंगूठी के आकार की मांसपेशियाँ (ऊपरी और निचले इसोफ़ेजियल स्पिंक्टर्स) होती हैं, जो खुलती और बंद होती हैं। इसोफ़ेजियल स्पिंक्टर्स सामान्य रूप से पेट की सामग्री को इसोफ़ेगस या कंठ में वापस बहने से रोकते हैं।

    इसोफ़ेगस कैसे काम करता है

    किसी व्यक्ति द्वारा निगलते ही, भोजन मुंह से कंठ की ओर जाता है, जिसे फ़ेरिंक्स (1) भी कहा जाता है। ऊपरी इसोफ़ेजियल स्पिंक्टर खुलता है (2) ताकि भोजन इसोफ़ेगस में प्रवेश कर सके, जहां मांसपेशियों के संकुचन की तरंगें, जो पेरिस्टेल्सिस कहलाती हैं, भोजन को नीचे की ओर धकेलती हैं (3)। तब भोजन डायाफ़्राम (4) और निचले इसोफ़ेजियल स्पिंक्टर (5) से होकर गुजरता है और पेट में ले जाया जाता है।

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